Himachal Assembly: नौकरियों और गारंटियों पर गरमाएगा हिमाचल विधानसभा, 18 दिसंबर से शुरू हो रहा है शीतकालीन सत्र
हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र 18 दिसंबर से धर्मशाला के तपोवन में शुरू हो रहा है। इस सत्र में बेरोजगारी कानून व्यवस्था अवैध खनन और स्थानीय मुद्दों पर जमकर चर्चा होने की उम्मीद है। विधायकों ने कुल 300 प्रश्न पूछे हैं जिनमें से अधिकतर इन मुद्दों से संबंधित हैं। कांग्रेस के घोषणा पत्र और गारंटियों को लेकर भी भाजपा विधायकों ने सवाल उठाए हैं।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Assembly Winter Session धर्मशाला के तपोवन में 18 दिसंबर से शुरू हो रहा शीतकालीन सत्र नौकरियों और कांग्रेस की गारंटियों पर गर्माएगा। विधायकों की ओर से शीतकालीन सत्र के लिए कुल 300 प्रश्न पूछे गए हैं और अधिकतर प्रश्न बेरोजगारी, कानून व्यवसथा, अवैध खनन और स्थानीय मुद्दों को लेकर पूछे गए हैं।
विधायकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों में कांग्रेस के घोषणा पत्र और गारंटियों को लेकर भाजपा विधायकों ने पूछा है कि आखिर कितनी गारंटियां पूरी हूई हैं और कितने लोगों को इसका लाभ पहुंचा हैं। विधायकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों में से दस प्रतिशत से अधिक प्रश्न आफ लाइन पूछे गए हैं।
21 दिसंबर तक चलेगा सत्र
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 21 दिसंबर तक चलेगा जिसमें चार बैठकें होंगी। मुख्यमंत्री ने सत्र के पहले दिन राधा स्वामी सत्संग ब्यास के हमीरपुर जिला के भोटा स्थित अस्पताल की जमीन को अपनी सहयोगी संस्था को देने के लिए सरकार द्वारा भूमि सुधार अधिनियम में संशोधन को विधेयक भी लाया जा रहा है। जिसमें सिलिंग में राहत दी जानी है।
इसके अलावा भी और विधेयक लाए जाने हैं। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष सत्ता पक्ष को गारंटियों और विकास कार्य न होने को लेकर घेरेगा। जबकि सत्ता पक्ष अपनी उपलब्धियों को रखेगा।
अभी 11 दिसंबर को सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर बिलासपुर में भी कांग्रेस की गारंटियों को लेकर घोषणा होनी है जिससे विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष को मुद्दा बनाने का मौका न मिल सके।
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विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए 300 प्रश्न आए हैं। इनमें से अधिकतर बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, अवैध खनन और स्थानीय मुद्दों को लेकर पूछे हैं।
-कुलदीप कुमार, अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश विधानसभा
दो साल की उपलब्धियों को सामने रखेगी सरकार
सुक्खू सरकार अपनी दो वर्ष की उपलब्धियों को जनता के बीच में रखेगी। इसके लिए प्रचार सामग्री तैयार की जा रही है। उपलब्धियों की जानकारी बुक लेट और डिजिटल दो तरह की होगी। इस संबंध में सभी विभागों को जानकारी शनिवार तक मांगी गई थी।
सरकार प्रदेश की जनता को यह भी बताएगी कि सत्ता संभालते हुए दो गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा। पहली चुनौती भाजपा सरकार विरासत में 85 हजार करोड़ का ऋण छोड़ गई है, जैसे ही ऋण ही इस समस्या से पार पाना शुरू किया राज्य को गंभीर प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा।
गंभीर आर्थिक संकट से पार पाने के लिए कई कदम उठाए। अभी व्यवस्था परिवर्तन के तहत परिणाम आने शुरू भी नहीं हुए थे कि राज्य को राजनीतिक संकट से भी गुजरना पड़ा। भाजपा ने कैसे केंद्र से राशि मिलने में अड़चन डाली। इसका भी प्रचार होगा।

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