Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Himachal News: मंडी के उपायुक्त ने IIT के निदेशक को लिखा पत्र, आपदा से प्रभावित गांवों की होगी जांच

    By Jagran NewsEdited By: Shoyeb Ahmed
    Updated: Fri, 08 Sep 2023 12:24 PM (IST)

    आइआइटी मंडी के निदेशक के मांसाहार वाले बयान के बाद हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भूस्खलन व भूधंसाव प्रभावित छह उपमंडलों के कई गांवों को जांच के लिए प्रशासन ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के हवाले कर दिया है। इन गांवों में भूस्खलन व भूधंसाव के क्या कारणों का आइआइटी के विशेषज्ञ पता लगाएंगे और सर्वेक्षण करेंगे। विशेषज्ञ इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट प्रशासन को सौंपेंगे।

    Hero Image
    मंडी के उपायुक्त ने IIT के निदेशक को लिखा पत्र

    मंडी, जागरण संवाददाता। आइआइटी मंडी (Indian Institute Of Technology, Mandi) के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा (Director Prof. Laxmidhar Behera) द्वारा हिमाचल में आई आपदा का कारण मांस खाने को (Disaster Reason Eating Nonveg) लेकर बताया है।

    लेकिन अब खबर आई है कि मंडी के प्रशासन (Administration Of Mandi) ने जिले में हुए भूस्खलन व भूधंसाव प्रभावित छह उपमंडलों के कई गांवों को जांच के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के हवाले कर दिया है। इन गांवों में भूस्खलन व भूधंसाव के क्या कारण रहे हैं। आइआइटी के विशेषज्ञ इसका सर्वेक्षण (Survey) करेंगे। यहां पुनर्निर्माण कार्य कैसे संभव होगा। विशेषज्ञ इस पर प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मंडी के उपायुक्त ने आइआइटी के निदेशक को लिखा पत्र

    मंडी के उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने आइआइटी के निदेशक को पत्र लिख सर्वेक्षण कार्य के लिए शीघ्र टीम तैनात करने का आग्रह किया है। आइआइटी के विशेषज्ञों की सेवाएं बतौर परामर्शदाता के रूप में ली जाएंगी। सर्वेक्षण व परामर्शदाता में कितना खर्च आएगा। प्रशासन ने आइआइटी प्रबंधन से इसकी पूरी जानकारी मांगी है। सर्वेक्षण कार्य एक से डेढ़ माह में पूरा करना होगा। रिपोर्ट आधार पर प्रभावित गांवों में पुनर्निर्माण के कार्य शुरु होंगे।

    बता दें कि मंडी के उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर आपदा प्रभावित छह उपमंडलों के 22 गांवों में सर्वेक्षण का दायित्व आइआइटी मंडी को सौंपा है। सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर पुनर्निर्माण कार्य होंगे।

    भारी व बादल फटने से ये हुआ था नुकसान

    अगस्त में हुई भारी वर्षा,बादल फटने व भूस्खलन से सराज,सरकाघाट,सदर,सुंदरनगर व धर्मपुर हलके में भारी नुकसान हुआ था। 699 घर पूरी तरह ध्वस्त हो गए थे। 1182 घरों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। भूधंसाव की वजह से कई गांवों में प्रभावितों के पास घर बनाने के लिए जमीन नहीं बची है। कई घर अभी हवा में लटके हुए हैं। ऐसे घरों को कैसे बचाए जाए प्रशासन ने इस पर भी आइआइटी से रिपोर्ट मांगी है।

    आइआइटी को जांच के लिए सौंपे गए ये गांव

    सरकाघाट,जवाली,रिस्सा,पिंगला,गैहरा, बालीचौकी,थलौट,कुकलाह,हंसू,खोलानाल,जलानाल, थुनाग,बुंग रैलचौक,संगलवाड़ा, धर्मपुर,लंगेहड़,कमलाह,छपाणु,रखेड़ा, सुंदरनगर,फग्वाओं,मरेहड़ा फंग्वास,रैला निहरी,

    सदर,दओरी,हटौण व मसद शामिल हैं।

    ये भी पढ़ें:- मीटिंग एंड ग्रीटिंग के बहाने जूनियर्स से की रैगिंग, 72 छात्रों पर हुई कार्रवाई; दस को किया निलंबित