'नदी किनारे सड़क नहीं बननी थी, पहाड़ों में सुरंग निर्माण होना चाहिए था' गडकरी के बयान के बाद क्या नए सिरे से बनेगा मनाली हाईवे
Manali Highway केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कीरतपुर-मनाली फोरलेन की डीपीआर पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने गूगल से डीपीआर बनाई। नदी किनारे सड़क बनने की जगह सुरंग बननी चाहिए थी। एनएचएआई ने डीपीआर में कमी मिलने पर कंपनी के 23.72 लाख रुपये जब्त किए और ब्लैकलिस्ट कर दिया। अब एनएचएआई सुरंग और फ्लाईओवर से हाईवे बनाएगा।

जागरण संवाददाता, मंडी। Manali Highway, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कीरतपुर-मनाली फोरलेन की नेरचौक-मनाली के भाग की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पर प्रश्न उठाए हैं। फिक्की के कार्यक्रम के प्रसारित वीडियो में नितिन गडकरी ने कहा कि निजी एजेंसी ने घर में बैठकर गूगल पर डीपीआर बना दी।
नदी किनारे सड़क नहीं बननी थी। पहाड़ के बीच से सुरंगों का निर्माण होना चाहिए था, अगर डीपीआर सही ढंग से बनाई जाती तो पर्यावरणीय व तकनीकी दृष्टि से ज्यादा सुरक्षित व दीर्घकालीन समाधान मिल सकता था। मंडी से मनाली तक यह मार्ग 2023 से प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने भी इस परियोजना की डीपीआर में पाई गई गंभीर कमियों को लेकर परामर्शदाता कंपनी एसएनसी लवलीन इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर कार्रवाई की थी। एनएचएआइ ने पंडोह बाईपास से टकोली खंड के चार लेन निर्माण के लिए तैयार की डीपीआर में कमियां मिलने पर कंपनी की 23.72 लाख की राशि जब्त की थी।
अब एनएचएआई सुरंग और फ्लाईओवर के जरिये मनाली तक हाईवे का निर्माण करेगा। इसके लिए अधिकारियों ने योजना बनानी शुरू कर दी है।
2022 में हुए थे राशि जब्त करने के निर्देश
एनएचएआइ मुख्यालय ने 12 अप्रैल 2022 को परियोजना इकाई मंडी को राशि जब्त करने के निर्देश दिए थे। एसएनसी लवलीन इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को चारलेन सड़क परियोजना के लिए डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। नेरचौक-पंडोह व पंडोह-टकोली खंड में कार्यक्षेत्र (स्कोप) में अपेक्षित से अधिक बदलाव पाए गए।
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इस कारण प्रभावित हुई थी योजना
नेरचौक पंडोह खंड में 25.61 प्रतिशत व पंडोह-टकोली खंड में 9.53 प्रतिशत का अतिरिक्त बदलाव सामने आया था। एनएचएआइ के अनुसार यह बदलाव कंपनी द्वारा तैयार की डीपीआर में कमियों के कारण हुए थे। इससे चलते परियोजना लागत बढ़ी व योजना प्रभावित हुई थी।
अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट की डीपीआर में थी गंभीर कमियां
25 मार्च 2021 को भी एनएचएआई ने नेरचौक मनाली के अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट की डीपीआर में गंभीर कमियां मिलने पर अनुबंध की धारा 7.4 के तहत कार्रवाई शुरू करने की सिफारिश की थी।
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कंपनी को कर दिया था ब्लैकलिस्ट
एनएचएआइ के मंडी स्थित परियोजना निदेशक ने क्षेत्रीय कार्यालय शिमला को भेजे पत्र में कहा था कि एसएनसी लवलीन ने स्कोप में बदलाव से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट व आंकड़े समय पर नहीं दिए, जिससे परियोजना की व्यवहार्यता प्रभावित हुई। हालांकि कंपनी ने अपने उत्तर में दावा किया था कि उसकी डीपीआर 2011 में कराए गए टोपोग्राफिक सर्वे व प्रोफाइल ड्राइंग पर आधारित थी, लेकिन पिछले छह-सात वर्ष में भारी वर्षा, भूस्खलन व भूकंप के कारण जमीन की स्थिति बदल गई। एनएचएआइ ने इस स्पष्टीकरण को संतोषजनक नहीं माना व कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया था।
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