हिमाचल: डैहर पावर हाउस में तकनीकी खराबी के बाद पंडोह बांध का जलस्तर बढ़ा, BBMB ने 3 जिलों के लिए अलर्ट किया जारी
हिमाचल प्रदेश में डैहर पावर हाउस के गेट में खराबी के चलते पंडोह बांध का जलस्तर बढ़ गया है। BBMB ने मंडी, कुल्लू और बिलासपुर जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। लोगों को नदी के किनारे जाने से बचने की सलाह दी गई है।

जिला मंडी का पंडोह बांध, यहां से कभी भी पानी छोड़ा जा सकता है। जागरण आर्काइव
विशाल वर्मा, पंडोह (मंडी)। हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में 990 मेगावाट क्षमता वाले डैहर पावर हाउस में तकनीकी खराबी आ गई है। इस कारण स्थिति गंभीर हो गई है। पावर हाउस को पानी देने वाली बग्गी नहर की आपूर्ति रोक दी गई है, इस कारण पंडोह बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
बढ़ती आवक को देखते हुए बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड) ने चेतावनी जारी की है कि आवश्यकता पड़ने पर स्पिल-वे गेट किसी भी समय खोले जा सकते हैं।
बीबीएमबी के इलेक्ट्रिकल एवं मैकेनिकल डिवीजन के अधिशाषी अभियंता संतोष राणा ने बताया कि पंडोह-बग्गी टनल प्रशासनिक कारणों से बंद है, जिस कारण जलाशय में पानी का प्रवाह तेजी से बढ़ रहा है। राणा ने कहा कि बढ़ते जलस्तर को नियंत्रित करने और बांध की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ा जाना आवश्यक हो गया है।
अचानक बढ़ सकता है ब्यास नदी का जलस्तर
उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि स्पिल-वे गेट खोले जाते हैं तो ब्यास नदी का जलस्तर अचानक बढ़ सकता है। इस स्थिति को देखते हुए बीबीएमबी ने निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों, राहगीरों, मछुआरों, पशुपालकों और नदी किनारे कार्य करने वालों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। लोगों को अनावश्यक रूप से नदी किनारे जाने से बचने की सलाह दी गई है।
तीन जिलों के लिए अलर्ट
बांध प्रबंधन के अनुसार जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ते ही गेट संचालन किया जाएगा। इसके साथ ही मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जिलों के उपायुक्तों को भी सतर्क किया गया है ताकि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सुरक्षा उपाय और जागरूकता सुनिश्चित कर सकें।
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डैहर पावर हाउस के अंदर शुरू हो गया था रिसाव
पिछले दिनों डैहर पावर हाउस के गेट में आई तकनीकी खराबी के कारण स्थिति और अधिक जटिल हो गई थी। गाद भर जाने से गेट पूरी तरह बंद नहीं हो पा रहे थे, जिससे पावर हाउस के अंदर पानी का रिसाव शुरू हो गया था। स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए बीबीएमबी ने स्थानीय गोताखोरों की मदद से गेटों से गाद हटाने का कार्य करवाया था।

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