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    हिमाचल पर फिर कर्ज का बोझ, सुक्खू सरकार लेने जा रही 1300 करोड़ का लोन; जानिए वजह

    Updated: Sun, 27 Apr 2025 11:01 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश (Himachal News) सरकार 1300 करोड़ रुपये का ऋण लेने जा रही है जिसमें से 500 करोड़ 7 साल के लिए और 800 करोड़ 9 साल के लिए लिए जाएंगे। वित्तीय वर्ष 2025-26 में यह दूसरी बार है जब सरकार ऋण ले रही है। यह ऋण विकासात्मक कार्यों और कर्मचारियों के वेतन और पेंशन के भुगतान के लिए लिया जा रहा है।

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    1300 करोड़ का ऋण लेगी हिमाचल सरकार। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल सरकार (Himachal News) 1300 करोड़ ऋण लेने जा रही है। 500 करोड़ का ऋण 7 साल के लिए लिया जाएगा, जबकि 800 करोड़ का ऋण 9 सालों के लिए लिया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहले ही महीने में दूसरी बार सरकार ऋण लेने जा रही है। नए वित्त वर्ष के पहले ही महीने में दूसरी बार ऋण लेने जा रही है।

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    800 करोड़ का लोन 9 साल के लिए लिया जाएगा यानि 30 अप्रैल 2034 तक इसकी अदायगी करनी होगी। 30 अप्रैल को ऋण की यह राशि राज्य सरकार को प्राप्त हो जाएगी। जबकि 500 करोड़ का ऋण 30 अप्रैल 2032 तक वापिस करना होगा। प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार की ओर से ऋण लेने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है।

    इस वजह से लिया जा रहा कर्ज

    ऋण लेने के पीछे तर्क दिया गया है कि विकासात्मक कार्यों पर इसे खर्च किया जाएगा। राज्य के कर्मचारियों के वेतन व पेंशन के भुगतान के बाद कोषागार के बैलेंस के लिए अतिरिक्त ऋण की व्यवस्था करनी पड़ रही है। राज्य सरकार ने मई महीने में कर्मचारियों की डीए की किश्त की अदायगी की घोषणा की है।

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    इसके अलावा बजट में किए गए वित्तीय लाभ की घोषणाओं की अदायगी भी मई महीने में करने को कहा है। माना जा रहा है कि इसके लिए सरकार यह ऋण लेने जा रही है। इस चालू वित्त वर्ष के लिए राज्य सरकार ने अपने बजट में भी 8769 करोड़ की लोन की जरूरत बताई थी। यह सामान्य तौर पर कुल सकल घरेलू उत्पाद का तीन फीसदी होता है।

    वित्त वर्ष की समाप्ति के अंतिम महीने में दो बार लिया था ऋण

    वित्त वर्ष समाप्त होने से पहले मार्च महीने में राज्य सरकार ने दो बार ऋण लिया था। एक बार 337 करोड़ व दूसरी बार 322 करोड़ का ऋण लिया था। 31 मार्च, 2023 तक राज्य पर 76,185 करोड़ रुपये कर्ज था। उसके बाद वर्तमान सरकार ने अब तक 29,046 करोड़ रुपये ऋण लिया है। हिमाचल प्रदेश पर 96,875 करोड़ रुपये कर्ज चढ़ गया है। इसमें 1300 करोड़ और शामिल हो गया है।

    वेतन, पेंशन के साथ पिछले लोन की अदायगी है भार

    हिमाचल सरकार को हर महीने कर्मचारियों के वेतन व पेंशन के अलावा पहले लिए ऋण का मूलधन व ऋण के ब्याज का भुगतान करना पड़ता है। कर्मचारियों के वेतन पर करीब 1,200 करोड़ रुपये और पेंशनर्स की पैंशन पर 800 करोड़ की देनदारी तय है। इसी तरह ऋण के ब्याज के तौर पर 500 करोड़ रुपये और कुल ऋण का मूलधन चुकाने के लिए 300 करोड़ रुपये की हर महीने जरूरत रहती है।

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