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    Digital Arrest: गौर करें... पुलिस, CBI, ED नहीं करती फोन पर डिजिटल अरेस्ट, ठगों के इन तरीकों से रहें सतर्क

    Updated: Mon, 09 Dec 2024 12:12 PM (IST)

    देश भर में साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में आप थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता से डिजिटल अरेस्ट जैसी धोखाधड़ी से बच सकते हैं। हमेशा याद रखें कि किसी भी राज्य की पुलिस या एजेंसी किसी को भी फोन पर डिजिटल अरेस्ट नहीं कर सकती है। साइबर ठग ही पुलिस व अन्य एजेंसी के अधिकारी बनकर लोगों को डराकर पैसे वसूलने की कोशिश करते हैं।

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    देश में साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ रहे। फोटो- जागरण ग्राफिक्स

    राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। पुलिस, सीबीआई, ईडी, कस्टम...ये सभी एजेंसियां बार-बार बता रही हैं कि वे किसी को फोन करके डिजिटल अरेस्ट नहीं करती हैं। फिर भी साइबर ठग लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर अपना शिकार बनाते हैं। साइबर अपराधी डिजिटल अरेस्ट के अलावा और भी तरीके अपनाते हैं। जैसे इन दिनों शेयर बाजार में निवेश के नाम पर ठगी के मामले बढ़े हैं।

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    इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ने साइबर ठगी के कुछ चर्चित तरीकों के बारे में बताया है। इनसे सतर्क रहने के लिए दैनिक जागरण के जागरूक अभियान की दूसरी कड़ी में पढ़िए किन तरीकों से हो सकती है आपके साथ ठगी ताकि आप जागरूक रहें, सुरक्षित रहें..

    क्या है डिजिटल अरेस्ट?

    साइबर लुटेरे पुलिस, कस्टम, ईडी, सीबीआई, आरबीआई, ट्राई या कस्टम अधिकारी आदि बनकर फोन करते हैं और लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग या ड्रग्स कंसाइनमेंट जैसे आरोप में फंसे होने का दावा करते हैं। फिर सामने वाले को झांसे में लेकर अपने बताए खाते में पैसे ट्रांसफर करा लेते हैं।

    कैसे अपने जाल में फंसाते हैं लुटेरे?

    डिजिटल अरेस्ट की शुरुआत कई बार सीधे फोन कॉल पर लुटेरों के बात करने से या फिर इंटरेक्टिव वायस रिस्पांस (आइवीआर) कॉल से होती है, जैसे किसी भी बैंक या मोबाइल कंपनी आदि के कस्टमर केयर में बात करने के लिए कॉल करने पर शुरुआत आइवीआर से ही होती है।

    दोनों ही तरीकों से साइबर अपराधी लोगों को डर या लालच में फंसाते हैं। इसके बाद वो वीडियो कॉल करते हैं और सरकारी विभाग जैसे सेट में बैठा बदमाश पुलिस या कस्टम अधिकारी की यूनिफार्म में सामने आता है।

    उसकी धमकियों से जब पीड़ित बेबस महसूस करने लगता है या निकलने का रास्ता पूछता है तो ये रिश्वत की मांग करते हैं। खुद को फंसा मानकर पीड़ित अपनी क्षमता के अनुसार हर बात मानने को तैयार हो जाता है। इस तरह ठगी को पूरी तरह अंजाम देने तक ठग पीड़ित को कैमरे के सामने रखने के लिए डिजिटल अरेस्ट शब्द का इस्तेमाल करते हैं।

    शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर ठगी

    साइबर अपराधी शेयर मार्केट में पैसा निवेश करने व मुफ्त शेयर ट्रेडिंग सिखाने के नाम पर लोगों को जाल में फंसा लेते हैं। वे शेयर ट्रेडिंग सिखाने की ऑनलाइन क्लास चलाकर विश्वास जीतते हैं। इसके बाद निवेश करने पर बेहतर रिटर्न का लालच देकर मोटी रकम ऐंठ लेते हैं।

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    फिशिंग स्कैम: जानी-मानी कंपनियों के नाम पर मेल

    साइबर लुटेरे नामचीन कंपनियों और सरकारी विभागों के नाम व लोगो का इस्तेमाल कर मैसेज या वाट्सएप भेजते हैं कि केवाईसी करें वर्ना अकाउंट बंद हो जाएगा। इसके लिए ये लोग एक लिंक देते हैं जो एपीके (किसी एप को डाउनलोड करने का लिंक) फार्मेट में होता है। इसे क्लिक करते ही आपका मोबाइल फोन हैक हो जाता है और फिर ये आपके ही फोन से ओटीपी लेकर आपका खाता खाली कर देते हैं।

    जॉब स्कैम

    साइबर लुटेरे फर्जी नौकरियों की भर्ती के मैसेज व लिंक भेजते हैं। लोग लिंक पर क्लिक कर आवेदन कर देते हैं। इसके बाद ये लुटेरे फीस या ज्वॉइनिंग किट के नाम पर पैसे ऐंठ लेते हैं।

