Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तराखंड के PWD अधिकारी करेंगे हिमाचल के फोरलेन प्रोजेक्ट का अध्ययन, इन 6 सड़कों को माना जाता है उत्कृष्ट

    By HANS RAJ SAINIEdited By: Rajesh Sharma
    Updated: Mon, 01 Dec 2025 02:13 PM (IST)

    उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग के अधिकारी हिमाचल प्रदेश में फोरलेन परियोजनाओं का अध्ययन करेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य हिमाचल की छह उत्कृष्ट सड़कों से प्रेरणा लेकर उत्तराखंड में भी बेहतर सड़कें बनाना है। अधिकारी देखेंगे कि हिमाचल प्रदेश ने कौन सी नई तकनीक का इस्तेमाल किया है, जिससे उत्तराखंड में भी आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा सके।

    Hero Image

    मंडी में कीरतपुर से मनाली फोरलेन का हिस्सा। जागरण

    हंसराज सैनी, मंडी। हिमालयी राज्यों में सुरक्षित और आधुनिक सड़क निर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तराखंड सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। उत्तराखंड के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के वरिष्ठ अधिकारी तीन दिसंबर तक हिमाचल प्रदेश का दौरा करेंगे। इस दौरे के दौरान वह भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) द्वारा कठिन पर्वतीय क्षेत्रों में अपनाई गई उन्नत इंजीनियरिंग तकनीक का अध्ययन करेंगे। 

    इस संबंध में विभाग के सचिव डा. पंकज कुमार पांडे ने एनएचएआइ को पत्र भेजकर तकनीकी सहयोग, फील्ड निरीक्षण और मार्गदर्शन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।

    डा. पांडे द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार यह दौरा उत्तराखंड के सड़क निर्माण मॉडल को और अधिक तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हिमाचल प्रदेश में कई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना अत्यंत चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों जैसे पहाड़ी ढलान, भूस्खलन, भू-संवेदनशील इलाके और संकरी घाटियों में सफलतापूर्वक लागू की गई हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन छह प्रोजेक्ट का निरीक्षण करेंगे

    ऐसे में वहां अपनाई गई तकनीकों का प्रत्यक्ष अध्ययन उत्तराखंड के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। दौरे के दौरान टीम शिमला बाईपास, कुल्लू मनाली मार्ग, कीरतपुर नेरचौक ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट, कीरतपुर बाईपास, सुंदरनगर बाईपास और बिजणी से मंडी तक चार लेनिंग कार्य का निरीक्षण करेगी। 

    यह परियोजना आधुनिक तकनीकी निर्माण के उत्कृष्ट उदाहरण मानी जाती हैं, जहां अत्याधिक संवेदनशील भूभाग में ढलान सुदृढ़ीकरण, सुरंग तकनीक, रिटेनिंग संरचनाओं, भूस्खलन नियंत्रण उपायों और नवीन निर्माण पद्धतियों का उपयोग किया गया है।

    मनाली फोरलेन पर बनी हैं 20 सुरंगें

    कीरतपुर मनाली फोरलेन पर 20 के करीब यातायात सुरंगों का निर्माण हुआ है। 10 से अधिक सुरंगें प्रस्तावित हैं।

    हिमाचल की सफल तकनीकों को समझेंगे अधिकारी

    उत्तराखंड की अनेक सड़क परियोजना भी इसी प्रकार की कठिन भू-स्थिति से गुजरती हैं। भूस्खलन, पहाड़ी कटान, चट्टानों का गिरना और समाज-यातायात पर पड़ने वाले जोखिम
    वहां आम समस्या हैं। ऐसे में हिमाचल की सफल तकनीकों को समझकर उत्तराखंड
    यातायात सुविधाओं को और सुरक्षित एवं स्थायी रूप से विकसित कर सकेगा।

    हिमालयी क्षेत्रों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

    विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीकी दौरा दोनों राज्यों के बीच ज्ञान-विनिमय को बढ़ावा देगा तथा उत्तराखंड की भविष्य की सड़क परियोजनाओं में इंजीनियरिंग गुणवत्ता और सुरक्षा को मजबूत करेगा। यह पहल हिमालयी क्षेत्रों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

    यह भी पढ़ें: हिमाचल में चिट्टा तस्करी की सूचना देने पर मिलेगा 10 हजार से 10 लाख का इनाम, 30 दिन में राशि देगी सरकार

    यह भी पढ़ें: हिमाचल: राधे-राधे बोलने के विवाद के बाद CM सुक्खू का मंच से जयघोष, भाजपा पर साधा निशाना; ...सनातन धर्म की परिभाषा न बताएं