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    Doctors Strike: हिमाचल के किन अस्पतालों में हड़ताल का सबसे ज्यादा असर, कहां मिल रहीं पूरी सेवाएं? IGMC में टले 100 ऑपरेशन

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Sat, 27 Dec 2025 11:16 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में डॉ. राघव निरूला की बर्खास्तगी के विरोध में डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। इससे अधिकांश अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं, ...और पढ़ें

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    शिमला आईजीएमसी में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण परेशान बैठे मरीज। जागरण

    जागरण टीम, शिमला। इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में डाक्टर और मरीज के बीच मारपीट के मामले के बाद सीनियर रेजिडेंट डा. राघव निरूला की बर्खास्तगी के विरोध में आज भी स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल हैं। प्रदेश के अधिकतर अस्पतालों में डॉक्टर आज भी सामूहिक अवकाश पर हैं। 

    मेडिकल आफिसर्स के सामूहिक अवकाश के कारण जिला व उपमंडलस्तरीय अस्पतालों और पीएचसी-सीएचसी में लोगों को बिना उपचार के लौटना पड़ रहा है। सिर्फ आपातकालीन सेवाएं ही उपलब्ध हैं। कई जगह ऑपरेशन भी टालने पड़े हैं। 

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    आईजीएमसी में टालने पड़े ऑपरेशन

    आईजीएमसी शिमला में डाक्टरों के सामूहिक अवकाश का सबसे ज्यादा असर दिखा। यहां 100 से अधिक ऑपरेशन टालने पड़े। इसके अलावा आपातकाल में आर्थो के दो आपरेशन किए गए। क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में ओपीडी सेवाएं बाधित रहने के साथ चार आपरेशन टालने पड़े।

    टांडा में कॉलेज शिक्षक संघ के चिकित्सकों ने संभाली ओपीडी

    डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल टांडा में भी रेजिडेंट डाक्टर सामूहिक अवकाश पर हैं। टांडा सहित सभी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं बहाल हैं। टांडा मेडिकल कॉलेज शिक्षक संघ के चिकित्सकों ने ओपीडी में सेवाएं बहाल रखीं, जिससे मरीजों को कुछ हद तक राहत मिली। शुक्रवार को मेडिकल कालेज टांडा में लगभग 25 आपरेशन किए गए।

    चंबा व नेरचौक में मिल रही सेवाएं

    नेरचौक मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रहीं। यहां पर 10 आपरेशन हुए। चंबा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भी सेवाएं बहाल हैं। 

    मंडी व कुल्लू के अस्पतालों में हड़ताल का असर

    मंडी जिले के अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में हड़ताल का असर दिखा, जिससे मरीजों को परेशान होना पड़ा। कुल्लू जिले में भी हड़ताल का असर दिखा। मनाली, बंजार, आनी, सैंज में स्वास्थ्य सेवाएं ठप रहीं। क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में इमरजेंसी में मरीजों को उपचार मिला। हालांकि चिकित्सकों ने दो सीजेरियन भी किए।

    हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में सेवाएं जारी

    मेडिकल कालेज एवं अस्पताल हमीरपुर में शुक्रवार को हड़ताल का असर नहीं दिखा। यहां पर मरीजों का उपचार सुचारू रूप से किया गया। हमीरपुर में शनिवार को भी डॉक्टर काले बिल्ले लगाकर सेवाएं दे रहे हैं। 
    मेडिकल कालेज हमीरपुर के प्राचार्य डा. रमेश भारती ने बताया कि मेडिकल कालेज में सभी डाक्टरों ने ओपीडी व वार्डों में मरीजों का उपचार किया। अस्पताल में ओपीडी 1232 रही जबकि आंखों के 26, सर्जरी के सात, आर्थो के दो तथा गायनी के तीन आपरेशन किए गए। 

    ऊना जिले के अस्पतालों में सेवाएं ठप

    ऊना जिले के भी सभी चिकित्सक शुक्रवार को सामूहिक अवकाश पर रहे। इससे सरकारी अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं ठप रहीं। मेडिकल कालेज एवं अस्पताल चंबा में डाक्टरों की हड़ताल से ओपीडी में सेवाएं बंद रहीं। यहां पर इमरजेंसी में ही उपचार की सुविधा मिली।  जिला के लगभग सभी प्रमुख नागरिक अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में डाक्टरों की ओर से हड़ताल की गई। 

    सेमडिकोट की अपील, आपात स्थिति में ही आएं अस्पताल

    सेमडिकोट के सचिव डा. मनीष गुप्ता ने लोगों से अपील की है कि वे आपात स्थिति में ही अस्पताल आएं। इससे न केवल अस्पतालों में भीड़ कम होगी, बल्कि आपातकालीन सेवाओं के सुचारू संचालन में भी बाधा उत्पन्न नहीं होगी। सेमडिकोट ने कहा कि डाक्टर और मेडिकल स्टाफ मरीजों की सेवा में जुटा है। संगठन ने कहा कि गंभीर रूप से बीमार, दुर्घटनाग्रस्त, गर्भवती महिलाओं और अन्य आपात जरूरत वाले मरीजों को प्राथमिकता दी जानी आवश्यक है।

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