हिमाचल में लाॅटरी शुरू करने पर अनुराग ठाकुर की आई कड़ी प्रतिक्रिया, ...आर्थिक बदहाली के बाद अब परिवारों की बर्बादी
Himachal Pradesh News हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा लॉटरी शुरू करने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सरकार आर्थिक बदहाली के बाद अब लॉटरी से परिवारों को बर्बाद करने की तैयारी में है। उन्होंने इसे जनविरोधी फैसला बताते हुए कहा कि इससे युवाओं को रोजगार के बजाय लॉटरी खरीदने-बेचने में लगाया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Pradesh News, हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार की ओर से लॉटरी शुरू करने पर हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर की कड़ी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार ने पहले तो प्रदेश को आर्थिक बदहाली की ओर धकेला अब लाॅटरी के जरिये यह परिवारों को बर्बाद करना चाह रहे हैं।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जब से मौजूदा कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है। इन्होंने एक से बढ़कर एक जनविरोधी फ़ैसले लेकर देवभूमि को त्रस्त करने का काम किया है। कांग्रेस सरकार की आर्थिक नीतियों ने प्रदेश को आर्थिक बदहाली के की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है और इनके आर्थिक कुप्रबंधन के चलते आज हिमाचल एक लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा के कर्ज़े में डूब गया है।
अब भोली भाली जनता को बर्बाद करना चाहती है सरकार
इस सबसे बेपरवाह कांग्रेस सरकार के निशाने पर हिमाचल की भोली-भाली जनता और परिवार हैं। हिमाचल में फिर से लॉटरी शुरू कर ये सरकार छात्रों, युवाओं, दुकानदारों और नौकरी पेशा लोगों को बर्बाद करना चाहती है। लाॅटरी को फिर से शुरू करना जनता के आर्थिक हितों के साथ खिलवाड़ है। बिना किसी विजन के व आर्थिक नीतियों के अभाव में चल रही यह सरकार अपना खजाना भरने के लिए लोगों के घरों को लुटाना चाह रही है।
युवाओं को रोजगार देने के बजाय लॉटरी खरीदने में लगा रही सरकार
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व में हिमाचल में लाॅटरी के दुष्प्रभाव के चलते कई परिवार बर्बाद हो गए थे, इसी कारण इसे बंद किया गया था, लेकिन कांग्रेस सरकार की ओर से पुन शुरू करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। युवाओं को नौकरी देने के बजाय यह सरकार उन्हें लाॅटरी खरीदने या बेचने में लगा रही है।
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दुष्परिणाम समझते हुए लॉटरी पर लगाया था प्रतिबंध
यह निरंकुश सरकार याद करे कि 1998 में पहली बार धूमल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उसके अगले वर्ष 1999 में भाजपा सरकार ने हिमाचल प्रदेश में पूरा लॉटरी सिस्टम बंद कर दिया। 2004 में कांग्रेस की सरकार ने लॉटरी को फिर शुरू किया मगर तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इसकी दुष्परिणामों को समझते हुए इस लॉटरी सिस्टम के ऊपर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।
जनहित में निर्णय वापस ले सरकार
कर्मचारियों की सैलरी, युवाओं की बचत, सेवानिवृत की पेंशन और मजदूरों का पैसा सुरक्षित रहे व उनके व परिजनों के काम आए सरकार को इस दिशा में विचार करते हुए लोकहित में लॉटरी शुरू करने के निर्णय को वापस लेना चाहिए।
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