हिमाचल में महंगी होगी बिजली! इसी सप्ताह लागू होगी नई दरें; प्रति यूनिट कितने की हो सकती है बढ़ोतरी?
हिमाचल प्रदेश (Himachal News) में अगले वित्तीय वर्ष के लिए बिजली की नई दरें जल्द ही घोषित की जा सकती हैं। राज्य विद्युत नियामक आयोग इस सप्ताह के अंत तक नई दरें जारी कर सकता है। उद्योगपतियों ने बिजली की दरें न बढ़ाने की मांग की थी लेकिन राज्य बिजली बोर्ड ने अपने वार्षिक खर्च को पूरा करने के लिए दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है।

जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश (Himachal News) में अगले वित्तीय वर्ष में बिजली की दरें क्या होंगी, इसको लेकर राज्य विद्युत नियामक आयोग की ओर से इसी सप्ताह नई दरें जारी की जा सकती हैं।
उद्योगपतियों ने की थी बिजली की दरें न बढ़ाने की मांग
राज्य बिजली बोर्ड ने आयोग के समक्ष बिजली की दरों को लेकर याचिका दायर की थी। इस पर विभिन्न पक्षों की सुनवाई हुई। इसमें अधिकतर उद्योगपतियों ने बिजली की दरें न बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन राज्य बिजली बोर्ड ने अपने वार्षिक खर्च को पूरा करने के लिए बिजली की दरों में बढ़ोतरी प्रस्तावित की है।
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बता दें कि दिसंबर में ही बिजली की दरों को बढ़ाने के लिए बिजली बोर्ड ने तैयारी शुरू कर दी थी। बोर्ड की ओर से 50 से 70 पैसे प्रति यूनिट बिजली की दर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। कितना खर्च बोर्ड का होगा, उस आधार पर बिजली की दरों में बढ़ोतरी की जाती है।
31 मार्च को घोषित किया जाता है नया टैरिफ
इसमें राज्य बिजली बोर्ड ने अगले वर्ष कुल कितना खर्च होगा, कितनी आय का आकलन करना होता है। इसमें जितना अंतर पाया जाता है, उसकी भरपाई के लिए बोर्ड की ओर से बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर आयोग की ओर से सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाया जाता है।
हर साल 31 मार्च को नया टैरिफ घोषित किया जाता है। इस बार 30 व 31 को अवकाश है, इसलिए जल्द ही सप्ताह के अंत तक नई दरों के घोषित होने की उम्मीद है।
सब्सिडी के मामले में भी रहेगी नजर
हिमाचल प्रदेश (Himachal News) में क्लास वन व टू स्तर के अधिकारियों की बिजली की सब्सिडी सरकार ने बंद कर दी है। इन्हें पूरा बिल जारी किया जाना है।
हिमाचल की सुक्खू सरकार की ओर से इसके निर्देश जारी कर दिए हैं, लेकिन राज्य विद्युत नियामक आयोग की ओर से इस मामले पर कोई स्पष्ट निर्देश न मिलने के चलते ये अधर में है। 16 हजार से ज्यादा अधिकारियों-कर्मचारियों को भी इस बार बिजली की नई दरों के आदेशों का इंतजार है।
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