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    Cyber Crime: सावधान! साइबर अपराधियों ने हिमाचल में फैलाया ठगी का जाल, पिछले दो साल में बढ़े हैं मामले

    साइबर ठगी के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। ठग नए-नए तरीकों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। हिमाचल प्रदेश भी साइबर अपराधियों ने ठगी का जाल फैला दिया है। हिमाचल में पिछले दो सालों में साइबर ठगी की मामले में बढ़ोत्तरी देखी गई है जो कि चिंताजनक है। आइए जानें कि साइबर अपराधी कैसे काम करते हैं और आप उनसे कैसे बच सकते हैं।

    By Hansraj Saini Edited By: Rajiv Mishra Updated: Mon, 09 Dec 2024 10:41 AM (IST)
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    हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहा है साइबर अपराध का मामला (फाइल फोटो)

    हंसराज सैनी, मंडी। डिजिटल युग में जहां इंटरनेट और मोबाइल तकनीक ने जीवन को सरल और सुविधाजनक बना दिया है, वहीं साइबर अपराधियों ने इसका गलत फायदा उठाते हुए लोगों को ठगने के नए-नए तरीके इजाद कर लिए हैं। हिमाचल प्रदेश में विगत दो वर्षों में साइबर ठगी के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है।

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    ठग नए-नए तरीकों से लोगों को अपने जाल में फंसाकर उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं। साइबर अपराधी अक्सर लोगों की भावनाओं, डर, या लालच का फायदा उठाकर ठगी करते हैं।

    उनकी कार्यप्रणाली सुनियोजित होती है। इसमें झूठे फोन कॉल्स, फर्जी ई-मेल, वाट्सएप संदेश और अन्य डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

    ठगी के लिए अपनाते हैं ये तरीके

    डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर ठगी की जा रही है। ठग खुद को पुलिस या सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर दावा करते हैं कि आपका नाम किसी अवैध गतिविधि में शामिल है। डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर लोगों से पैसे ऐंठ रहे हैं। फर्जी कुरियर कॉल्स के नाम पर लोग ठगे जा रहे हैं।

    कूरियर कंपनियों के नाम पर फोन कर दावा करते हैं कि आपके नाम से ड्रग्स या गैरकानूनी सामग्री भेजी गई है। यूपीआई क्यूआर कोड स्कैम भी इन दिनों हो रहा है। किसी फर्जी कारण से क्यूआर कोड स्कैन करने को कहा जाता है। इससे लोगों के खाते से पैसे निकाले जा रहे है।

    ऑनलाइन खरीदारी के बहाने भी ठग अपने इरादों को अंजाम तक पहुंचा रहे हैं। सेना या अन्य सुरक्षा बलों के नाम पर फर्जी खरीदारी की पेशकश की जाती है और पैसे ऐंठे जाते हैं। यही नहीं आसान लोन का झांसा देकर भी ठगी हो रही है। फर्जी एप और वेबसाइट्स के माध्यम से आसान लोन और बड़े रिटर्न का लालच दिया जा रहा है।

    आपातकालीन स्थितियों का लाभ भी ठग उठाने से नहीं चूक रहे हैं। ठगों द्वारा किसी परिचित के बीमार होने या दुर्घटना का झूठा दावा कर पैसे मांगे जा रहे हैं। फर्जी नौकरी के आफर से भी लोगों की जेब पर सेंध लगाई जा रही है। लोगों को घर बैठे काम करने का झांसा देकर पंजीकरण शुल्क के नाम पर ठगी की जा रही है।

    इसलिए फंस जाते हैं लोग

    अपराधियों की सबसे बड़ी ताकत उनकी मनोवैज्ञानिक रणनीति होती है। वह लोगों को डराने या लालच देने में माहिर होते हैं। आपका बैंक खाता बंद हो जाएगा,आपकी गिरफ्तारी हो सकती है, या यह जीवन का सबसे बड़ा अवसर है। जैसे झूठे दावे कर वह लोगों को झांसे में ले रहे हैं।

    साइबर अपराध विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले दो वर्षों में सबसे अधिक मामले यूपीआई ठगी, क्यूआर कोड स्कैम और फर्जी कूरियर कॉल्स के आए हैं। इनमें से अधिकांश पीड़ित बुजुर्ग, कम पढ़े-लिखे लोग या पहली बार डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर रहे व्यक्ति शामिल हैं।

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    शातिरों से बचने के उपाय

    ट्राई द्वारा फोन कनेक्शन काटने की सूचना जैसा अगर आपको ऐसा कोई कॉल आए तो उसे नजरअंदाज करें। यह एक धोखाधड़ी है। फेडेक्स द्वारा पैकेज की सूचना आदि किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए नंबर दबाने के निर्देश को अनदेखा करें। पुलिस द्वारा आधार नंबर की पूछताछ पर ऐसी कॉल्स पर प्रतिक्रिया न दें।

    डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी को धोखाधड़ी समझें। ड्रग्स से संबंधित पैकेज की सूचना जैसी कॉल्स पर भरोसा न करें। किसी को भी सूचना गोपनीय रखने का निर्देश हो तो तुरंत साइबर क्राइम पुलिस को 1930 पर सूचित करें। वाट्सएप या एसएमएस के माध्यम से संपर्क किए जाने पर जवाब न दें।

    गलती से यूपीआई आईडी पर पैसे भेजने का दावा धोखाधड़ी हो सकती है। कार, वाशिंग मशीन या अन्य सामान खरीदने की पेशकश को नजरअंदाज करें और खुद को सेना या केंद्रीय पुलिस बल का सदस्य बताने वाले से सतर्क रहें। जोमेटो के काल्स आने व पते की पुष्टि करने के लिए कुछ भी दबाने का निर्देश न मानें।

    किसी से आटीपी साझा न करें। वीडियो कॉल्स का उत्तर न दें। संदिग्ध कॉल्स पर प्रतिक्रिया न दें और नंबर ब्लाक करें। ब्लू रंग के लिंक पर क्लिक न करें। सरकारी नोटिस की सत्यता जांचें। ऑफलाइन तरीके से सत्यापन करें। अमेरिकी सब-पोना (समन) के नाम पर काल्स की पूरी जानकारी मांगें और धोखाधड़ी का पता लगाएं।

    पुलिस स्टेशन से काल्स आए स्थानीय पुलिस स्टेशन से इसे सत्यापित करें। डेबिट/क्रेडिट कार्ड विवरण साझा न करें। ट्रूकालर का उपयोग करें। क्यूआर कोड या लिंक पर प्रतिक्रिया न दें। आपातकालीन स्थिति में धन मांगने वाले काल्स पर पहले संबंधित व्यक्ति या स्थान से संपर्क करें।

    शेयर/क्रिप्टो करेंसी में निवेश के सुझाव को नजरअंदाज करें। घर से जुड़े कामों के प्रस्ताव जालसाजी हो सकते हैं। रात में मदद मांगने वाले कॉल्स पर पहले स्थिति का विश्लेषण करें। आसान लोन एप के उपयोग करने से बचें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें।

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