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    Cyrpto Currency के किंगपिन ने काला धन सफेद करने के लिए बनाई थी पांच शेल कंपनियां, हिमाचल में भी थी एक कंपनी; जानें पूरा मामला

    By Jagran NewsEdited By: Himani Sharma
    Updated: Thu, 16 Nov 2023 08:53 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश के मंडी में क्रिप्टो करेंसी के किंगपिन ने काला धन सफेद करने के लिए पांच शेल कंपनियां बनाई थी। कंपनियों का पंजीकरण फरवरी 2020 से मई 2021 के बीच करवाया था। हिमाचल में हिम जन सेवा फाउंडेशन के नाम से कंपनी बनाई थी। इस कंपनी के माध्यम से मंडी व प्रदेश के अन्य जिलों में सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देना था।

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    काला धन पैसा सफेद करने को सुभाष शर्मा ने बनाई थी पांच शेल कंपनियां

    जागरण संवाददाता, मंडी। कुल्लू के एक निजी अस्पताल में कभी फार्मासिस्ट के तौर पर नौकरी करने वाले क्रिप्टो करेंसी के किंगपिन सुभाष शर्मा ने काला धन सफेद करने के लिए पांच शेल कंपनियां बनाई थी।

    पांचों कंपनियां हिमाचल, चंडीगढ़ व दिल्ली से पंजीकृत है। कंपनियों का पंजीकरण फरवरी 2020 से मई 2021 के बीच करवाया था। हिमाचल में हिम जन सेवा फाउंडेशन के नाम से कंपनी बनाई थी।

    सुभाष शर्मा थे कंपनी के निदेशक

    इस कंपनी के माध्यम से मंडी व प्रदेश के अन्य जिलों में सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देना था। सुभाष शर्मा व उसका खास सिपहसालार हेमराज कंपनी के निदेशक थे। कंपनी का पंजीकरण 27 मई 2021 को हुआ था। सोयमनस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी 28 फरवरी 2020 को अस्तित्व में आई थी। इसमें सुभाष शर्मा व अमित प्रदीप सिंह निदेशक थे। कंपनी का पंजीकरण चंडीगढ़ में हुआ था।

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    कंपनी का कारोबार खाद्य पदार्थों से संबंधित दर्शाया गया था। यूबीबी एसोसियट्स एलएलपी कंपनी का पंजीकरण भी चंडीगढ़ में करवाया गया था। यह कंपनी 19 फरवरी 2021 को अस्तित्व में आई थी। कंपनी का कारोबार कंस्ट्रक्शन से संबंधित दर्शाया गया था। इसमें सुभाष शर्मा,सुखदेव, हेमराज व मयंक जुनेजा निदेशक थे। कंपनी का मुख्यालय पंजाब के जीरकपुर में था।

    सुब्रो टेक्नोलाजी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से हुई थी पंजीकृत

    चौथी शेल कंपनी सुब्रो टेक्नोलाजी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से 29 मई 2021 को दिल्ली में पंजीकृत हुई थी। मल्टीमीडिया के क्षेत्र में पांव जमाने के लिए यह कंपनी बनाई गई थी। इसमें भी सुभाष शर्मा,हेमराज,अमित प्रदीप सिंह व राधिका शर्मा निदेशक थी। पांचवीं कंपनी यूबीबी रिकार्डस के एलएलपी के नाम से चंडीगढ़ में पंजीकृत करवाई थी।

    इसमें सुभाष शर्मा,हेमराज,सुखदेव व मयंक जुनेजा नामित पार्टनर थे। कंपनी का काम रिटेल ट्रेडस,मोटर व्हीकल्स रिपेयर व व्यक्तिगत एवं घरेलू सामान से संबंधित बताया गया था। पांचों कंपनियों को एक एक लाख रुपये की पूंजी के साथ शुरु किया था।

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    क्या होती है शेल कंपनी ?

    सामान्य तौर पर शेल कंपनी से तात्पर्य ऐसी कंपनी से है जो कि सिर्फ कागजों में स्थापित या पंजीकृत होती हैं। इस प्रकार की कंपनी की कोई वास्तविक पहचान, पूंजी,कार्यालय एवं कर्मचारी नही होते हैं। इस प्रकार की कंपनियों को बनाने व पंजीकृत करने का मुख्य उद्देश्य वास्तविक मालिक की पहचान छुपाना, अपने धन एवं निवेश की जानकारी छुपाना, कर चोरी व काला धन सफेद करना होता है।