Mandi Flood: केंद्रीय टीम ने देखी मंडी की त्रासदी, थुनाग में सबसे ज्यादा नुकसान आंका, 53 लोग अभी भी हैं लापता
Mandi Tragedy मंडी जिले में बादल फटने से 708 करोड़ का नुकसान हुआ है जिसमें थुनाग में सबसे अधिक क्षति हुई। केंद्रीय टीम ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और जिला प्रशासन ने नुकसान की रिपोर्ट पेश की। अभी भी 53 लोग लापता हैं। सरकार राहत और पुनर्वास कार्यों में जुटी है

जागरण संवाददाता, मंडी। Mandi Tragedy, हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में 30 जून की रात बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। इन दिनों केंद्रीय टीम प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर है। जिला प्रशासन ने कमेटी के समक्ष नुकसान की रिपोर्ट रखी है। जिला मंडी में बाढ़ में बहे 53 लोग अभी भी लापता हैं व नौ के शव बरामद हुए हैं। जिला मंडी में बादल फटने, बाढ़ एवं भूस्खलन के कारण 708 करोड़ का नुकसान हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान थुनाग उपमंडल में हुआ है, यहां 394 करोड़ रुपये की क्षति हुई है।
इसके अलावा धर्मपुर में 47 और करसोग उपमंडल में 55 करोड़ का नुकसान हुआ है। यह रिपोर्ट उपायुक्त मंडी ने केंद्रीय टीम के समक्ष रखी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग में उप सचिव (वित्त आयोग डिविजन) कंदर्प वी पटेल ने की।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने आपदा से हुए नुकसान पर एक प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग को सड़कों, पुलों व अन्य संपत्ति का लगभग 302 करोड़ रुपये का नुकसान अभी तक आंका गया है। जलशक्ति विभाग को 190 करोड़ रुपये तथा विद्युत बोर्ड लगभग 34 करोड़, ग्रामीण विकास विभाग को लगभग 58 करोड़, बागवानी विभाग को 31 करोड़ रुपये, कृषि विभाग को आठ करोड़ रुपये से अधिक, शिक्षा विभाग को 15 करोड़ से अधिक, नगर निगम मंडी को साढ़े छह करोड़ रुपये तथा स्वास्थ्य विभाग को लगभग तीन करोड़ का नुकसान आरंभिक तौर पर आंका गया है।
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पटीकरी पावर हाउस को 85 कराेड़ का नुकसान
निजी संपत्तियों की बात करें पंडोह के समीप पटीकरी पावर हाऊस को लगभग 85 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा अन्य नुकसान भी आंका गया है।
349 मकान पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त
अभी तक 349 मकानों के पूर्ण रूप से तथा 546 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने का आंकलन है। जिला में 241 दुकानें, 755 पशुशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं जबकि 1155 पशुधन की हानि हुई है। प्रभावितों को 57 लाख रुपये से अधिक की राशि दी गई है।
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15 राहत शिविरों में रह रहे 393 प्रभावित
700 लोगों को 17 राहत शिविरों में रखा गया है। वर्तमान में 15 राहत शिविरों में 393 प्रभावित रखे गए हैं। 3857 राशन किट, 1238 कंबल, 6752 तिरपाल सहित अन्य राहत सामग्री प्रभावितों को वितरित की गई है। राहत एवं पुनर्वास कार्यों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारतीय सेना, आईटीबीपी, गृह रक्षक के जवानों की मदद ली गई है।
राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के समक्ष प्रस्तुत करेंगे रिपोर्ट : पटेल
बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग में उप सचिव (वित्त आयोग डिविजन) कंदर्प वी पटेल ने कहा कि केंद्रीय दल वस्तुस्थिति का जायजा ले रहा है। दल के समक्ष आरंभिक तौर पर नुकसान से संबंधित दावे प्राप्त हुए हैं जिन पर पूरी तत्परता से और सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। अंतिम दावा प्राप्त होने के उपरांत यह दल अपनी रिपोर्ट तैयार कर आपदा प्रबंधन पर गठित राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के समक्ष प्रस्तुत करेगा। समिति की संस्तुति के उपरांत अंतिम रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों से आग्रह किया कि वे निर्धारित मानदंडों के अनुसार नुकसान से संबंधित अपने दावे प्रस्तुत करें।
पुनर्निर्माण एवं बहाली के कार्यों पर कर रहे ध्यान केंद्रित : डीसी राणा
देश सरकार में विशेष सचिव (राजस्व एवं आपदा प्रबंधन) डीसी राणा ने केंद्रीय टीम का स्थल निरीक्षण एवं आपदा से हुए नुकसान के आकलन में तत्परता से कार्य करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने जिला प्रशासन से आपदा से बेघर हुए लोगों के लिए अस्थायी निवास के दृष्टिगत प्री-फेब्रिकेटेड ढांचे तैयार करने की संभावनाएं तलाशने का भी आग्रह किया।
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