Himachal Disaster: अब तक 109 लोगों की मौत, हाईवे सहित 226 सड़कें बंद; हिमाचल में थम नहीं रहा कुदरत का कहर
हिमाचल में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण तबाही मची है। मानसून में अब तक 109 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें से 64 की जान बारिश और भूस्खलन से गई। 226 सड़कें बंद हैं। मंडी कुल्लू कांगड़ा में बिजली और जल योजनाएं बाधित हुई हैं। राज्य सरकार ने नागरिकों से सतर्क रहने का आग्रह किया है। आपदा से 883 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

एएनआई, शिमला। हिमाचल में बारिश और भूस्खलन ने तबाही मचाई हुई है। इस मानसून सीजन में आपदा से अब तक 109 लोगों की मौत हो गई, जबकि 226 सड़कें यातायात के लिए बंद है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने पुष्टि की है कि हिमाचल प्रदेश में 20 जून से 16 जुलाई, 2025 के बीच मानसून के कारण कुल 109 मौतें हुईं। इनमें से 64 लोगों की जान बारिश और भूस्खलन से गई, जबकि 45 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है।
हिमाचल में बाढ़ और भारी और भूस्खलन से बिजली और जल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और सिरमौर जैसे जिलों में 52 वितरण ट्रांसफार्मर क्षेत्र (डीटीआर) और 137 जलापूर्ति योजनाएँ बाधित हुई हैं। राज्य सरकार ने भारी बारिश जारी रहने के कारण नागरिकों से सतर्क रहने का आग्रह किया गया है।
हाईवे सहित 226 सड़कें बंद
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) द्वारा 17 जुलाई, 2025 को जारी सुबह की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 707 सहित 226 सड़कें मुख्य रूप से भूस्खलन और भारी वर्षा के कारण प्रभावित हुईं। इसके अतिरिक्त, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और सिरमौर जैसे जिलों में 52 वितरण ट्रांसफार्मर क्षेत्र और 137 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं।
एसईओसी द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि बारिश से संबंधित मौतें भूस्खलन, अचानक बाढ़, बादल फटने, बिजली का झटका लगने, सांप के काटने और खड़ी ढलानों से गिरने के कारण हुईं।
बारिश से जुड़ी मौतों के मामले में सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िले मंडी और कांगड़ा हैं। यहां 32 लोगों की मौतें हुईं, उसके बाद हमीरपुर में आठ, कुल्लू में चार और चंबा में तीन लोगों की मौत हुई है।
इसके साथ ही, राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में 45 मौतें हुईं, जिनमें सबसे ज़्यादा कुल्लू और सोलन (7-7), चंबा (6) और शिमला, कांगड़ा, किन्नौर और मंडी ज़िलों में कई अन्य मौतें हुईं।
करोड़ों रुपये का नुकसान
एसडीएमए ने सार्वजनिक उपयोगिताओं और निजी संपत्ति को भी व्यापक नुकसान की सूचना दी है, जिसका कुल मौद्रिक नुकसान 883 करोड़ रुपये से अधिक है। इसके अलावा, इस मौसम में 1,228 मवेशी और 21,500 मुर्गी पक्षी मारे गए हैं।
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