हिमाचल: पटवारी के हस्ताक्षर के लिए अब नहीं जाना पड़ेगा कार्यालय, राजस्व विभाग ने अहम बदलाव किया; मिलेगी डिजिटल जमाबंदी
हिमाचल प्रदेश में राजस्व विभाग ने एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब लोगों को पटवारी के हस्ताक्षर के लिए कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी। डिजिटल जमाबंदी की सुविधा शुरू होने से घर बैठे ही जमीन से संबंधित जानकारी मिल सकेगी। इस कदम से पारदर्शिता और सुविधा को बढ़ावा मिलेगा, जिससे लोगों को सरकारी सेवाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश के लोगों को अब आनलाइन जमाबंदी पटवारी के डिजिटल हस्ताक्षर और क्यूआर कोड के साथ घर बैठे मिलेगी। ऐसे में अब पटवारियों के हस्ताक्षर करवाने के लिए लोगों को पटवारखानों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
राजस्व विभाग ने जमाबंदी में बड़ा बदलाव किया है। इस संबंध में वीरवार को राजस्व विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
प्रदेश में अभी तक आनलाइन जमाबंदी मिल जाती थी लेकिन उसमें पटवारी के हस्ताक्षर नहीं होते थे। पटवारी के हस्ताक्षर करवाने पड़ते थे। अब राजस्व विभाग ने जमाबंदी के प्रारूप में बदलाव कर पटवारी के डिजिटल हस्ताक्षर के साथ क्यूआर कोड को शामिल किया है।
संबंधित अधिसूचना जारी
अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। लोगों से आपत्तियां और सुझाव मांगे थे। सरकारी रिकार्ड के अनुसार निर्धारित समय अवधि के भीतर कोई भी आपत्ति या सुझाव प्राप्त नहीं हुआ, जिसके बाद विभाग ने इसे लागू कर दिया है। इससे राजस्व रिकार्ड की भी पारदर्शिता बढ़ेगी।
क्यूआर कोड का यह होगा लाभ
जमाबंदी में क्यूआर कोड के होने से दस्तावेज असली है या नकली, का पता चल सकेगा। इसलिए इसे शामिल किया गया है। क्यूआर कोड को स्कैन करते ही मालिकाना हक, खसरा खतौनी विवरण, परिवर्तन स्थिति, क्षेत्रफल भूमि के प्रकार का पता चल जाता है। ऐसे में कागजों में हेराफेरी नहीं हो सकेगी।

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