Himachal के मंत्री ने NHAI के विरुद्ध खोला मोर्चा, 700 शिकायतों का दावा, सबको निश्शुल्क कानूनी सहायता देंगे
Himachal Minister Anirudh Singh ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने NHAI की अनियमितताओं से पीड़ित लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि NHAI अधिकारी फोरलेन को राष्ट्रीय महत्व का बताकर बच नहीं सकते। मंत्री गडकरी से मिलकर उन्हें जमीनी हकीकत बताएंगे और मुआवजे की मांग करेंगे। उन्होंने काम शुरू करने से पहले वीडियोग्राफी अनिवार्य करने का आग्रह किया।

राज्य ब्यूरो, शिमला Himachal Minister Anirudh Singh, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने उन सभी पीड़ितों को कानूनी सहायता प्रदान करने की घोषणा की। जो भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की अनियमितताओं के खिलाफ लड़ रहे हैं, जिससे उनके जान-माल का नुकसान हुआ है। मंत्री गत दिनों एनएचएआइ के अधिकारी से विवाद के कारण भी चर्चा में रहे हैं।
उन्होंने कहा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की अनियमितताओं के खिलाफ लड़ रहे सभी पीड़ितों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी। संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि एनएचएआइ के अधिकारी ये कहकर बच नहीं सकते हैं कि फोरलेन राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है।
उन्होंने कहा कि फोरलेन निर्माण के दायरे के साथ लगते भवनों को लेकर किसी तरह की कोई चिंता एनएचएआइ अधिकारियों को नहीं थी। चट्टानों को 90 डिग्री पर काटा गया, निर्देशों का पालन किए बिना मार्गाधिकार (आरओडब्ल्यू) यानि चिह्नित क्षेत्र के बाहर अतिक्रमण कर जमीन का कटान होता रहा, निर्दिष्ट स्थलों के अलावा अन्य स्थानों पर मलबा डालने जैसी कई अनियमितताओं की ओर इशारा किया। जिन क्षेत्रों में एनएचएआइ सड़कें बना रहा है, उन क्षेत्रों में भूस्खलन से कई लोगों की जान गई है और संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है।
गडकरी को वास्विकता से अवगत करवाएंगे
मंत्री ने कहा कि मैं केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मिलने का समय मांगूंगा। उसके पश्चात उन्हें राज्य की जमीनी वास्तविकता से अवगत कराऊंगा। साथ ही एक ऐसा कानून लाने का आग्रह करूंगा, जिसमें काम शुरू करने से पहले आसपास की 100 मीटर जमीन की वीडियोग्राफी अनिवार्य हो।
नुकसान की स्थिति में जिम्मेदारी ठेकेदार की
इसके साथ-साथ तत्काल मुआवजा और शिकायत निवारण प्रकोष्ठ का प्रविधान हो और काम की उचित निगरानी हो।उन्होंने कहा कि नुकसान की स्थिति में जिम्मेदारी ठेकेदार की है। लेकिन काम की निगरानी और पर्यवेक्षण करने वाले एनएचएआइ अधिकारियों की जवाबदेही और जिम्मेदारी भी तय की जानी चाहिए।
एनएचएआइ के विरुद्ध 700 शिकायतें दर्ज
प्रदेश में एनएचएआइ के खिलाफ लगभग 700 शिकायतें दर्ज हैं। एनएचएआइ के खिलाफ "हिमाचल के लिए न्याय अभियान" शुरू करने के बाद से पिछले एक सप्ताह में लगभग 200 लोगों ने उन्हें संदेशों, ईमेल और फोन कॉल के माध्यम से अपनी शिकायतें बताई हैं।
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