हिमाचल: शराब घटाएगी राज्य राजमार्गों का दर्जा
सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद बंद हो रहे शराब के ठेकों को बचाने के लिए हिमाचल सरकार ने नया फार्मूला ढूंढ़ निकाला है। ...और पढ़ें

जेएनएन, शिमला: सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद बंद हो रहे शराब के ठेकों को बचाने के लिए हिमाचल सरकार ने नया फार्मूला ढूंढ़ निकाला है। इसके लिए सरकार राज्य राजमार्गों का दर्जा घटा देगी यानी स्टेट हाईवे को डी-नोटिफाई कर दिया जाएगा। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग व आबकारी एवं कराधान विभाग के उच्चाधिकारियों में बैठक भी हो चुकी है। सुप्रीमकोर्ट के चाबुक के बाद अस्तित्व में आई नई आबकारी नीति से हिमाचल में राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों के किनारे 788 ठेके और करीब 300 बार बंद होंगे।
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इस समस्या से पार पाने के लिए प्रदेश सरकार ने नया तरीका तलाश लिया है। सरकार ने राज्य राजमार्गों को डी नोटिफाई करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि इससे सभी ठेको और बार मालिको को राहत तो नहीं मिलेगी, लेकिन अधिकतर इससे लाभान्वित होंगे। प्रदेश में वर्तमान में करीब 16 राज्य राजमार्ग है। दो राज्य राजमार्गों को हाल ही में राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर दिया गया है। लोक निर्माण विभाग ने राजमार्गों को डी नोटिफाई यानी दर्जा घटाने के पीछे तर्क दिया है कि राज्य राजमार्गो के लिए केंद्र से कोई अलग फंड नहीं आता है और इसके रखरखाव का पूरा खर्च प्रदेश सरकार ही वहन करती है। ऐसे में राज्य राजमार्ग के रखरखाव के लिए अलग नीति बनाई जा रही है, जिसके तहत प्रदेश के राज्य राजमार्गों को डी नोटिफाइ किया जा रहा है।
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सूत्रों के मुताबिक राज्य राजमार्गों का नाम बदल कर जिला या शहर का मुख्यमार्ग रखा जाता है तो करीब साढ़े चार सौ शराब के ठेकों को बंद करने की नौबत नहीं आएगी। सोलन की बड़ोग-कुम्मारहट्टी सड़क भी राज्य राजमार्ग थी, लेकिन इसे काफी समय पहले ही डी नोटिफाई कर जिला मुख्य मार्ग रख दिया गया था। इसे लेकर आबकारी एवं कराधान विभाग और लोक निर्माण विभाग के उच्च अधिकारियों के बीच बैठक भी हो चुकी है।
राज्य राजमार्गो को डी नोटिफाई करने की तैयारी की जा रही है। राज्य राजमार्गो की मरम्मत पर प्रदेश सरकार ही पूरा पैसा खर्च करती है, इसलिए इनका नाम बदल कर कुछ और रखा जाएगा।-नरेंद्र चौहान, अतिरिक्त मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग।

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