Himachal News: हिमाचल में रेल कनेक्टिविटी पर जोर, 4 नई लाइन बिछाने का काम शुरू; इन जगहों पर चल रहा काम
Himachal News लोकसभा में शिमला से सांसद सुरेश कश्यप ने रेल विस्तार का मुद्दा उठाया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सिरमौर जिले में पावंटा साहिब और काला अंब को रेल नेटवर्क से जोड़ने का प्रस्ताव है। हिमाचल प्रदेश में कई नई रेल लाइन परियोजनाएं चल रही हैं जिनमें से कुछ पूरी हो चुकी हैं और कुछ निर्माणाधीन हैं।

जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Pradesh News: लोकसभा में शिमला से सांसद सुरेश कश्यप ने लोकसभा में रेल विस्तार का मसला उठाया। इसके जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सिरमौर जिले में पावंटा पावंटा साहिब और काला अंब को रेल नेटवर्क से जोड़ने का मुद्दा उठाया है।
इसमें बताया कि पहली मार्च 2024 की स्थिति के मुताबिक हिमाचल प्रदेश राज्य में पूर्णतः अंशतः पड़ने वाली 13,168 करोड़ की लागत वाली 255 किलोमीटर कुल लंबाई की 4 नई लाइनें योजना अनुमोदन निर्माण चरण में हैं। इसमें से 61 किलोमीटर लंबाई को कमीशन कर दिया गया है। इस पर 6225 करोड़ का व्यय किया जा चुका है।
रेल लाइन बिछाने का सर्वे खत्म
केंद्रीय मंत्री ने बताया जगाधरी और पौंटा साहिब (62 किलोमीटर) के बीच नई लाइन के लिए सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। काला अंब और पौंटा साहिब के रास्ते घनौली से देहरादून (216 किलोमीटर) के लिए एक अन्य सर्वेक्षण किया गया।
हिमाचल प्रदेश में पूर्णतः अंशतः गुजरने वाली दो (2) नई लाइन परियोजनाओं नामत भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी (63.5 किमी) और चंडीगढ़-बद्दी (30 किमी) को हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार के साथ लागत में भागीदारी आधार पर स्वीकृत किया गया है।
भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी (63.5 किमी) नई लाइन परियोजना में हिमाचल प्रदेश में कुल अपेक्षित 124.02 हेक्टेयर भूमि में से 79.57 हेक्टेयर भूमि अधिगृहीत कर ली गई है। उपलब्ध भूमि पर कार्य शुरू कर दिया गया है। अब तक, इस परियोजना पर 5205 करोड़ का व्यय किया जा चुका है।
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रेल लाइन बिछाने के लिए खर्च हुए 727 करोड़
हिमाचल प्रदेश सरकार पर 1351 करोड़ की राशि बकाया है। चंडीगढ़-बद्दी (30 किमी) नई रेल लाइन परियोजना का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस पर 727 करोड़ व्यय किए गए हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य का हिस्सा 363.5 करोड़ है। हिमाचल प्रदेश ने अब तक 217.75 करोड़ जमा कर दिए हैं।
शेष 145.75 करोड़ की राशि हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार पर बकाया है। राज्य सरकार द्वारा अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा न करने के कारण इन परियोजनाओं की प्रगति प्रभावित हुई है।
परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार का सहयोग अपेक्षित है। कुल बकाया राशि 1496.75 करोड़ है। इस अंशदान को जमा न किए जाने के कारण इन परियोजनाओं की प्रगति प्रतिकूल रूप से प्रभावित होने की संभावना है।
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