हिमाचल में बल्क ड्रग पार्क निर्माण प्रक्रिया शुरू, 45,600 पेड़ आ रहे जद में, कितने हजार करोड़ का निवेश व कितनों को मिलेगा रोजगार?
ऊना जिले के हरोली में बल्क ड्रग फार्मा पार्क के निर्माण से 45,600 पेड़ प्रभावित होंगे। उद्योग विभाग ने दिसंबर 2026 तक पहले चरण में उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य रखा है। भूमि को समतल करने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। परियोजना की अनुमानित लागत 1,923 करोड़ रुपये है और इससे लगभग 35,000 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। पार्क में फार्मा कंपनियों के लिए कच्चा माल तैयार होगा।

हिमाचल प्रदेश के हरोली में बल्क ड्रग पार्क निर्माण प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रतीकात्मक फोटो
अनिल ठाकुर, शिमला। ऊना जिला के हरोली में बल्क ड्रग फार्मा पार्क के निर्माण की जद में 45,600 पेड़ आएंगे। उद्योग विभाग ने दिसंबर 2026 में पहले चरण में उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य तय किया है। उद्योग विभाग ने जमीन को समतल बनाने (साइड डेवलपमेंट) का टेंडर जारी कर दिया है। दो चरणों में जमीन को समतल किया जाएगा।
21 हजार को काटने की मिली मंजूरी
बल्क ड्रग फार्मा पार्क बनाने की जद में 45,600 पेड़ (छोटे व बड़े पेड़) आएंगे। विभाग ने इन पेड़ों को काटने की मंजूरी मांगी थी। वन विभाग के अनुसार 45,600 पेड़ों में से 21,702 पेड़ काटने की मंजूरी मिल गई है। 23,898 पेड़ों को संरक्षित रखा जाएगा।
पेड़ कटान के बाद जमीन समतल कार्य होगा
दूसरे चरण में कुल 222 पेड़ों में से 146 पेड़ों को काटने की अनुमति दी जाएगी और 76 पेड़ों को यथास्थान संरक्षित रखा जाएगा। इसके बाद भी पेड़ों को काटने के लिए आवेदन किया जा सकता है। उद्योग विभाग ने वन विकास निगम को इस बारे सूचित कर पेड़ों को काटने के निर्देश दिए हैं। पेड़ कटान के बाद ही जमीन को समतल करने का कार्य शुरू हो पाएगा।
परियोजना डिजाइन को अंतिम रूप मिलने के बाद होगी कटाई
वन विभाग की देखरेख में वन विकास निगम इस कार्य को करेगा। सरकार की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि पेड़ों की कटाई का कार्य तभी शुरू किया जाएगा जब परियोजना का डिजाइन को अंतिम रूप मिलेगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि कोई अतिरिक्त पेड़ न काटा जा सकें।
जितने पेड़ कटेंगे उतने ही लगाए जाएंगे
जितने पेड़ों को परियोजना निर्माण के लिए काटा जाएगा, उतने ही पेड़ नए स्थान पर लगाए भी जाएंगे। यह नियम पहले से हैं और इस परियोजना में भी इसका पालन किया जाएगा। हरित पट्टी विकास योजना एवं पुनर्वनीकरण योजना के अनुरूप यह कार्य होगा ताकी पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखा जा सके और कटे हुए पेड़ों की क्षतिपूर्ति के लिए नए पेड़ लगाए जा सकें।
2020 में मंजूर हुआ था पार्क
केंद्र सरकार ने 21 मार्च, 2020 को बल्क ड्रग पार्क योजना को मंजूरी दी थी। परियोजना की कुल अनुमानित लागत 1,923 करोड़ रुपये है। इसमें केंद्र सरकार की अनुदान राशि 1,118 करोड़ रुपये है। वहीं, 804.54 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार की ओर से खर्च की जाएगी। 1402.44 एकड़ भूमि में इसे बनाया जा रहा है।
इसलिए निवेश को इच्छुक है कंपनियां
बल्क ड्रग पार्क में फार्मा कंपनियों से लिए कच्चा माल तैयार होगा। मैनकाइंड, अरविदो और सन फार्मा समेत 50 नामी कंपनियां निवेश करने को तैयार हैं। अभी फार्मा उद्योगों के लिए चीन से कच्चा माल लाया जाता है। कंपनियां इसलिए निवेशक को ज्यादा इच्छुक है क्योंकि उन्हें यहीं अपना सामान बेचने को बाजार मिल जाएगा। चीन के बजाय कंपनियां बल्क ड्रग पार्क से कच्चा माल उठा सकेंगी। पहले चरण में 50 कंपनियां फार्मा कंपनियों के लिए कच्चा माल बनाएंगी। इसमें देश-विदेश के नामी औद्योगिक घराने निवेश करने को तैयार हैं।
35 हजार को मिलेगा रोजगार
बल्क ड्रग पार्क में पहले चरण का उत्पादन दिसंबर 2026 से शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यहां पर करीब 35 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा ऐसा दावा उद्योग विभाग कर रहा है। पार्क के भीतर 10 हजार करोड़, जबकि बाहर 5,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। विभाग की ओर से 287 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले साइट डेवलपमेंट प्लान, रोड, बाउंडरी वॉल और पुल निर्माण के लिए टेंडर कर दिए हैं।
321 करोड़ की लागत से स्थापित होगा बॉयलर
पार्क में बॉयलर को स्थापित किया जाएगा। इसकी लागत 321 करोड़ रुपये के करीब है। इसके लिए भी उद्योग विभाग ने टेंडर जारी कर दिए हैं। हालांकि अभी एसटीपी (सॉलेड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट) के लिए टेंडर होने हैं। उद्योगों से जो गंदा पानी निकलेगा उसे ट्रीट करने के लिए यह एसटीपी बनाया जाएगा। करीब 284 करोड़ इस पर खर्च होंगे। विभाग की योजना है कि इस पानी को सिंचाई में इस्तेमाल किया जाए इसलिए ट्रीटमेंट प्लांट आधुनिक तरीके से बनाया जाएगा।
बल्क ड्रग फार्मा पार्क के निर्माण को लेकर प्रक्रिया जारी है। कई टेंडर लग चुके हैं जिस पर जल्द काम शुरू होगा। जो पेड़ इस के दायरे में आएंगे उन्हें काटने व उसके स्थान पर नए पेड़ों को लगाने की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी।
-आरडी नजीम, अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग विभाग।
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