खुशखबरी! हिमाचल में डेढ़ लाख से भी ज्यादा लोगों को मिलेगा राशन, अगर कार्ड हो गया है ब्लॉक तो फटाफट करा लें ये काम
हिमाचल प्रदेश में लगभग 2.91 लाख राशन कार्ड धारकों के राशन कार्ड केवाईसी न करवाने के कारण बंद कर दिए गए थे। अब तक 1.60 लाख राशन कार्ड फिर से शुरू कर दिए गए हैं और उन्हें फरवरी से राशन मिलना शुरू हो जाएगा। अभी भी 1.31 लाख परिवारों ने केवाईसी नहीं करवाई है और उनके राशन कार्ड बंद हैं।
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल में केवाईसी न करवाने पर लगभग दो महीने पहले 2.91 लाख राशन कार्ड पर सस्ता राशन देना बंद कर दिया था। केवाईसी करवाने के बाद अब 1.60 लाख राशन कार्ड फिर से शुरू कर दिए गए हैं। ऐसे में अब फरवरी माह से उन्हें राशन मिलना शुरू हो जाएगा।
अभी भी 1.31 लाख परिवारों ने केवाईसी नहीं करवाई है और उनके राशन कार्ड बंद है और उन्हें सस्ता राशन नहीं दिया जा रहा है। प्रदेश में लगभग 19.30 लाख राशनकार्ड धारक हैं। जिन्हें प्रदेश के पांच हजार के करीब राशन डिपो के माध्यम से सस्ता राशन दिया जा रहा है।
खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा करीब डेढ़ वर्ष तक लगातार केवाइसी करवाने के आग्रह के बाद भी जब लोग केवाईसी नहीं करवा रहे थे। एक परिवार में यदि किसी एक व्यक्ति की भी केवाईसी नहीं थी तो उसके आधार पर 2.91 लाख राशनकार्ड बंद कर दिए थे।
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साढ़े सात लाख से अधिक लोगों का राशन बंद
ऐसे में साढ़े सात लाख से अधिक लोगों का राशन बंद कर दिया गया। जिससे ई-केवाइसी को शत प्रतिशत हो सके। अभी भी प्रदेश के पौने चार लाख लोगों की ई-केवाईसी होने को हैं।
हर राशनकार्ड पर दर्ज व्यक्ति की ई-केवाईसी होना अनिवार्य किया गया है। जिससे पात्र लोगों को ही सस्ता राशन मिल सके। बहुत से लोगों की मृत्यु होने के बाद भी उनके नाम को राशन कार्ड से नहीं हटाया गया है। आधार कार्ड से राशन कार्ड को लिंक किया गया है जिसके आधार पर लोगाें को सस्ता राशन दिया जा रहा है।
ई-केवाईसी न करवाने के कारण बंद किए गए 2.91 लाख राशनकार्ड में से 1.60 लाख राशनकार्ड ई-केवाईसी करवाने पर खोल दिए हैं और अब उन्हें सस्ता राशन मिलना शुरू हो जाएगा।
-राम कुमार गौतम, निदेशक खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए हिमाचल सरकार सख्त हुई और राशन कार्ड बंद करने की प्रक्रिया शुरू की थी। ई-केवाईसी करवाने के लिए खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के विभाग ने कई मौके दिए लेकिन प्रदेश में 19.60 लाख राशन कार्डधारकों के तहत करीब 74 लाख लोगों में से 80 प्रतिशत की ही ई-केवाईसी हो सकी है।
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