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    आपदा के बीच थुनाग से 50 KM दूर चैलचौक में हार्टिकल्चर कालेज की कक्षाएं लगाने की तैयारी, उस रात भागकर बचाई थी जान

    Horticulture College Thunag मंडी में बादल फटने से प्रभावित हार्टिकल्चर कॉलेज थुनाग की कक्षाएं अब चैलचौक में चल सकती हैं। आपदा के बाद कॉलेज भवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था जिसके चलते यह फैसला लिया जा रहा है। राजस्व मंत्री के ज्ञापन के बाद मुख्यमंत्री भी घटनास्थल का दौरा कर सकते हैं। बाढ़ के दौरान विद्यार्थियों ने भागकर जान बचाई थी जिसके बाद उन्हें बसों से घर भेजा गया।

    By editorial DrmEdited By: Rajesh Kumar Sharma Updated: Thu, 10 Jul 2025 12:42 PM (IST)
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    सराज दौरे के दौरान आपदाग्रस्त क्षेत्र का मुआयना करते सीएम सुक्खू।

    गगन सिंह ठाकुर, थुनाग। Horticulture College Thunag, जिला मंडी के सराज में 30 जून की आपदा की चपेट में आए हार्टिकल्चर कालेज थुनाग की कक्षाएं अब 50 किलोमीटर दूर चैलचौक स्थित अटल आदर्श विद्यालय के नए भवन में चलाने की तैयारी है। राजस्व व बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी को विद्यार्थियों की ओर से दिए गए ज्ञापन के बाद इस बारे कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

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    वीरवार को मुख्यमंत्री सुक्खविंदर सिंह सुक्खू के सराज से वापसी के कार्यक्रम के दौरान अटल आदर्श विद्यालय के भवन का निरीक्षण भी रखा गया। ऐसे में इस बात की संभावना है की होर्टिकल्चर संस्थान के अपने भवन को सही स्थिति में आने तक यहां पर कक्षाएं लग सकती हैं।

    इस बारे उपायुक्त मंडी और स्थानीय प्रशासन की टीम के बीच भी चर्चा हुई है और अगर मुख्यमंत्री उक्त स्थान का दौरा करने के बाद वह यदि इसे उपयुक्त समझते हैं तो अटल आदर्श विद्यालय में कक्षाएं चलाई जा सकती हैं।

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    जिस दिन बाढ़ आई उसका मलबा और पानी संस्थान के धरातल मंजिल में घुस गया था। विद्यार्थियों ने जैसे तैसे अपनी जान बचाई थी और तीन दिन बाद पैदल बगस्याड़ पहुंचे थे। इसके बाद परिवहन निगम की बसों में उनको अपने-अपने घर प्रशासन ने रवाना किया था। वहीं वीरवार को मुख्यमंत्री सुक्खविंदर सिंह सुक्खू ने देजी व बाडा गांव के दौरे पर रहे। यहां पर लोगों और व्यापारमंडल के सदस्यों ने उनको अपनी समस्याएं बताईं।

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    कालेज में घुस गया था मलबा, भागकर बचाई थी जान

    बता दें कि 30 जून को कालेज के प्रथम तल में मलबा घुस गया था। विद्यार्थियों ने भागकर जान बचाई थी। आपदा के तीन दिन बाद विद्यार्थी 14 किलोमीटर पैदल चलकर बगस्याड पहुंचे थे, इससे आगे बस में अपने घर की ओर रुख कर सके थे। आपदा के दौरान कालेज में 92 विद्यार्थी हास्टल में थे।

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