Himachal Pradesh News: नई होम स्टे नीति के चलते पर्यटकों की जेब होगी ढीली, संचालक ले सकेंगे पांच हजार तक किराया
हिमाचल प्रदेश में नई होम स्टे नीति के चलते अब पर्यटकों की जेब पर बोझ बढ़ने वाला है। दरअसल पहले होम स्टे में एक हजार रुपये तक कमरा मिल जाता था। लेकिन प्रदेश सरकार की नई होम स्टे नीति (New Homestay Policy) के तहत अब संचालक एक कमरे का पांच हजार रुपये तक वसूल सकेंगे। हिमाचल प्रदेश में तीन हजार से अधिक होम स्टे रजिस्टर्ड हैं।
राज्य ब्यूरो, शिमला। होटलों के महंगे कमरों की अपेक्षा होम स्टे में सस्ती दरों पर पर्यटकों को कमरे मिलते थे। पर्यटन विभाग की ओर से होम स्टे में कमरों का शुल्क निर्धारित होता था। आमतौर पर होम स्टे में 1000 रुपये न्यूनतम मूल्य पर कमरा मिल जाता था। अब प्रदेश सरकार की ओर से तैयार की जा रही नई होम स्टे नीति में होम स्टे संचालक होम कमरा 5 हजार रुपये शुल्क पर दे सकेगा।
मंत्रिमंडलीय उप-समिति की ओर से नई होम स्टे नीति का निर्धारण किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के लिए बनी होम स्टे नीति का दायरा बढ़ाकर शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग-अलग किया जा रहा है। प्रदेश में इस समय पांच हजार से अधिक होटल हैं, जोकि सरकार को कई तरह का शुल्क चुकाते हैं।
तीन हजार से अधिक होम स्टे रजिस्टर्ड
दूसरी ओर राजधानी शिमला सहित जिला मुख्यालयों के आसपास सैकड़ों की संख्या में होम स्टे खुल चुके हैं और लगातार खुलते जा रहे हैं। पर्यटन विभाग की ओर से की गई गणना के अनुसार प्रदेश में तीन हजार से अधिक होम स्टे पंजीकृत हैं, जिन्हें घरेलू दरों पर सस्ती बिजली और पानी की सुविधा प्राप्त है। लेकिन नई नीति में होम स्टे संचालकों को व्यवसायिक दरों पर बिजली-पानी का भुगतान करना पड़ेगा।
होम स्टे नीति लागू होने से पहले मंत्रिमंडलीय उप-समिति मंत्रिमंडल की बैठक में अंतिम स्वीकृति प्राप्त करने के लिए लेकर जाएगी।
केवल होम स्टे के कमरों पर ही लगेगा टैक्स
नई होम स्टे नीति में ये भी निर्धारित किया गया है कि यदि 10 कमरों का मकान है और मकान के पांच कमरे ही होम स्टे के तहत चलाए जा रहे हैं, तो केवल इन्हीं कमरों पर बिजली-पानी की व्यवसायिक दरें लागू होंगी। इसके लिए मकान मालिक को होम स्टे के लिए बिजली-पानी का नया मीटर लगाना होगा।
विवाद बढ़ रहा
होम स्टे संचालकों ने सरकार के समक्ष पक्ष रखा है कि बिजली-पानी की दरों को व्यवसायिक करने और शहरी क्षेत्रों में होम स्टे को वैधता दिए जाने से होम स्टे की ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिकी को मजबूत करने का उद्देश्य समाप्त हो जाएगा। पर्यटकों को सस्ती दरों पर शहरों के नजदीक होम स्टे उपलब्ध होंगे।
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