Himachal Flood: बाढ़ में 6 जगह फोरलेन का नामोनिशान मिटा, टोल प्लाजा पर बह रही ब्यास; कब खुलेगा मनाली हाईवे?
Himachal Pradesh Flood मंडी से कुल्लू तक का फोरलेन मार्ग भूस्खलन और भारी बारिश के कारण छह स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है जिससे 1000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। ब्यास नदी में बाढ़ से कुल्लू-मनाली मार्ग पर भारी तबाही हुई है। एनएचएआई द्वारा मार्ग बहाली का कार्य जारी है और वीरवार दोपहर तक मार्ग बहाल होने की उम्मीद है।
हंसराज सैनी, मंडी। Himachal Pradesh Flood, प्राकृतिक आपदा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को पहाड़ जैसी चुनौती दे गई है। इस चुनौती से निपटना इतना आसान नहीं है। दो वर्ष के अंदर ही कीरतपुर-मनाली फोरलेन का पंडोह से मनाली तक अस्तित्व समाप्त हो गया। यहां अब नए सिरे से ही मार्ग का निर्माण होगा। टोल प्लाजा पर ब्यास नदी बह रही है।
छह जगह मिटा फोरलेन का नामोनिशान
भारी वर्षा व भूस्खलन से एनएचएआइ को अब तक 1000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। वर्ष 2023 की आपदा के मुकाबले इस बार नुकसान चार गुना अधिक है। ब्यास नदी में सोमवार देर रात आई बाढ़ से कुल्लू से मनाली तक मार्ग छह स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुआ है। इन स्थानों तक मशीनरी पहुंचाना चुनौती बन गया है।
मार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त हुआ है। बिंदु ढांक में मार्ग का नामोनिशान नहीं बचा है। 15 मील, रायसन, लग्जरी बस स्टैंड मनाली व डोहलू टोल बैरियर के पास मार्ग का बड़ा भाग बह गया है। बिंदु ढांक तक आज दोपहर बाद तक मशीनरी पहुंचने की उम्मीद है।
20 पोकलेन लगाई मार्ग बहाली में
एनएचएआइ ने मार्ग बहाली के लिए 20 पोकलेन लगाई हैं। वहीं मंडी के दवाड़ा व झलोगी में भी मौसम अनुकूल व ब्यास नदी का जलस्तर कम होते ही एनएचएचआई ने मार्ग बहाली का काम शुरू कर दिया है। झलोगी में मार्ग का बड़ा भाग जमींदोज हो गया है। दवाड़ा में ब्यास नदी का पानी मार्ग पर आने से भारी क्षति हुई है। यहां चट्टानों को मशीनों से तोड़ा जा रहा है।
कल तक बहाली संभव, सैकड़ों लोग फंसे
अगर मौसम अनुकूल रहा तो वीरवार दोपहर बाद तक मार्ग बहाल होने की उम्मीद है। पंडोह से औट के बीच पिछले दो दिन से सैकड़ों वाहन व लोग जगह-जगह फंसे हुए हैं। पंडोह टकोली खंड में भी मार्ग बहाली के लिए 30 से अधिक मशीनें लगाई गई हैं। एनएचएआइ के वरिष्ठ अधिकारी व इंजीनियर मौके पर डटे हुए हैं।
मार्ग बहाली का कार्य युद्धस्तर पर शुरू
पंडोह से मनाली तक मार्ग बहाली का काम युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है। बड़ी संख्या में मशीनरी लगाई गई है। भूस्खलन, बाढ़ व भारी वर्षा से नुकसान अधिक हुआ है।
-वरुण चारी, परियोजना निदेशक, एनएचएआई मंडी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।