Himachal Flood: भारी बारिश से तबाही पर देव शरण में जाएगी सर्व देवता समिति, नाराजगी को समझने व समाधान खोजने के प्रयास
Himachal Pradesh Flood हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते लोगों का मानना है कि मंडी के देवी-देवता नाराज हैं। सर्व देवता समिति मंडी जल्द ही 20 से अधिक प्रमुख देवी-देवताओं के पुजारी और कारदारों के साथ एक बैठक आयोजित करेगी। इस बैठक में देवताओं की नाराजगी के कारणों और संभावित समाधानों पर चर्चा की जाएगी।

जागरण संवाददाता, मंडी। हिमाचल प्रदेश इन दिनों प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। भारी वर्षा, भूस्खलन व सड़क धंसने जैसी घटनाओं ने आमजन का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इन घटनाओं के बीच अब लोगों में यह चर्चा तेज हो गई है कि मंडी के देवी-देवता नाराज हैं। इसी नाराजगी को समझने व उसका समाधान खोजने के लिए सर्व देवता समिति मंडी जल्द ही बैठक करने जा रही है।
20 से अधिक प्रमुख देवी-देवताओं के पुजारी व कारदार बुलाए
मंडी को छोटी काशी कहा जाता है। जिला भर में सैकड़ों देवस्थल हैं। परंपरा है कि जिला में बड़े निर्णय देवी-देवताओं की सहमति से ही लिए जाते हैं। अब जब प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, तो सर्व देवता समिति ने 20 से अधिक प्रमुख देवी-देवताओं के पुजारी और कारदारों को मंडी बुलाया है। बैठक में देवताओं की नाराजगी के कारणों व संभावित समाधान पर चर्चा की जाएगी।
प्रमुख देवी देवताओं में जनपद के आराध्य देव कमरूनाग,पराशर ऋषि,हुरंग नारायण,बूढ़ा बिंगल, देव पशाकोट,शुकदेव ऋषि थट्टा,विष्णु मतलोड़ा,शैटीनाग,बिट्ठ नारायण,मगरू महादेव,देव बाला कामेश्वर आदि शामिल हैं।
आपदा को देवी-देवताओं की नाराजगी से जोड़ रहे लोग
स्थानीय लोगों के बीच यह धारणा गहराती जा रही है कि प्राकृतिक आपदाएं केवल मौसम की मार नहीं हैं, बल्कि यह देवी-देवताओं के रुष्ट होने का संकेत भी हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग मानते हैं कि जब देवता नाराज होते हैं तो प्राकृतिक असंतुलन और विपदाएं सामने आती हैं। हाल के दिनों में लगातार हो रही भारी वर्षा व उससे जुड़ी तबाही ने इस धारणा को और मजबूत किया है।
देवस्थलों में गंदगी व नियमों की अनदेखी से बढ़ा रोष
देव समाज से जुड़े लोगों के अनुसार देवस्थलों में बढ़ती गंदगी व परंपरागत नियमों की अनदेखी भी नाराजगी का बड़ा कारण मानी जा रही है। कई जगह श्रद्धालु और पर्यटक देवस्थलों पर साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते। इसके अलावा, देव पूजन व मेले-उत्सवों में परंपरागत नियमों का पालन भी कम हो रहा है। कहा जा रहा है कि देव आचार संहिता का उल्लंघन देवी-देवताओं को अखर रहा है।
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सर्व देवता समिति करेगी समाधान की पहल
बैठक में सर्व देवता समिति देवताओं के संदेश व नाराजगी को समझने का प्रयास करेगी। यह भी तय किया जाएगा कि आगे देवस्थलों की पवित्रता व परंपराओं को बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए जाएं। समिति उम्मीद जता रही है कि देवताओं की कृपा फिर से बनी तो आपदा का प्रकोप कम होगा व लोगों को राहत मिलेगी।
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जिले के प्रमुख देवी देवताओं के पुजारियों व कारदार की बैठक मंगलवार को बुलाई गई थी, लेकिन अधिकतर क्षेत्रों के रास्ते बंद हैं। मौसम अनुकूल व मार्ग बहाल होते ही बैठक की जाएगी।
-शिवपाल शर्मा,प्रधान सर्व देवता सेवा समिति मंडी
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