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Himachal Politics: चुनाव में हारे लेकिन हाईकमान-विधायकों को साधने में सफल रहे सुक्खू, बोले- अब और मजबूत होगी कांग्रेस

Himachal Political Crisis हिमाचल प्रदेश में हुआ सियासी घटनाक्रम थम गया है। मुख्‍यमंत्री सुक्‍खू हाईकमान और विधायकों को साधने में सफल रहे। सीएम ने पूरे घटनाक्रम की जिम्‍मेदारी अपने ऊपर ले ली। वहीं उन्‍होंने कहा कि इस घटना से कांग्रेस और मजबूत होकर उभरेगी। लोकसभा चुनाव में मजबूती के साथ खड़ी होगी। राज्यसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने बड़ा सबक लिया है।

By Anil Thakur Edited By: Himani Sharma Published: Thu, 29 Feb 2024 07:51 PM (IST)Updated: Thu, 29 Feb 2024 07:51 PM (IST)
चुनाव में हारे लेकिन हाईकमान-विधायकों को साधने में सफल रहे सुक्खू (फाइल फोटो)

अनिल ठाकुर, शिमला। Himachal Political Crisis: हिमाचल में दो दिनों तक चला सियासी घटनाक्रम थम गया है। पार्टी हाईकमान ने तय कर दिया है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे।

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सरकार व संगठन के भीतर चल रही खिंचतान से मुख्यमंत्री भली भांति परिचित थे, लेकिन यह विरोध सत्तासीन कांग्रेस के प्रत्याशी को हरा देगा इसकी किसी को भनक नहीं थी। मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार भी किया। इसे इंटेलिजेंस का फेलियर कहे या कुछ और लेकिन जिम्मेदारी सरकार के मुखिया के नाते सुक्खू की थी।

सुक्‍खू हाईकमान और अपने विधायकों को साधने में रहे सफल

मुख्यमंत्री ने इसे स्वीकार करते हुए जिम्मेदारी अपने ऊपर ली। हिमाचल की राजनीति में इस तरह की घटना पहले नहीं हुई। जो हुआ वह कांग्रेस को गहरे जख्म के साथ सीख भी दे गया। सीख ये कि जो पहले नहीं हुआ वह जरूरी नहीं भविष्य में भी न हो। इस पूरे घटनाक्रम के बाद भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हाईकमान व अपने विधायकों को साधने में पूरी तरह सफल रहे।

विधायकों के साथ खड़े रहे सुक्‍खू

विधायकों की संख्या ज्यादा होने के चलते ही वह मुख्यमंत्री बने थे। ये विधायक उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। सरकार को बचाकर वह एक बड़े नेता के रूप में उभर कर सामने आए हैं। हिमाचल में अब लोकसभा के चुनाव होने हैं। सत्तासीन होने के बाद से ही सरकार व संगठन में बिखराव व गुटबाजी की स्थिति थी। कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने इसको लेकर विस्तृत चर्चा की है।

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विधायकों ने पर्यवेक्षकों के समक्ष यह बात भी रखी कि वे जो मामले पिछले छह महीनों से उठा रहे थे यदि समय रहते उनका समाधान किया होता तो यह नौबत न आती और राज्यसभा में जीत होती। इस हार से कांग्रेस पार्टी ने बड़ा सबक लिया है। पांच साल सरकार चले इसके लिए सरकार व संगठन को एकजुट करने का पूरा प्रयास किया गया है। समन्वय समिति गठित कर पार्टी ने बड़ा संदेश दिया है। राज्यसभा चुनावों में हार से सीख लेकर कांग्रेस पार्टी अब मजबूती के साथ मैदान में उतरेगी।

अब बोर्ड निगमों में होगी ताजपोशी, रोड़मैप तैयार

राज्यसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने बड़ा सबक लिया है। लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा न भुगतना पड़े इसके लिए पार्टी ने पहले से रोड़मैप तैयार कर लिया है। समन्वय बनाने को लेकर हुई इस बैठक में सभी विधायकों की राय जानी गई। बोर्ड व निगमों में अध्यक्ष व उपाध्यक्षों की तैनाती होगी।

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ताजपोशी के लिए जिला व संसदीय क्षेत्रवार समन्वय बनाया जाएगा ताकि इसका फायदा लोकसभा चुनावों में मिले। इसके लिए बाकायता पूरी सूची तैयार कर ली गई है। वहीं जो विधायक अपने क्षेत्रों में अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादलों की सिफारिश कर रहे थे वह भी होंगे।


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