हिमाचल: ऊना में अवैध क्रशर से जुड़े मामले में NGT में हुई सुनवाई, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जारी किए ये निर्देश
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने ऊना में अवैध क्रशर मामले की सुनवाई करते हुए मामले को सुलझा दिया है। एनजीटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इकाई का नियमित निरीक्षण करने और पर्यावरणीय मानकों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। शिकायत अवैध भूमि समतलीकरण और पेड़ों की कटाई से संबंधित थी, लेकिन निरीक्षण में आरोप प्रमाणित नहीं हुए और इकाई को मानकों के अनुरूप पाया गया।

ऊना में अवैध क्रशर के मामले में एनजीटी में आज सुनवाई हुई। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की प्रधान पीठ ने हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में कथित अवैध क्रशर से जुड़े मामले पर सोमवार को सुनवाई हुई। प्राधिकरण ने कहा कि मामला अब सुलझ चुका है। एनजीटी ने हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को संबंधित इकाई का नियमित निरीक्षण करने के आदेश दिए हैं।
एनजीटी ने कहा कि वह पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप संचालन जारी रखे। आदेश की प्रति अनुपालन के लिए बोर्ड के सदस्य सचिव को भेजी गई है।
यह शिकायत ऊना जिले की तहसील घनारी के ग्राम मंडवाड़ा में पत्थर क्रशर स्थापित करने के लिए किए जा रहे कथित अवैध भूमि समतलीकरण एवं पेड़ों की कटाई से संबंधित थी।
दो जुलाई को दिए थे निरीक्षण के निर्देश
प्राधिकरण ने 2 जुलाई को हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को निर्देश दिए थे कि शिकायतकर्ता की 21 फरवरी 2025 की शिकायत की जांच करें, स्थल निरीक्षण करें। यह सुनिश्चित करें कि संबंधित पक्षों ने सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त की हैं या नहीं।
27 अगस्त को दाखिल की रिपोर्ट
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 27 अगस्त को दाखिल रिपोर्ट के अनुसार 11 अगस्त को स्थल निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण में पाया गया कि संबंधित इकाई के पास स्थापना की सहमति और संचालन की सहमति उपलब्ध है। किसी भी अवैध वृक्ष कटाई के प्रमाण नहीं मिले और केवल प्राकृतिक झाड़ियां एवं बांस स्थल के आसपास पाए गए।
सड़क की मरम्मत के दिए थे निर्देश
निरीक्षण के दौरान भारी वर्षा के कारण इकाई बंद थी, जबकि सड़क और विंड-ब्रेकिंग दीवार में हुई क्षति की मरम्मत के निर्देश मौके पर ही दे दिए गए थे। 14 अगस्त को दोबारा जांच में पाया गया कि इकाई ने सभी सुधारात्मक निर्देशों का पालन कर लिया है।
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अवैध वृक्ष कटान के आरोप प्रमाणित नहीं
रिपोर्ट के अनुसार इकाई ने जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 और वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत सभी आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त कर ली हैं। अवैध वृक्ष कटान के आरोप प्रमाणित नहीं हुए और इकाई पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप कार्य कर रही है।

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