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    Himachal News: सड़क निर्माण में लापरवाही पर आमरण अनशन पर बैठे कांग्रेस विधायक, ...200 घर खतरे में

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 01:54 PM (IST)

    Himachal Congress MLA Hunger Strike धर्मपुर के कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में लापरवाही के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे हैं। एनएच निर्माण कार्य में कोताही के कारण धर्मपुर उपमंडल में कई घर खतरे में हैं जिससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। विधायक का आरोप है कि सड़क निर्माण में लापरवाही के कारण कई सरकारी कार्यालय भी खतरे में हैं।

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    धर्मपुर के तहत अवाहदेवी में आमरण अनशन पर बैठे विधायक चंद्रशेखर। जागरण

    सहयोगी, धर्मपुर (मंडी)। Himachal Congress MLA Hunger Strike, हिमाचल प्रदेश में सड़क निर्माण में कोताही पर विधायक आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। जालंधर-हमीरपुर-धर्मपुर-मंडी-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) निर्माण कार्य में कोताही से मंडी जिले के धर्मपुर उपमंडल में 200 घरों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं। लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है।

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    एनएच निर्माण कंपनी के खिलाफ जिला मंडी के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक चंद्रशेखर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। उनके आमरण अनशन का बुधवार को तीसरा दिन है।

    निर्माण कार्य में जुटी कंपनी के अधिकारियों की ओर से उठाए गए मामलों पर सही जवाब न देने पर विधायक ने अवाहदेवी में आमरण अनशन आरंभ किया है।

    मंत्री ने की विधायक से बात

    विधायक का कहना है कि सरकार ही अब कार्रवाई तय करेगी। मंगलवार को लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी विधायक चंद्रशेखर से बात की।

    लापरवाही के कारण खतरे में घर

    विधायक का आरोप है कि सड़क निर्माण में बरती जा रही लापरवाही के कारण सज्जाओपिपलू, बनेरड़ी, भरेड़ी, टासनी नाला बहोता से होते हुए टिहरा जाने वाली सड़क पर अधिक बोझ है। कई घरों के डंगे गिर गए हैं तो कुछ स्थानों पर घर गिर गए हैं।

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    सरकारी कार्यालय भी खतरे की जद में

    लोक निर्माण विभाग, बिजली बोर्ड के कार्यालय भी खतरे की जद में हैं और उन्हें अन्य जगह बदलना पड़ा है। सड़क निर्माण में लापरवाही की गई है। उन्होंने मांग की है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस मामले में हस्तक्षेप करें और इस प्रोजेक्ट में हुए कामों की जांच करवाकर लापरवाह अधिकारियों को निकाला जाए। जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, आमरण अनशन जारी रहेगा।

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