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    'जिन देवस्थलों पर जाना वर्जित, वहां पिकनिक मनाने पहुंच रहे लोग'... मर्यादा भूलोगे तो, सर्वदेवता समिति ने जताई नाराजगी

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 05:01 PM (IST)

    Mandi Sarv Devta Samiti मंडी में सर्व देवता सेवा समिति ने देवस्थलों की मर्यादा भंग होने पर चिंता जताई है। समिति ने देवस्थलों के आसपास पर्यटक स्थल बनाने का विरोध किया है और मंदिरों से तीन किलोमीटर दूर सड़क बनाने का प्रस्ताव रखा है। देवताओं के गूरों ने कहा कि मनुष्य मर्यादा भूल गया है और प्राकृतिक आपदाएं इसी का परिणाम हैं।

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    मंडी में शनिवार को सर्व देवता सेवा समिति की बैठक में उपस्थित सदस्य। जागरण

    जागरण संवाददाता, मंडी। Mandi Sarv Devta Samiti, देवी-देवताओं ने अपने लिए सदा से एकांत, पवित्र और शांति के स्थान चुने थे। श्रद्धालु पहले देव मर्यादा को ध्यान में रखकर मनोकामना मांगने और पूरी होने पर मंदिर में हाजिरी देते थे। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। पवित्र देवस्थलों में पिकनिक मनाने वालों की भीड़ बढ़ने लगी है। शराब की बोतलें, कचरा और यहां तक कि तीर्थ स्थलों के पवित्र कुंडों के पास वस्त्र और गंदगी मिलना अब आम हो गया है।

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    देवनीति के बजाय मनमर्जी से कार्य हो रहे

    मंडी जिले के प्रमुख देवी-देवताओं ने अपने गूरों के माध्यम से यह देववाणी दी है कि मनुष्य अपनी मर्यादा भूल गया है, देवनीति के बजाय मनमर्जी से कार्य हो रहे हैं। शनिवार को संस्कृति सदन कांगनीधार में आयोजित सर्व देवता सेवा समिति की कार्यकारिणी बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठा।

    देवताओं के कुंड का अपवित्र होना आस्था पर चोट

    सर्वदेवता सेवा समिति के अध्यक्ष शिवपाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में गूरों, पुजारियों और कारदारों ने गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कुंड केवल जल स्रोत नहीं हैं, बल्कि देवताओं के लिए शक्ति-साधना का आधार हैं। उनका अपवित्र होना हमारी आस्था और संस्कृति पर चोट है।

    देव स्थान से तीन किलोमीटर दूर रखी जाए सड़क

    बैठक में कारदारों ने प्रस्ताव रखा कि जहां-जहां देवी-देवताओं के स्थान हैं, वहां से सड़क कम से कम तीन किलोमीटर दूर रखी जाए। मंदिरों के आसपास कोई भी पर्यटक स्थल या विश्राम गृह न बनाया जाए ताकि देवस्थलों की पवित्रता और शांति बनी रहे।

    गूरों ने कहा कि प्राकृतिक त्रासदी जो हिमाचल, उत्तराखंड व अन्य राज्यों में हो रही हैं। यह प्रकृति का प्रकोप है और मनुष्यों को अपनी मर्यादा को ध्यान में रखकर ही जीवन व कार्य करना चाहिए।

    भूतनाथ मंदिर में बनेगा जगती स्थान

    चर्चा के दौरान यह भी सामने आया कि जिला कुल्लू में जब भी देवताओं का सामूहिक निर्णय लेना होता है तो उनके ‘जगती’ स्थान बने हुए हैं, जबकि मंडी में ऐसा प्रविधान नहीं है। गूरों व कारदारों ने सुझाव दिया कि भूतनाथ मंदिर, जहां से मंडी शिवरात्रि का महत्व शुरू होता है, के गर्भगृह के बाहर ऐसा स्थान बनाया जा सकता है। वहां समस्त देवी-देवताओं के गूर बैठकर निर्णय ले सकेंगे। सभी समितियों को अपने-अपने देवी-देवताओं से गूर के माध्यम से अनुमति लेने के निर्देश दिए गए हैं।

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    देव परंपरा भंग करने वाला होगा समिति से बाहर

    शिवपाल शर्मा ने बैठक में स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति या पदाधिकारी देव परंपरा को भंग करने की कोशिश करेगा तो उसे उसी समय देवताओं के नियमानुसार बर्खास्त किया जाएगा और उसकी जगह चरित्रवान व्यक्ति को चुना जाएगा।

    जहां जाना वर्जित, वहां पिकनिक मनाने पहुंच रहे लोग

    बैठक में यह भी चिंता जताई गई कि शिकारी जोगनी, स्नोर में तुंगेश्वरी, चौहार में देवी फूंगनी, फूटाखल की नौणी जोगनी जैसे स्थानों पर आमजन का जाना वर्जित है। ये निरोल की देवियां हैं, जो शांति पसंद करती हैं। सड़क सुविधा होने से अब लोग यहां पिकनिक मनाने पहुंच रहे हैं, जो गलत है।

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    ये रहे मौजूद

    बैठक में तीर्थराज, राजू राम, मोहन लाल उपप्रधान, सुरेंद्र भगोरिया सचिव, हेमराज, भीम देव संयुक्त सचिव, हुक्म चंद संगठन सचिव, रेवती राम सलाहकार, मनोज कुमार प्रेस सचिव व कोषाध्यक्ष, अमर सिंह, गिरधारी, डिकपाल शर्मा, इंद्र सिंह, कश्मीर सिंह, झाबे राम सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।