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    हिमाचल सरकार कर्ज में फंसे छोटे कारोबारियों की करेगी मदद, मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना शुरू; क्या रहेंगी शर्तें?

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Sun, 21 Dec 2025 01:44 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश सरकार ने शहरी क्षेत्रों के छोटे दुकानदारों के लिए मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना शुरू की है। इसके तहत छोटे दुकानदारों को ऋण की एक ...और पढ़ें

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    हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने शहरी क्षेत्रों के छोटे दुकानदारों और विक्रेताओं को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना (शहरी) आरंभ की है। इस संबंध में शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके तहत शहरी क्षेत्रों में कार्यरत संकटग्रस्त छोटे दुकानदारों को ऋण की एकमुश्त निपटान सुविधा (वनटाइम सेटलमेंट) की सुविधा प्रदान की जाएगी।

    इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार छोटे व्यापारियों के बैंकों में फंसे कर्ज को निपटाने में सहायता करेगी, ताकि वह दोबारा अपने व्यवसाय को सुदृढ़ कर सकें।

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    एक लाख रुपये तक की ओटीएस सुविधा

    योजना के अंतर्गत 10 लाख रुपये से कम वार्षिक टर्नओवर वाले छोटे दुकानदारों को बैंकों के माध्यम से एक लाख रुपये तक की ओटीएस (वनटाइम सेटलमेंट) सुविधा दी जाएगी, जिसका पूरा भार राज्य सरकार वहन करेगी। प्रदेश के स्थायी निवासी ही इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। 

    राज्य सरकार वहन करेगी राशि

    बैंकों से लिए गए व्यावसायिक ऋण, जिन खातों को एनपीए घोषित किया गया है, को ओटीएस के तहत निपटान की सुविधा दी जाएगी। जिन दुकानदारों पर कुल बकाया मूलधन और ब्याज एक लाख रुपये तक है, उनके लिए यह राशि राज्य सरकार वहन करेगी। यदि बकाया एक लाख रुपये से अधिक है तो दुकानदार शेष राशि स्वयं जमा करवाएगा। एक लाख रुपये तक की ओटीएस सुविधा सहायता सरकार देगी।

    ग्रामीण क्षेत्रों में 2023 से चल रही योजना

    सरकार ने वर्ष 2023 में ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना शुरू की थी। मुख्यमंत्री के 2025-26 के बजट भाषण में इस योजना को शहरी क्षेत्रों तक विस्तार देने की घोषणा की थी, जिसे अब लागू किया जा रहा है।

    लाभ लेने के लिए तय शर्तें 

    1. परिवार का कोई सदस्य राज्य या केंद्र सरकार की नियमित सेवा में न हो।
    2. जानबूझकर चूक, धोखाधड़ी और कदाचार के मामले योजना से बाहर होंगे।
    3. केवल बिना गिरवी दिए गए ऋण ही इस योजना में शामिल होंगे।

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