Mandi Cloudburst: आपदा में दूसरों का दर्द बांटते रहे Jairam Thakur, 10 दिन बाद गांव पहुंचे तो जर्जर मिला घर
Jairam Thakur house Damage मंडी में भारी बारिश और भूस्खलन से प्रभावित लोगों की मदद करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अपने घर की क्षति का पता चला। दस दिनों तक पीड़ितों से मिलने के बाद जब वे अपने पैतृक निवास लौटे तो उन्होंने पाया कि उनके पुराने मकान में दरारें पड़ गई हैं और बगीचा बह गया है।
मुकेश मेहरा, मंडी। Jairam Thakur house Damage, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाल की भारी बारिश और भूस्खलन से प्रभावित लोगों के दुख-दर्द को बांटने में दिन-रात एक कर दिए, लेकिन जब 10 दिन बाद वे अपने घर पहुंचे तो देखा कि उनके अपने आशियाने पर भी आपदा की मार पड़ चुकी थी। लोगों को ढांढस बंधाते हुए जयराम ठाकुर शायद इस बात से अंजान थे कि उनका अपना घर भी सुरक्षित नहीं है।
क्षेत्र में कनेक्टिविटी न होने और व्यस्तता के कारण उनका आसपास के लोगों से भी संपर्क नहीं हुआ। लगातार 10 दिन तक विभिन्न प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात करने और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन देने के बाद, जब जयराम ठाकुर अपने पैतृक निवास लौटे, तो वहां का मंजर देख वे भी दंग रह गए। उनके पुराने मकान में जगह-जगह दरारें पड़ गई थीं और उनका खूबसूरत बगीचा भी आधे से ज्यादा बह चुका था।
सराज में आपदा के 10 दिन बाद अपने पुराने घर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तो क्षतिग्रस्त मिला भवन... pic.twitter.com/qeEOPkv8f9
— Rajesh Sharma (@sharmanews778) July 10, 2025
आपदा से कोई अछूता नहीं
इस घटना ने एक बार फिर यह दर्शा दिया है कि हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा ने कितनी विकराल रूप धारण किया है, जिसने आम आदमी से लेकर प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व तक किसी को नहीं बख्शा है। जयराम ठाकुर के इस अनुभव ने निश्चित रूप से उन्हें जनता के दर्द को और करीब से महसूस करने का अहसास दिया। लेकिन अपना दर्द भूलकर सराज के लोगों के साथ खड़े नेता प्रतिपक्ष की हर कोई सराहना कर रहा है।
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सराज में 500 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए
सराज में 500 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। पहली जुलाई से ही जयराम ठाकुर लोगों के बीच जाकर इनका दर्द समझ रहे थे, लेकिन इस बात से अनजान थे कि जिस घर में उनका बचपन बीता वह भी आपदा में रहने लायक नहीं रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री का एक भाई रहता है पुराने घर में
जयराम ठाकुर का यह पुराना घर है, जहां उनका बचपन बीता है। उनके एक भाई इस पुश्तैनी घर में रह रहे हैं, जबकि उनकी माता नए घर में रहती हैं। जयराम ठाकुर की पुराने घर से यादें जुड़ी हुई हैं। लेकिन 30 जून की आपदा ने उनके घर को क्षतिग्रस्त कर दिया है।
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