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    'आईआईटी, 3 मेडिकल कॉलेज और...', मनमोहन सिंह के दिल के बेहद करीब था हिमाचल, प्रधानमंत्री रहते की थी खूब मदद

    Updated: Fri, 27 Dec 2024 09:58 AM (IST)

    भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मनमोहन सिंह ने अपने दो कार्यकालों के दौरान हिमाचल प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने नाहन चंबा और हमीरपुर में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को मंजूरी दी और इनके लिए धन भी स्वीकृत किया।

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    हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ मनमोहन सिंह। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। भारत के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वह 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे।

    मनमोहन सिंह ने 92 वर्ष की अवस्था में इस दुनिया से अलविदा बोल दिया है। प्रधानमंत्री रहते मनमोहन सिंह ने हिमाचल प्रदेश की दिल खोलकर मदद की। दोनों कार्यकाल के दौरान हिमाचल प्रदेश को वह नहीं भूले।

    हिमाचल के लिए किए थे कई प्रोजेक्ट स्वीकृत

    संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) एक व दो सरकार के कार्यकाल में बतौर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हिमाचल प्रदेश के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट स्वीकृत किए थे। नाहन, चंबा और हमीरपुर में मेडिकल कॉलेज यूपीए शासन के दौरान स्वीकृत किए गए थे और इनमें से प्रत्येक कॉलेज के लिए भवन बुनियादी ढांचे के लिए राशि स्वीकृत की गई थी।

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    उस समय हिमाचल के दो मेडिकल कॉलेजों, इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) शिमला और डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज व अस्पताल टांडा में एमबीबीएस की 100 सीट होती थी। कौल सिंह ठाकुर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे। उन्होंने केंद्र सरकार से सीटें बढ़ाने का आग्रह किया था। इस पर केंद्र सरकार ने (आईजीएमसी) शिमला और टांडा मेडिकल कालेज सीटें बढ़ाई थीं।

    हिमाचल के विकास में अहम योगदान

    2009 में मनमोहन सरकार के कार्यकाल में ही नेरचौक में ईएसआई मेडिकल कॉलेज मंजूर हुआ था। बाद में इसे राज्य सरकार के अधीन किया गया। इसके लिए केंद्र सरकार ने 189 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। केंद्र सरकार ने जब देश में केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने की पहल की, तो उसमें भी मनमोहन हिमाचल को नहीं भूले।

    2009 में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्वीकृति भी मनमोहन सरकार के कार्यकाल में ही मिली थी। इसके अलावा मंडी में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की स्वीकृति भी उन्हीं की सरकार ने दी थी।

    पहली बार बनाए प्रदेश से दो केंद्रीय मंत्री

    केंद्र में किसी भी दल की सरकार रही हो, प्रदेश को एक से अधिक मंत्री पद नहीं मिला। लेकिन मनमोहन सिंह सरकार में हिमाचल प्रदेश से दो केंद्रीय मंत्री थे। इनमें वीरभद्र सिंह को इस्पात और आनंद शर्मा को वाणिज्य मंत्री बनाया गया।

    नाथपा झाकड़ी परियोजना का लोकार्पण

    सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) की नाथपा झाकड़ी जल विद्युत परियोजना सतलुज नदी पर स्थित है। इस परियोजना को मई 2004 में शुरू किया गया था। परियोजना को आधिकारिक रूप से 28 मई 2005 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस राष्ट्र को समर्पित किया था।

    सुक्खू बोले, मन व्यथित

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन की सूचना से मन अत्यंत व्यथित है। पूरे देश और कांग्रेस परिवार के लिए यह अपूरणीय क्षति है। आज भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हो गया है। उनकी दूरदर्शिता, सरलता और नीतिगत कुशलता ने भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी और वैश्विक स्तर पर भारत का मान बढ़ाया। भारतीय राजनीति में उनके योगदान को युगों-युगों तक याद रखा जाएगा। उनके कार्य सदैव प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।

    देश को वित्तीय संकट से निकाला: रोहित ठाकुर

    शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि देश ने महान अर्थशास्त्री व अद्वितीय नेता को खो दिया। उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक सुधारों की नींव पर खड़ा होकर नई ऊंचाइयों को छुआ। डॉ. मनमोहन सिंह ने 1991 में आर्थिक सुधारों के माध्यम से देश को वित्तीय संकट से बाहर निकाला और भारत को वैश्विक मंच पर मजबूती से स्थापित किया।

    अपूरणीय क्षति: मुकेश अग्निहोत्री

    उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने एक्स पर लिखा है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जाना न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक सुधारों का नया अध्याय लिखा और विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में अपना स्थान सुनिश्चित किया।

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