हिमाचल में सरकारी विभागों के खातों को Saving Account में बदलने के निर्देश जारी, हर महीने 35 करोड़ रुपये मिलेगा ब्याज
हिमाचल प्रदेश सरकार के वित्त विभाग ने सभी सरकारी विभागों को निर्देश दिया है कि वे बैंकों में अपने चालू खातों को बचत खातों में बदल लें। इस कदम से सरकार को हर महीने 30 से 35 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में मिलेंगे। अभी तक सरकारी विभागों के बैंकों में चालू खातों में करीब एक हजार करोड़ रुपये जमा हैं लेकिन चालू खातों पर कोई ब्याज नहीं मिलता है।

प्रकाश भारद्वाज, शिमला। आर्थिक मोर्चे पर सरकार संकट के चक्रव्यूह में घिरी हुई है और पर्याप्त धन न होने के कारण पूरा तंत्र गड़बड़ाया हुआ है। ऐसी स्थिति में वित्त विभाग के सामने ऐसे प्रमाण आए हैं कि सरकारी विभागों ने बैंकाें में चालू खाता में एक करोड़ से लेकर एक हजार करोड़ की धनराशि जमा कर रखी है।
बैंक में चालू खाता होने के कारण करोड़ों की धनराशि पर किसी तरह का ब्याज नहीं मिलता है। सरकार ने आर्थिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाया। इस तरह की स्थिति को देखते हुए वित्त विभाग ने सभी विभागों को एक पत्र जारी करके निर्देश दिए हैं कि चालू बैंक खाते के स्थान पर बचत खाता खोलें।
बैंक में बचत खाता खोलने से प्रदेश सरकार को हर महीने 30 से 35 करोड़ रुपये की धनराशि ब्याज के तौर पर प्राप्त होगी। प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार की ओर से इस तरह के निर्देश सरकार के सभी विभागों, निगम-बोर्ड सहित सभी स्वाययत संस्थाओं को दिए गए हैं।
राज्य के बैंकों में एक हजार करोड़ रुपये जमा
सरकारी विभागों की करीब एक हजार करोड़ रुपये की धनराशि राज्य के विभिन्न भागों में स्थित बैंकों में जमा है। बैंकों में इतनी बड़ी धनराशि जमा रहने के पीछे कारण है कि विभागों को विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण के लिए बजट मिलता है। लेकिन वन संरक्षण अधिनियम की बाधा के तहत निर्धारित समयावधि में धनराशि खर्च नहीं होती। परिणाम स्वरूप बिना खर्च हुए करोड़ों रुपये बैंक के चालू खाते में पड़ी रहती है।
बैंक नियम के अनुसार चालू बैंक खाते पर किसी तरह का ब्याज नहीं मिलता। जबकि बचत खाते पर 2.75 प्रतिशत का ब्याज प्राप्त होता है। यदि कोई विभाग स्वीप यानि निर्धारित समयावधि के लिए बैंक में धनराशि को जमा रखता है तो 7.2 प्रतिशत का ब्याज प्राप्त होगा।
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62 विभाग और 45 निगम-बोर्ड सहित स्वाययत संस्थान
ऐसा अनुमान है कि सरकार के 62 छोटे-बड़े सरकारी विभाग हैं। इसके अतिरिक्त 45 निगम-बोर्ड और स्वाययत संस्थान हैं। सरकारी व अर्धसरकारी संस्थाओं का एक हजार करोड़ से अधिक णैसा चालू बैंक खातों में पड़ा हुआ है। यदि इस पर मोटे तौर पर ब्याज का आकलन किया जाए तो सरकार को 30 से 35 करोड़ रुपये मासिक ब्याज प्राप्त होगा।
बचत खाते पर प्रत्येक तिमाही पर व्यक्तिगत, संस्थागत खाते पर ब्याज की गणना होती है। पहले महीने की धनराशि, दूसरे महीने बैंक में शेष धनराशि और अंतिम महीने में बैंक खाते में उपलब्ध धनराशि के आधार पर ब्याज सुनिश्चित किया जाता है।
सहकारी बैंक ने 100 करोड़ निजी बैंक में जमा किए थे
ड़ेढ दशक पहले हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक ने स्वीप यानि एक साल की अवधि के लिए 100 करोड़ की धनराशि दक्षिण भारत के एक बैंक में जमा किए थे। सहकारी बैंक को 100 करोड़ रुपये पर करोड़ों की धनराशि ब्याज के तौर पर मिली थी।
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