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    'लोन लेने के मामले में सुक्खू के नाम पर लिखा जाएगा नया रिकॉर्ड', हिमाचल CM पर जयराम ठाकुर ने कसा तंज

    Updated: Wed, 19 Mar 2025 02:55 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर कर्ज लेने के मामले में निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने दो साल में 27 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज ले लिया है जबकि पूर्व भाजपा सरकार ने पांच साल में केवल 28744 करोड़ रुपये का ही कर्ज लिया था। विधानसभा चुनाव में दी गई गारंटियों को कांग्रेस सरकार भूल चुकी है।

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    बीजेपी नेता और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर

     राज्य ब्यूरो,शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार ने ऋण लेने के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। प्रदेश पर एक लाख करोड़ रुपये का ऋण लेने का रिकॉर्ड मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम लिखा जाएगा। उनकी सरकार ने कभी ऋण लेने की सीमा का उल्लंघन नहीं किया। वर्तमान सरकार ने दो वर्ष में ऋण लेने की सीमा का उल्लंघन किया है।

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    मंगलवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के बजट पर चर्चा शुरू करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार दो वर्ष में 27 हजार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण ले चुकी है। पूर्व भाजपा सरकार ने पांच साल के कार्यकाल में केवल 28,744 करोड़ रुपये का ही ऋण लिया। उन्होंने प्रदेश सरकार पर केंद्रीय योजनाओं के बजट से कर्मचारियों को वेतन और पेंशन देने का भी आरोप लगाया।

    पूर्व भाजपा सरकार ने जहां ऋण लौटाने के लिए ऋण लिया वहीं वर्तमान सरकार मित्रों को खुश करने के लिए ऋण ले रही है। विधानसभा चुनाव में दी गई गारंटियों को कांग्रेस सरकार भूल चुकी है। पूर्व सरकार ने कोरोना महामारी जैसी आपदा के समय भी प्रदेश का विकास नहीं रुकने दिया।

    बजट को दिशाहीन करार दिया और कहा कि ऐसे में हिमाचल वर्ष 2027 तक आत्मनिर्भर नहीं बन सकता। 23 लाख महिलाएं 1500 रुपये मिलने का इंतजार कर रही हैं लेकिन केवल 23 हजार महिलाओं को यह राशि एक बार देकर इतिश्री कर ली है।

    आरडीजी घटने से बजट का आकार घटा: सुक्खू

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नेता प्रतिपक्ष के पेश दावों को लेकर कहा कि केंद्र से मिलने वाले राजस्व घाटा अनुदान (आरडीजी) घटने के कारण प्रदेश के बजट का आकार कम हुआ है।

    हिमाचल को वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान केवल 3257 करोड़ रुपये आरडीजी मिलेगी। जबकि पूर्व भाजपा सरकार के समय 16 हजार करोड़ रुपये जीएसटी मुआवजे के रूप में आए थे। तत्कालीन भाजपा सरकार ने इस पैसे का दुरुपयोग किया। इस राशि का सदुपयोग प्रदेश का ऋण चुकाने में किया जा सकता था।

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    पूर्व भाजपा सरकार के समय प्रदेश की ऋण लेने की सीमा पहले साढ़े चार प्रतिशत, फिर साढ़े तीन प्रतिशत थी। जिसे अब केंद्र सरकार ने घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया है। मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि पूर्व सरकार के समय जीएसटी की चोरी होती थी, जिसे वर्तमान सरकार ने रोका है।

    इतिहास में दर्ज होगा सबसे कम वृद्धि वाला बजट

    जयराम ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में सबसे कम ग्रोथ यानी कम वृद्धि वाला बजट है। साल 2019-20 में हिमाचल के बजट में 7.11 प्रतिशत, 2020-21 में 10.69 प्रतिशत, 2021-22 में 2.16 प्रतिशत, 2022-23 में 2.34 प्रतिशत, 2023-24 में चार प्रतिशत, 2024-25 में 9.42 प्रतिशत और 2025-26 में महज 0.12% वृद्धि दर्ज की गई है।

    आम आदमी का समझता हूं दर्द, इसलिए आता हूं ऑल्टो कार में: सीएम

    मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बजट पेश करने के लिए ऑल्टो कार में इसलिए आते हैं, क्योंकि वह आम आदमी का दर्द समझते हैं। वह प्रदेश के हितों की रक्षा करने के लिए सत्ता में आए हैं, जो कि व्यवस्था परिवर्तन के सहारे संभव किया जा रहा है।

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