आर्थिक संकट के बीच आपदा और पर्यटन पर फोकस, पढ़िए हिमाचल सरकार के बजट में इस बार क्या है खास
हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने मंगलवार को बजट सत्र के दौरान 17053.78 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पारित किया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में वित्त वर्ष 2024-25 के अनुपूरक बजट की पहली और अंतिम किश्त भी प्रस्तुत की। इस बजट में आर्थिक संकट की झलक दिखी है जिसका प्रमाण वेतन व मजदूरी चुकाने के लिए भारी राशि है। आपदा प्रबंधन के लिए 207.23 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने मंगलवार को बजट सत्र के दौरान 17053.78 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पारित किया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में वित्त वर्ष 2024-25 के अनुपूरक बजट की पहली व अंतिम किश्त प्रस्तुत की।
अनुपूरक बजट पारित होने के बाद सरकार को 17053.78 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को खर्च करने की अनुमति मिल गई है। इसमें 15776.19 करोड़ रुपये राज्य की योजनाओं और 1277.59 करोड़ रुपये केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं के लिए प्रावधान किए गए हैं।
सरकार के अनुपूरक बजट में आर्थिक संकट की झलक दिखी, जिसका प्रमाण वेतन व मजदूरी चुकाने के लिए भारी राशि है। राज्य की योजनाओं के तहत मुख्य रूप से 10137.7 करोड़ रुपये ‘वेज एंड मींस’ व ‘ओवरड्राफ्ट’ के तहत अतिरिक्त व्यय हुए।
इसके अतिरिक्त 1033.63 करोड़ रुपये विद्युत उपदान, मानसून के दौरान क्षतिग्रस्त 33 केवी के ट्रांसफार्मरों की मरम्मत और एचपीपीटीसीएल, एचपीपीसीएल, एचपीएसईबीएल व एचपीएसएलडीसी को ऋण, 814.94 करोड़ रुपये हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) को यात्रियों की विभिन्न श्रेणियों को किराये में दी जा रही छूट के एवज में उपदान, ई-बसों की खरीद, 763.26 करोड़ रुपये पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ, 455.91 करोड़ रुपये मेडिकल कॉलेजों के निर्माण व मशीनरी की खरीद तथा हिमकेयर योजना के लिए थे।
173.25 करोड़ रुपये पर्यटन विकास के लिए आवंटित
329.44 करोड़ रुपये जलापूर्ति एवं मल निकासी योजनाओं, 303.67 करोड़ रुपये प्राकृतिक आपदा राहत, 173.25 करोड़ रुपये पर्यटन विकास, 150.19 करोड़ रुपये मॉनसून के दौरान क्षतिग्रस्त पाठशाला भवनों की मरम्मत व पुनर्निर्माण, नई पाठशाला व कॉलेज के भवनों में निर्माण, इनडोर ऑडिटोरियम के निर्माण व फार्मेसी कॉलेज सराज के लंबित दायित्व के भुगतान का प्रावधान किया गया।
142.83 करोड़ रुपये 15वें वित्तायोग के तहत ग्रामीण स्थानीय निकायों को सहायता अनुदान, 135.88 करोड़ रुपये सड़कों, पुलों के निर्माण व मुआवजे, 130.16 करोड़ रुपये कामकाजी महिला हॉस्टल के निर्माण, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं के मानदेय, मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना और इंदिरा गांधी महिला सम्मान निधि के तहत विभिन्न व्ययों
127.77 करोड़ द्वारका, नई दिल्ली में राज्य अतिथि गृह के निर्माण, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के छात्रावास के निर्माण और कार्यालय भवनों के निर्माण व रखरखाव, 124.50 करोड़ रुपये रेल परियोजनाओं, 120.72 करोड़ रुपये मनरेगा के तहत मजदूरी के भुगतान, 88.97 करोड़ रुपये बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क और हिमस्वां कनेक्टिविटी, 81 करोड़ 52 लाख रुपये शहरी स्थानीय निकायों की सहायता अनुदान, मानसून के दौरान क्षतिग्रस्त विभिन्न मल निकासी योजनाओं, रास्तों, एंबुलेंस सड़कों, पार्किंग की मरम्मत व पुनर्निर्माण और एसजेपीएनएल में निवेश, 79.62 करोड़ रुपये जायका प्रोजेक्ट, एमआइएस के लंबित दायित्व और 73.54 करोड़ रुपये आवासीय भवनों के निर्माण के लिए प्रावधान किए गए हैं।
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आपदा प्रबंधन के लिए, 207.23 करोड़ रुपये प्रस्तावित
केंद्रीय योजनाओं के लिए प्रावधान केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत अधिकतर राशि व नई योजनाओं के लिए केंद्र सरकार से इस वर्ष के दौरान राशि प्राप्त हुई या प्रस्तावित की गई है।
296.56 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, 207.71 करोड़ रुपये एनडीआरआफ से प्राप्त आपदा प्रबंधन के लिए, 207.23 करोड़ रुपये रेणुकाजी बांध विस्थापितों को मुआवजे, 90.28 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), 53.39 करोड़ रुपये मनरेगा, 51.74 करोड़ रुपये अमृत, 43.25 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री स्कूल्ज फॉर राइजिंग इंडिया, 42.71 करोड़ रुपये बीपीएल परिवारों के गेहूं और चावल पर उपदान, 38.62 करोड़ रुपये राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, 35.23 करोड़ रुपये विशेष पोषाहार कार्यक्रम, 22.29 करोड़ रुपये स्वच्छ भारत मिशन और 18.88 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए प्रस्तावित हैं।
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