हिमाचल में होली पार्टी पर विवाद, बिल लीक करने वाले अधिकारियों पर गिर सकती है तबादलों की गाज; जांच शुरू
शिमला (Himachal News) के होटल हॉलिडे होम में अधिकारियों की होली पार्टी का 1.22 लाख का बिल लीक होने के मामले में जांच शुरू हो गई है। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को बिल पहुंचने से पहले ही लीक होने की आशंका है। इस मामले में आरोपी अधिकारियों का तबादला भी हो सकता है। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि यह पार्टी अधिकारियों के लिए आयोजित की गई थी।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal News: होटल हॉलीडे होम में अधिकारियों की होली पार्टी का 1.22 लाख का बिल आखिर लीक कहां से हुआ। किन कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत से यह बिल लीक हुआ अधिकारी इसका पता लगाने में जुट गए हैं। सूत्रों की माने तो बिल सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को आने से पहले ही लीक हो गया था।
आरोपी अधिकारियों का हो सकता है तबादला
14 मार्च को होली थी, और इसी दिन यह पार्टी आयोजित हुई थी। बिल भी उसी दिन जारी हो गया था। करीब 1 महीने बाद यानि 17 अप्रैल को यह बिल इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया गया। बताया जा रहा है कि एक सोची समझी साजिश के तहत बिल को प्रसारित किया गया है। मुख्यमंत्री व राज्य सरकार के कार्यक्रमों के बिल की अदायगी सामान्य प्रशासन विभाग ही करता है।
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यदि कोई विभागीय कार्यक्रम हो तो विभाग उस बिल की अदायगी करता है। इस बिल को प्रसारित करने वाले कर्मचारियों या अधिकारियों पर तबादलों की गाज गिर सकती है। आने वाले दिनों में इस पर कोई कार्रवाई भी हो सकती है। अधिकारियों की ओर से की जाने वाली यह कोई पहली पार्टी नहीं है।
पहले भी इस तरह की पार्टियां आयोजित की जाती रही है। कुछ पार्टियों की पेमेंट अधिकारियों की एसोसिएशन की ओर से भी की जाती रही है। होली के मौके पर पहली बार अधिकारियों के लिए अलग पार्टी आयोजित गई। अकसर होली के मौके पर राजभवन व मुख्यमंत्री आवास ही अधिकारी जाते रहे हैं।
1.22 लाख का कटा है बिल
14 अप्रैल को होटल हॉलीडे होम में आयोजित पार्टी में 75 आईएएस अधिकारी, उनकी पत्नियां और बच्चों के अलावा 22 चालकों ने लंच व सनेक्स का बिल काटा गया था। कुल 1.22 लाख रुपये का बिल पर्यटन विकास निगम ने जीएडी के नाम से काटा था।
'जिन्हें सिस्टम का ज्ञान नहीं वह ऐसी बातें करते हैं'
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि जिन्हें सिस्टम के बारे में ज्ञान नहीं वही ऐसी बातें करते हैं। इस पार्टी का आयोजन सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने किया गया था। राज्यपाल, मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव सभी इस तरह की पार्टी का आयोजन कर सकते हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि यह पार्टी मेरे रिश्तेदारों के लिए तो थी नहीं, अधिकारियों के लिए आयोजित की गई थी। यह मेरे जन्मदिन की पार्टी नहीं थी, होली के त्योहार पर पार्टी का आयोजन किया गया था। होली के दिन राज्यपाल व मुख्यमंत्री के यहां पर भी इस तरह की पार्टी का आयोजन होता है उसी तरह हमारे यहां भी हुआ है। उसमें ऐसा तो कुछ था नहीं, यदि कुछ होता तो बिल जीएडी को क्यों देते।
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