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    अब चरित्र प्रमाणपत्र तय करेगा शराब रखने का पैमाना, आबकारी विभाग ने लाइसेंस देने के नियम बदले

    Updated: Tue, 03 Dec 2024 12:12 PM (IST)

    शराब तस्करी रोकने के लिए आबकारी विभाग ने नियमों में बदलाव किया है। अब घर में शराब की बोतलें रखने के लिए पंचायत या पुलिस से चरित्र प्रमाण पत्र वेरिफाई कराना होगा। चरित्र प्रमाणपत्र लेकर घर में शराब की 38 बोतलें रख सकतें हैं। साथ ही शराब कहां से घर में लाई जा रही है इसका भी बिल रखना होगा।

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    शराब तस्करी रोकने के लिए आबकारी विभाग ने नियमों में किया बदलाव (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, मंडी। अब घर पर छह से अधिक शराब की बोतल रखने के लिए लोगों को अपना चरित्र प्रमाणपत्र पंचायत और पुलिस से सत्यापित करवाकर आबकारी विभाग को देना होगा। साथ ही घर में रखी जाने वाली शराब का बिल आसपास के ठेके का होना अनिवार्य होगा। शराब की तस्करी रोकने के लिए अब आबकारी विभाग ने नियमों में बदलाव किया है।

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    कई घरों से मिली अवैध शराब

    कुछ लोगों को अपने घर में शराब रखने का शौक होता है। शक के दायरे में आए आए ऐसे घरों में पिछले दिनों आबकारी व पुलिस विभाग की टीम ने दबिश दी तो कई घरों से अवैध रूप से रखी शराब मिली। यही नहीं विभाग के पास घरों में शराब रखने का लाइसेंस बनाने के आवेदन भी एकाएक बढ़ने लगे। ऐसे में अवैध शराब की तस्करी की संभावना को भी देखते हुए विभाग ने अब इसके लाइसेंस के नियम में बदलाव कर दिया है।

    पुलिस और पंचायत से जारी होगा प्रमाणपत्र

    इससे पहले विभाग लाइसेंस देने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड की छायाप्रति शपथपत्र के साथ लेता था। शपथ पत्र में लिखा होता था कि लाइसेंस लेने वाला सजायाफ्ता नहीं है और आबकारी विभाग के नियमों का पालन करता है। इसके बाद विभाग की टीम मौके पर जाकर निरीक्षण भी करती थी।

    अब लाइसेंस लेने के लिए चरित्र प्रमाणपत्र देना होगा। यह पुलिस व पंचायत से जारी होगा। इसके बाद विभाग की टीम भी जांचेगी। साथ ही शराब कहां से घर में लाई जा रही है, इसका बिल रखना होगा। एक लाइसेंस पर व्यक्ति 36 बोतल घर में रख सकता है।

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    लाइसेंस लेने के बाद तस्करों से खरीदतें है शराब

    कई बार लोग घरों में शराब रखने का लाइसेंस ले लेते हैं, लेकिन शराब ठेके से लेने के बजाए अवैध तस्करी से जुड़े लोगों से खरीदते हैं या पड़ोसी राज्यों से लेकर आ जाते हैं। इससे प्रदेश सरकार के राजस्व को भी चूना लगता है। इन्हीं बातों को देखते हुए नियमों में बदलाव किया गया है।

    15 से 25 दिन में बनता है लाइसेंस

    एक लाइसेंस जारी होने में 15 से 25 दिन लगते हैं। पहले के आए करीब 15 आवेदन अभी तक लंबित हैं। पूर्व में जारी हुए लाइसेंस की आबकारी विभाग जांच करेगा। लाइफ टाइम का लाइसेंस जिन लोगों को जारी हुआ है, उसमें यह जांचा जाएगा कि जिस व्यक्ति के नाम पर लाइसेंस है, वह अब इस दुनिया में है या भी नहीं।

    आबकारी विभाग ने पाया कि जिनको लाइसेंस जारी हुए थे, उनमें कुछ शराब तस्करी में जुट गए थे। यह बात सामने आने पर ही आबकारी विभाग ने घर में शराब रखने के लिए सख्ती करते हुए नियमों में बदलाव किया है।

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