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    हिमाचल सरकार ने हायर एजुकेशन लोन की योजना में किया बड़ा बदलाव, एक प्रतिशत ब्याज पर मिलेगा 20 लाख रुपये ऋण, आय सीमा बढ़ाई

    By Rajesh SharmaEdited By: Rajesh Sharma
    Updated: Thu, 20 Nov 2025 01:27 PM (IST)

    हिमाचल सरकार ने डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना में संशोधन किया है। अब छात्र एक प्रतिशत ब्याज पर 20 लाख रुपये तक का ऋण ले सकेंगे, जिससे वे देश-विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। वार्षिक आय सीमा 4 लाख से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी गई है। यह ऋण इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ जैसे पाठ्यक्रमों के लिए उपलब्ध होगा। 7.5 लाख तक का ऋण बिना गारंटी के मिलेगा।

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    हिमाचल सरकार ने शिक्षा लोन योजना में बदलाव किया है। प्रतीकात्मक फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Education Loan, मेधावी विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा में अब आर्थिक बाधाएं नहीं रहेंगी। राज्य सरकार ने डा. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना में बड़ा संशोधन किया है। इस योजना के तहत विद्यार्थी अब महज एक प्रतिशत ब्याज पर 20 लाख रुपये तक का ऋण ले सकेंगे, जिससे वे देश और विदेश में अपनी उच्च एवं व्यावसायिक शिक्षा पूरी कर सकेंगे।

    प्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए वार्षिक आय सीमा को चार लाख से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया है।

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    वार्षिक आय सीमा कम होने की आ रही थी शिकायतें

    इस योजना की शुरुआत राज्य सरकार ने की थी, और प्रदेशभर से यह शिकायतें आ रही थीं कि वार्षिक आय की सीमा बहुत कम है। हाल ही में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई। 

    संशोधन के बाद हजारों बच्चों को होगा लाभ

    इस महत्वपूर्ण संशोधन के बाद अब मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चे भी अपनी शिक्षा के लिए मात्र एक प्रतिशत ब्याज पर 20 लाख रुपये तक का ऋण ले सकेंगे। यह सुविधा केवल बोनाफाइड हिमाचली बच्चों एवं युवाओं के लिए उपलब्ध है। उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।

    इन कोर्स के लिए ले सकेंगे ऋण

    इस ऋण का उपयोग इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट, पैरामेडिकल, नर्सिंग, फार्मेसी, ला, आइटीआइ/पालीटेक्निक, पोस्ट ग्रेजुएशन एवं पीएचडी सहित सभी व्यावसायिक एवं तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए किया जा सकता है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि संस्थान को मान्यता प्राप्त होना चाहिए, जैसे एआइसीटीई, एनएमसी, एमआइएमए, पीसीआइ, आइएनसी, बीसीआइ, यूजीसी आदि।


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    भारत ही नहीं, विदेश में पढ़ाई के लिए भी ऋण लिया जा सकता है। ऋण का उपयोग छात्रावास, भोजन, फीस, पुस्तकें एवं अन्य शिक्षा से संबंधित खर्चों के लिए किया जा सकता है। कोर्स में प्रवेश की पंजीकरण तिथि पर अधिकतम आयु 28 वर्ष है। इसके लिए यूको बैंक को नोडल बैंक बनाया गया है।

    7.5 लाख तक ऋण बिना गारंटी के मिलेगा

    7.5 लाख रुपये तक का ऋण बिना गारंटी के मिलेगा। केवल संस्थान से इसकी वेरिफिकेशन होगी। 7.5 लाख से 20 लाख रुपये तक के ऋण के लिए राज्य सरकार छात्रों की बैंक गारंटी प्रदान करेगी, जिससे बैंक आसानी से ऋण जारी कर सकेंगे और छात्रों को भी व्यर्थ के झंझट से मुक्ति मिलेगी।

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