Mandi Landslide: 24 घंटे से हाईवे पर भूखे-प्यासे फंसे लोगों तक पहुंचा खाना तो खिल उठे चेहरे, आई दिल छू लेने वाली प्रतिक्रिया
Landslide in Mandi मंडी-कुल्लू हाईवे पर भूस्खलन से यातायात बाधित हो गया जिससे सैकड़ों लोग फंस गए। गर्मी और पानी की किल्लत से जूझ रहे लोगों को गुरुद्वारा सिंह सभा के सेवादारों ने भोजन पहुंचाया। पर्यटक परेशान थे और सरकार से वैकल्पिक मार्ग की मांग कर रहे थे। लोगों तक खाना पहुंचा तो उनके चेहरे खिल उठे।

जागरण संवाददाता, मंडी। मंडी-कुल्लू हाईवे पर चार मील में शनिवार दोपहर को हुए भूस्खलन के बाद 24 घंटे से ज्यादा समय तक वाहनों की आवाजाही बंद रही। सड़क पर वाहनों में फंसे सैकड़ों लोगों व पर्यटकों को इस बात की चिंता थी कि अपने गंतव्य तक कैसे पहुंचेंगे। तेज धूप पसीने छूड़ा रही थीं, छोटे बच्चों को लेकर मां सड़क पर घूम रही थी, तो युवा दूर खड़े मलबा हटने का इंतजार कर रह थे, पीने को झरने के पानी का सहारा था। सुकून था कि लोग यहां खाना लेकर आ रहे हैं।
एक दिन से भूखे लोगों तक गुरुद्वारा सिंह सभा के सेवादार खाना लेकर पहुंचे तो उनके चेहरे खिल उठे। लोग बोले, हमारे भूखे बच्चों को खाना पहुंचाकर आपने बहुत बड़ा परोपकार किया है। हम आपके आभारी रहेंगे।
शनिवार को दोपहर दो बजे के करीब चार मील के पास रास्ता बंद हो गया। वाहनों को बाया कटौला कुल्लू और पंडोह वाया चैलचौक होते हुए भेजने की व्यवस्था हुई, लेकिन बड़ी गाड़ियां यहीं फंसी रही। बिंद्रावणी टनल से लेकर चार मील तक तीन किलोमीटर के एरिया में वाहनों की कतारें थी, पूरी रात गाड़ी में कटी।
बच्चे के लिए 50 रुपये में मिली दूध की बोतल
पर्यटक शिवानी, नेहा और दिलीप ने बताया कि मनाली जा रहे थे, लेकिन लगता है यहीं रह जाएंगे, कोई पूछने वाला भी नहीं है। अपने छोटे बच्चे के साथ मौजूद यूपी की नेहा ने बताया कि बच्चे के लिए दूध की बोतल 50 रुपये में मिली। पर्यटक चार मील में एक झरने से पानी पीने को मजबूर थे। वहीं गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी नेरचौक रिवालसर गुरुकोठा साहब के अध्यक्ष सरदार सिंह, वरिष्ठ उप प्रधान जसवंत सिंह, सलाहकार निर्मल सिंह, महासचिव मनप्रीत सिंह व कोषाध्सक्ष सुरेंद्र सिंह ने मौके पर पहुंचकर लोगों को खाना खिलाया।
सरदार जी लेकर आए खाना
महाराष्ट्र से 35 एनसीसी कैडेट्स का दल 11 दिन के कैंप के लिए मनाली जा रहा था, वह भी शनिवार रात नौ बजे से फंसे थे। कैडेट विकास शिंदे, समीर, सोहेल, काजल प्रजापति, सांची मात्रे, वर्षा डांगे, मृदुला, सृष्टि शिंदे ने कहा कि सुबह से भूखे हैं। सरदार जी गाड़ी में खाना लेकर आए, तो बहुत अच्छा लगा।
पहाड़ी चढ़कर बिंद्रावणी पहुंचे तरुण
रात से चार मील में फंसा था। लेह से घर जाने के लिए निकला था, घर पहुंचना जरूरी था, कुछ समझ नहीं आया तो पहाड़ चढ़ना पड़ा। सरकार को चाहिए कि व्यवस्था ठीक करे।
-करण सवरवाल, निवासी दिल्ली।
ताईवान के युवान बोले, हाई तकनीक होनी चाहिए
मैं मनाली घूमने जा रहा था, सुबह सात बजे के करीब यहां फंस गया। तकनीक व मशीनरी को अधिक तेज बनाना चाहिए, ताकि मार्ग जल्दी खुल सकें।
-युवान, निवासी ताईवान।
बड़े वाहनों के लिए भी हो वैकल्पिक मार्ग
रात के फंसे हुए हैं, अब दोपहर हो गई। गर्मी में बस में भी बैठा नहीं जा रहा। ऐसी स्थिति में एक वैकल्पिक मार्ग बड़ी गाड़ियों के लिए होना चाहिए।
-विवेक सिंह, निवासी महाराष्ट्र।
यह भी पढ़ें- Mandi: हाईवे बंद होने पर भटकते हुए रात 12 बजे पहाड़ी पर फंस गए चार पर्यटक, 112 पर कॉल और फिर शुरू हुआ रेस्क्यू
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।