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    1.50 लाख वार्षिक आय वाले परिवार भी BPL में होंगे शामिल, CM सुक्खू ने किया एलान

    Updated: Fri, 10 Jan 2025 02:18 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के हालिया फैसलों ने राज्य की नीतियों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। जैसे बीपीएल आय सीमा में वृद्धि जमीन खरीद पर स्टांप ड्यूटी में बढ़ोतरी ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना नशे पर लगाम के लिए विशेष टास्क फोर्स शिक्षक पुरस्कार पर सेवा विस्तार डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर संस्थान और तारा देवी मंदिर क्षेत्र को हरित क्षेत्र में शामिल करना है।

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    हिमाचल प्रदेश में बीपीएल कार्ड की आय सीमा डेढ़ लाख रुपये कर दी गई है। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) की श्रेणी में शामिल होने वाले परिवारों की आय सीमा 35 हजार रुपये वार्षिक से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये होगी। कौन से परिवार इसमें शामिल होंगे, यह भी तय किया गया। यह निर्णय वीरवार को शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल के बैठक में लिया गया।

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    हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिप्पा) का नाम बदलकर डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर रखने को स्वीकृति दी गई। अन्य राज्यों के लोगों के जमीन खरीदने पर स्टांप ड्यूटी में वृद्धि का निर्णय लिया गया।

    बीपीएल सूची में शामिल होंगे ये परिवार

    बैठक में निर्णय लिया गया कि बीपीएल सूची में वे परिवार भी शामिल होंगे, जिनमें 18 से 59 वर्ष की आयु के बीच कोई वयस्क सदस्य नहीं है और जिन परिवारों की मुखिया महिलाएं हैं।

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    जिन परिवारों का मुखिया 50 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांग है, जिन परिवारों ने पिछले वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत कम से कम 100 दिन काम किया है, जिन परिवारों के कमाने वाले सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसन, मस्कुलर डिस्ट्राफी, थैलेसीमिया या किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, जिस कारण स्थायी विकलांगता हो सकती है।

    हिमाचल में 38 पंचायतें बीपीएल मुक्त

    वर्ष 2002 के तहत हिमाचल के लिए बीपीएल का कोटा 2.82 लाख परिवार है, जिसमें से 2.65 लाख परिवार इस श्रेणी में शामिल हैं। प्रदेश की 38 पंचायतें बीपीएल मुक्त हैं। इस बार इन पंचायतों से भी बीपीएल में शामिल होने के लिए आवेदन आए हैं। बैठक में धारा 118 के तहत उद्योगों व अन्य उपयोग के लिए अन्य राज्यों के लोगों के जमीन खरीदने पर स्टांप ड्यूटी को आठ से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किया गया।

    इसके लिए भारतीय स्टांप अधिनियम, 1899 की अनुसूची एक ए में संशोधन करने के लिए अध्यादेश जारी होगा। यह संशोधन हिमाचल प्रदेश काश्तकारी एवं भूमि सुधार अधिनियम, 1972 की धारा 118(2)(एच) के अंतर्गत सुरक्षित हस्तांतरण और पट्टा लेनदेन पर राज्य सरकार की पूर्व स्वीकृति से 12 प्रतिशत की एक समान स्टांप ड्यूटी दर लगाने में सक्षम बनाएगा।

    इन परियोजनाओं को भी मिली मंजूरी

    10 वर्षीय कार्यक्रम के अनुसार बिक्री के लिए खैर के पेड़ कटान के साथ सफेदा, पापलर और बांस को छोड़कर अन्य पेड़ों को काटने पर प्रतिबंध का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने पांच मेगावाट से अधिक की जलविद्युत और सौर ऊर्जा परियोजनाओं के साथ ग्रीन हाइड्रोजन, बायोमास और पंप स्टोरेज परियोजनाओं के आवंटन और निगरानी ऊर्जा विभाग को सौंपी।

    नालागढ़ में एक मेगावाट की ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना की स्थापना को भी मंजूरी दी गई, जिसका निष्पादन एचपीपीसीएल करेगा। पर्यावरण की रक्षा और हरित पट्टियों में मानवीय हस्तक्षेप कम करने के लिए शिमला जिले में तारा देवी मंदिर के आसपास के क्षेत्र को हरित क्षेत्र के दायरे में लाने का निर्णय लिया।

    नशे पर लगाम लगाएगी विशेष टास्क फोर्स

    राज्य में नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने, नशे की तस्करी और संगठित अपराध नेटवर्क को खत्म करने के लिए विशेष टास्क फोर्स की स्थापना को मंजूरी दी गई। इससे नशे तस्करों पर लगाम लगाई जा सकेगी। यह टास्क फोर्स इस तरह के मामलों से निपटेगी। प्रदेश में बढ़ते नशे के चलन के विरुद्ध दैनिक जागरण भी लगातार अभियान चलाता रहा है।

    जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के 10 पद भरेंगे

    हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग शिमला के लिए जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) के 10 पद सृजित कर भरने का निर्णय लिया। हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से ग्रुप-सी के पदों की भर्ती के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षण आयोजित करने के लिए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत उन्नत कंप्यूटिंग विकास केंद्र (सी-डैक) का चयन करने का निर्णय लिया गया।

    विद्युत प्रोजेक्ट पर लगेगा हरित ऊर्जा विकास शुल्क

    मंत्रिमंडल ने पंप स्टोरेज आधारित विद्युत परियोजनाओं पर हरित ऊर्जा विकास शुल्क लगाने को मंजूरी दी। इससे सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी। परियोजना के चालू होने के बाद पहले 10 वर्ष के लिए 2.5 लाख रुपये प्रति मेगावाट प्रति वर्ष का शुल्क लगाया जाएगा। उसके बाद बढ़कर पांच लाख रुपये प्रति मेगावाट प्रति वर्ष हो जाएगा। इससे प्रदेश को 200 करोड़ रुपये से अधिक की आय होने का अनुमान है।

    शिक्षक पुरस्कार पर सेवाविस्तार देगी सरकार

    राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों को सरकार सेवा विस्तार देगी। राज्य सरकार पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को सेवा विस्तार पहले भी देती थी, लेकिन वर्ष 2022 में इसे बंद कर दिया था। इसके तहत राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक को दो साल का सेवा विस्तार मिलेगा। राज्यस्तरीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षक को एक साल का सेवाविस्तार दिया जाएगा। इन शिक्षकों के पास पुरस्कार राशि या सेवाविस्तार लेने का विकल्प रहेगा।

    कैबिनेट के निर्णय

    • नियम 118 के तहत जमीन खरीदना होगा महंगा, देनी होगी 12 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी
    • पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के नाम से जाना जाएगा हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान
    • शिमला जिले में तारा देवी मंदिर के आसपास के क्षेत्र को हरित क्षेत्र के दायरे में लाने का निर्णय
    • खैर, सफेदा, पापलर व बांस को छोड़ अन्य पेड़ों को काटने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय

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