'भाजपा करे तो पुण्य, हम करें तो पाप', हिमाचल में मंदिरों के पैसे पर छिड़ा घमासान; CM सुक्खू ने दिया जवाब
हिमाचल प्रदेश में मंदिरों के पैसे को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि मंदिरों से पैसा लेने को कोई नियम नहीं है और इस पैसे का इस्तेमाल सड़क और रास्ते जैसे कामों के लिए किया जाता है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि खुद करें तो पुण्य और हम करें तो पाप हो जाता है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में मंदिरों के पैसे पर राजनीतिक घमासान छिड़ गया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) ने कहा कि पूर्व जयराम सरकार ने 28 करोड़ रुपये मंदिरों से अपनी योजनाएं चलाने को लिए। स्वयं करें तो पुण्य और हम करें तो पाप। सुक्खू ने कहा कि मंदिरों से पैसा लेने को कोई नियम नहीं है। उपायुक्त को इसकी शक्तियां होती हैं। इस पैसे को सड़क और रास्ते जैसे काम पर भी खर्च किया जाता है।
सीएम ने जयराम ठाकुर को आड़े हाथों लिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिरों का पैसा सरकारी कोष में नहीं आता। मंदिरों के पैसे देने की एसओपी बनी होती है। इसलिए उन्होंने जयराम को हर चीज को राजनीति से नहीं जोड़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में संवेदनशीलता होनी चाहिए।
इससे पहले जयराम ठाकुर ने कहा कि हणौगी माता मंदिर के कर्मचारियों को पांच-छह माह से वेतन तक नहीं दिया गया, लेकिन मंदिर में जमा पांच लाख रुपये ट्रांसफर करके सुख आश्रय योजना के लिए दे दिए गए।
सीएम ने गायों पर भी कही ये बात
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि गाय को हम मां कहते हैं। मां की तरह गाय के प्रति भी स्वभाव होना चाहिए। गाय सड़क पर नहीं गोसदन में होनी चाहिए। इसलिए पूर्व सरकार ने गाय के लिए गोशालाएं बनाई। तब पूर्व सरकार ने मंदिरों का 15 प्रतिशत बजट गोशाला को देने का प्रविधान किया।
मगर कांग्रेस सरकार ने अपनी योजनाओं के लिए मंदिरों से पैसा मांगा है। उन्होंने कांग्रेस सरकार को सनातन विरोधी बताते हुए सरकार के इस फैसले की निंदा की। उन्होंने कहा कि हमने सिर्फ 15 प्रतिशत बजट मांगा था, लेकिन मौजूदा सरकार सारे का सारा पैसा मंदिरों से मांग रही है।
एनपीएस के 9200 करोड़ रुपये लौटाए केंद्र
सरकार मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है। ऐसे में केंद्र के पास एनपीएस की जो 9200 करोड़ रुपये की राशि पड़ी है, उसे लौटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पैसा प्रदेश सरकार व राज्य के कर्मचारियों का है, ऐसे में केंद्र सरकार इस राशि का लौटाए।
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