हिमाचल के सरकारी स्कूलों की बदलेगी सूरत, बच्चों को मिलेंगे स्मार्ट क्लास रूम और एडवांस साइंस लैब; 33 करोड़ जारी
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सुधार के लिए केंद्र सरकार ने 33 करोड़ 83 लाख 78 हजार रुपये का बजट जारी किया है। इस बजट से स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम आधुनिक साइंस लैब स्मार्ट अपशिष्ट निपटान जल संरक्षण सौर पैनल और संचयन प्रणाली जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। पीएम श्री योजना के तहत 180 स्कूलों का चयन किया गया है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal News: हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए एक अच्छी खबर है। प्रदेश के स्कूलों की दशा सुधारने के लिए उचित कदम उठाए गए हैं। प्रदेश के सरकारी स्कूलों की हालत में सुधार होगा। इसके लिए प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) योजना के तहत केंद्र सरकार ने हिमाचल को 33 करोड़ 83 लाख 78 हजार का बजट जारी किया है।
जिलावार स्कूलों को यह बजट आबंटित कर दिया गया है। इस बजट को स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं जुटाने पर खर्च किया जाएगा। इसमें निजी स्कूलों की तर्ज पर स्कूलों में अलग से स्मार्ट क्लास रूम बनाए जाएंगे। स्कूलों में आधुनिक साइंस लैब बनाई जाएगी। बच्चों को शिक्षा से जुड़ी एडवांस सुविधाएं देने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
180 स्कूलों का हुआ चयन
स्मार्ट अपशिष्ट निपटान, जल संरक्षण, विद्यालयों को सौर पैनलों, संचयन प्रणाली आदि के साथ ग्रीन स्कूल के रूप में इन स्कूलों को विकसित किया जाएगा। हिमाचल के 180 स्कूलों का चयन पीएम श्री योजना के तहत किया गया है। इनमें से 56 प्राइमरी स्कूल, 5 माध्यमिक और 119 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं का चयन इसके तहत किया गया है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि इन स्कूलों में अति आधुनिक स्टेट ऑफ आर्ट सुविधाएं विकसित की जाएंगी ताकि यह स्कूल राज्य के बाकी शिक्षण संस्थानों के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य कर सकें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत चलाए जाने वाले इन स्कूलों में ढांचागत सुविधाएं विकसित करने का कार्य किया जाएगा।
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केंद्र के जरिए मिलेगा फंड
केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत एक पोर्टल बनाया है। जिस पर हर स्कूल के हर छात्र के प्रदर्शन का ब्यौरा होगा। इसके लिए पांच वर्ष में हर स्कूल को दो करोड़ रुपए दिए जाएंगे। वहीं पहली बार केंद्र से स्कूलों को सीधे फंड दिया जाएगा जो 40 फीसदी तक हो सकता है।
इसकी निगरानी की भी उचित व्यवस्था की जाएगी। इसमें नई शिक्षा नीति के तहत सभी स्कूल आदर्श स्कूलों के रूप में काम करेंगे। योजना के पहले दो सालों के दौरान, पोर्टल को वर्ष में चार बार यानी प्रत्येक तिमाही में एक बार खोला जाता है।
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