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    हिमाचल में अब जारी होगी BPL सूची, दो बैठकों में कोरम अधूरा रहने के बाद अब ग्रामसभा के लिए नए नियम तय

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Sat, 18 Oct 2025 06:22 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में बीपीएल परिवारों की नई सूची जारी करने की तैयारी है। ग्राम सभा की बैठकों में कोरम पूरा न होने के कारण सूची अटकी हुई थी। अब, जिन पंचायतों में दो बैठकों में कोरम पूरा नहीं हुआ, वहां तीसरी बैठक में मौजूद सदस्यों के साथ ही मंजूरी दी जाएगी। सरकार ने पंचायती राज विभाग को सूची सौंपने के निर्देश दिए हैं। 

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    हिमाचल प्रदेश की पंचायतों में अब जल्द ही बीपीएल सूची फाइनल की जाएगी। प्रतीकात्मक फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में बीपीएल यानी गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की नई सूची ग्राम सभा की बैठकों में कोरम पूरा न होने के कारण पारित नहीं हो सकी है। ऐसे में अब जिन पंचायतों में ग्राम सभा की दो बैठकों में कोरम पूरा न होने के कारण इस सूची को मंजूरी नहीं मिली है, उनमें तीसरी बैठक में चाहे जितने भी सदस्य मौजूद रहेंगे, मंजूरी दी जा सकेगी। ये नियमों में प्रविधान है। 

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    बीपीएल सूची विभाग को सौंपने के निर्देश

    पंचायतों को इस संबंध में निर्देश जारी कर बीपीएल सूची को पूरा कर पंचायती राज विभाग को सौंपने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के कारण कई पंचायतों में कोरम पूरा नहीं हो पाया है।

    2.82 लाख परिवारों का कोटा है तय

    प्रदेश के लिए 2.82 लाख परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल करने का केंद्र ने कोटा निर्धारित किया है। बीपीएल चयन की प्रक्रिया शुरू होने के समय प्रदेश में 2.65 लाख परिवार बीपीएल सूची में दर्ज थे। सरकार द्वारा जारी नए निर्देशों के तहत 2.15 लाख नए परिवारों ने बीपीएल सूची में शामिल किए जाने के लिए आवेदन किया। इन परिवारों को मापदंडों के आधार पर ही शामिल किया जा सकता है।

    ग्रामसभा में सूची को पारित करना आवश्यक

    बीपीएल सूची में शामिल और हटाए परिवारों को ग्राम सभा की बैठक में पारित करना आवश्यक होता है। कोरम के अभाव में अभी तक सूची पारित नहीं हो सकी है। प्रदेश की कुछ पंचायतों में बीपीएल चयन को अंतिम रूप दे दिया है।

    तीन स्तर पर दर्ज करवाई जा सकती है आपत्ति

    बीपीएल सूची से नाम बाहर किए जाने और गलत परिवार के चयन को लेकर तीन स्तर पर आपत्ति दर्ज करवाई जा सकती है। इसमें हर स्तर पर 30-30 दिन का समय निर्धारित है। इसमें सबसे पहले ग्राम सभा और उसके बाद एसडीएम व एसडीएम के निर्णय पर आपत्ति हो तो उपायुक्त के समक्ष आपत्ति दर्ज करवाई जा सकती है।

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    बीपीएल सूची में शामिल और हटाए परिवारों को ग्रामसभा की बैठक में पारित किया जाना है। ग्राम सभा की दो बैठकों में कोरम पूरा न होने के बाद तीसरी बैठक में जितने भी सदस्य मौजूद होंगे, उसे पारित किया जा सकता है।
    -अनिरुद्ध सिंह, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री।

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