कुल्लू दुष्कर्म मामला: डंडा व पीड़िता के कपड़े बरामद, पुजारी और डॉक्टर के बयान भी दर्ज; SDM की बढ़ेगी मुश्किल
Kullu SDM Case कुल्लू के एसडीएम विकास शुक्ला पर दुष्कर्म के आरोपों के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है। पुलिस ने घटना स्थल से महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए हैं और पीड़िता के इलाज से जुड़े निजी अस्पताल के चिकित्सक का बयान दर्ज किया है जिसमें उन्होंने पीड़िता के स्कूटी से गिरने की बात कही थी।

जागरण संवाददाता, मंडी। कुल्लू के एसडीएम रहे विकास शुक्ला पर लगे दुष्कर्म के आरोपों की पुलिस ने जांच तेज कर दी है। एसडीएम आवास पर 24 सितंबर 2024 को जिस डंडे से आरोपितों ने पीड़िता की पिटाई की थी तथा उस दौरान पीड़िता ने जो कपड़े पहन रखे थे, पुलिस ने अपने कब्जे में लिए हैं।
पुलिस ने कुल्लू के निजी अस्पताल से पीड़िता का उपचार संबंधी रिकाॅर्ड भी कब्जे में लिया है। इन सभी वस्तुओं को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। पिटाई से पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गई थी। इस पूरे मामले में आरोपित एसडीएम की अब मुश्किल बढ़ना तय माना जा रहा है।
पिटाई के बाद निजी अस्पताल में ले गए थे आरोपित
आरोपिताें ने पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए उसे कुल्लू के एक निजी अस्पताल में यह कह भर्ती करवा दिया था कि वह स्कूटी से गिरी है। पुलिस ने पीड़िता का उपचार करने वाले निजी अस्पताल के चिकित्सक के बयान भी दर्ज किए हैं।
मंदिर के पुजारी ने भी दिया बयान
वहीं मंदिर के पुजारी ने भी अपने बयान में पुष्टि की है कि एसडीएम विकास शुक्ला व उसके साथी पीड़िता के साथ मंदिर में आए थे। पुलिस अब इन बयानों व साक्ष्यों के आधार पर जांच को आगे बढ़ा रही है। इससे आने वाले दिनों में आरोपितों की मुश्किल बढ़ सकती है।
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दुष्कर्म पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट व राज्यपाल से लगाई न्याय की गुहार
अनुसूचित जाति वर्ग से संबंध रखने वाली कुल्लू जिले की दुष्कर्म पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सहित कई उच्च अधिकारियों को विस्तृत शिकायत पत्र भेजकर निष्पक्ष जांच व सुरक्षा उपलब्ध करवाने की मांग की है। महिला ने कुल्लू के एसडीएम रहे एचएएस अधिकारी विकास शुक्ला पर तीन वर्षों तक यौन शोषण, मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न तथा पद का दुरुपयोग करने गंभीर आरोप लगाए हैं।
पीड़िता का कहना है कि जब भी उसने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने की कोशिश की, तो आरोपित व उसके सहयोगियों ने उसे धमकाया। साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश की। उसका मोबाइल फोन,जिसमें काल रिकार्ड व एसएमएस जैसे महत्वपूर्ण साक्ष्य मौजूद थे,वह भी आरोपितों ने छीन लिया था। फोन अब तक वापस नहीं किया गया।
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