हिमाचल में नदी-नालों के समीप नहीं बनेंगे स्कूल व कालेज, किराये के भवनों में होगी पढ़ाई, शिक्षा मंत्री ने सेब कटान पर उठाए सवाल
हिमाचल सरकार ने नदी-नालों के पास स्कूल-कॉलेज निर्माण पर रोक लगाई है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि सराज में प्रभावित शिक्षण संस्थानों को किराए के भवनों में शुरू किया जाएगा। उन्होंने केंद्र से राहत राशि में देरी पर चिंता जताई और सेब के पेड़ों को काटने के अभियान पर नाखुशी व्यक्त की।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Education Minister Rohit Thakur, राज्य सरकार ने नदी नालों के नजदीक स्कूल व कालेज निर्माण पर रोक लगा दी है। 100 मीटर की दूरी पर कोई भी शिक्षण संस्थान नहीं बनाया जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने सचिवालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बादल फटने की घटनाओं से भारी नुकसान हुआ है। इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सराज विधानसभा क्षेत्र में 119 शिक्षण संस्थान प्रभावित हुए थे। इनमें से ज्यादातर में पढ़ाई शुरू कर दी है। लंबाथाच कालेज सहित 9 से 10 के करीब स्कूल बंद हैं। इन संस्थानों को किराये के भवनों में शुरू किया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि वह निजी भवनों को भी देखें जिन्हें किराए पर लेकर इनमें शैक्षणिक गतिविधियों को शुरू किया जा सकेगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि 2023 में प्राकृतिक आपदा में भारी नुकसान हुआ था। केंद्र ने पीडीएनए की राशि अब 2025 में जारी की है। शिक्षा विभाग ने जो स्कूल भवन नष्ट हुए थे, उन्हें राज्य के बजट से बनाकर तैयार कर दिया है। उन्होंने कहा कि नुकसान के तुरंत बाद यदि राहत राशि मिलनी चाहिए, ताकि प्रभावितों को उसका फायदा हो। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि सराज विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। वे खुद मंडी जिला का दौरा करेंगे। वहां पर शिक्षण संस्थानों को जो नुकसान हुआ है उसका जायजा लेंगे।
वीरवार को सचिवालय में होगी बैठक
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने वीरवार को सचिवालय में बैठक बुलाई है। इसमें प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से कितने स्कूल प्रभावित हुए हैं। कहां पर कक्षाएं शुरू हो गई है। इन स्कूल भवनों को दुरुस्त करने के लिए कितना बजट अपेक्षित है इस पर चर्चा होगी। इसके लिए अधिकारियों को पूरी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
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सेब पेड़ों को काटने का उचित समय नहीं
जिला शिमला के ऊपरी क्षेत्रों में वन विभाग की भूमि पर कब्जा कर लगाए गए सेब के पेड़ों को काटने का अभियान चलाया हुआ है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी हाई कोर्ट की कार्रवाई से नाखुश हैं। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगे। उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेशों पर यह कार्रवाई हो रही है। इससे पहले भी 2015 में भी इस तरफ की कार्रवाई हुई थी। उस समय कांग्रेस सरकार थी और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 5 बीघा तक का जमीन पर कोई कार्रवाई न करने की नीति बनाई थी। 2017 में सत्ता परिवर्तन हुआ और ये नीति नहीं बन पाई। रोहित ठाकुर ने कहा कि बागवान और क्षेत्र का प्रतिनिधि होने के नाते यह पीड़ा का विषय है। इस समय सेब तैयार हो रहा है और मंडी में जाने लायक हो गया है। ऐसे में इस समय सेब के पेड़ों को काटने का समय सही नहीं था।
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