    गलती से पैसे भेजने का स्कैम

    गलती से पैसे आपके पास ट्रांसफर हो गए हैं, ऐसा कहते हुए साइबर लुटेरे पैसे लौटाने का आग्रह करते हैं। पीड़ित जैसे ही पैसा लौटाते हैं वो उसका फोन हैक कर ट्रांजेक्शन फेल होने का मैसेज भेज देते हैं। इसी क्रम में खाते से वे बार-बार पैसे ट्रांसफर करा लेते हैं।

    इमोशनल मैनिपुलेशन स्कैम

    साइबर लुटेरे मैट्रीमोनियल साइट, डेटिंग एप या सोशल मीडिया पर फेक प्रोफाइल बनाते हैं। फिर बात कर धीरे-धीरे रिश्ते में सीरियस होने की बात कहते हैं। इमोशनल संबंध बनाने के बाद इमरजेंसी होने की बात कहकर या विदेश से गिफ्ट भेजने की बात कहने की बात कह कस्टम में गिफ्ट फंसने के बहाने लोगों को शिकार बनाते हैं।

    लकी ड्रॉ स्कैम

    इस स्कैम में साइबर लुटेरे लॉटरी या लकी ड्रा प्राइज विनर का मैसेज भेजते हैं। मैसेज में प्राइज मनी का लालच दिया जाता है। लोग लालच में आ जाते हैं, और लिंक को क्लिक करते हैं। तब साइबर ठग राशि ट्रांसफर करने से पहले पांच से दस प्रतिशत टैक्स के तौर पर देने के लिए कहते हैं।

    पार्सल स्कैम: ड्रग्स मिलने की करते हैं बात

    साइबर लुटेरे बताते हैं कि आपके नाम से कोई पार्सल आ रहा था जिसमें ड्रग्स पाया गया है। इस मामले में जुर्माना भरना पड़ेगा और जेल होगी। लोग डरकर पैसे ट्रांसफर कर देते हैं।

    कैश ऑन डिलीवरी स्कैम

    साइबर अपराधी असली शॉपिंग एप जैसी मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट बनाते हैं। यहां से खरीदारी करने पर लोगों के पास फर्जी या गलत प्रोडक्ट पहुंचता है। जैसे मोबाइल खरीदने पर पत्थर या कुछ और।

    चार लाख निवेश पर दो करोड़ रिटर्न का वादा

    साइबर अपराधी सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर पोंजी स्कीम में निवेश पर उच्च रिटर्न देने जैसे- चार लाख जमा करने पर दो करोड़ देने का झांसा देते हैं। लालच में आकर लोग निवेश कर देते हैं।

    लोन और कार्ड स्कैम

    साइबर लुटेरे वेबसाइट और सोशल मीडिया पर आसान प्रक्रिया से पर्सनल लोन व क्रेडिट कार्ड बनाने का दावा करते हैं। जब उनसे संपर्क किया जाता है तो काम करवाने के लिए फीस देने को कहते हैं। रकम मिलते ही वे अपना फोन नंबर बंद कर लेते हैं।

    सेक्सटॉर्शन गिरोह

    साइबर अपराधी किसी लड़की की मदद से लोगों को शिकार बनाते हैं। इसमें आपत्तिजनक स्थिति मे रिकॉर्डिंग कर ली जाती है। बाद में बदनामी की धमकी देकर लोगों से वसूली की जाती है।

    टेक सपोर्ट स्कैम

    साइबर लुटेरे कस्टमर केयर या टेक्निकल सपोर्ट देने वाली फर्जी वेबसाइट के जरिये ठगी करते हैं। इन वेबसाइट पर क्लिक करने के बाद कॉल कर झांसा देते हैं कि उनके सिस्टम में वायरस है। वे लोगों को लिंक पर क्लिक करवाकर, सिस्टम तक पहुंच जाते हैं और सारी जानकारी एकत्र कर लोगों से ठगी करते हैं।

    फेक चैरिटी अपील स्कैम

    इन मामलों में साइबर अपराधी प्राकृतिक आपदा के नाम पर ठगी करते हैं। इसमें लोगों से मदद के लिए दान देने की अपील की जाती है। ये अपराधी लोगों की सहानुभूति का फायदा उठाकर क्राउड फंडिंग कर पैसे ठग लेते हैं।

    ठगी से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां

    हरियाणा की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (साइबर) ममता सिंह ने लोगों को कुछ जरूरी सुझाव दिए हैं, जिन्हें आपको जानने की जरूरत है...

    • अगर कोई खुद को पुलिस या सरकारी एजेंसी का प्रतिनिधि बताता है और गिरफ्तारी या किसी कार्रवाई की बात करता है तो उसे नजरअंदाज करें।
    • अगर कोई कॉल या संदेश यह कहता है कि आपके नाम से पार्सल विदेश से आया है, तो सतर्क रहें। केवल कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर जानकारी प्राप्त करें।
    • निवेश करने से पहले योजना की प्रामाणिकता की जांच करें। केवल सेबी द्वारा पंजीकृत कंपनियों में ही भरोसा करें।
    • जल्दी अमीर बनने का सपना दिखाने वाली योजनाओं में पैसे लगाने से पहले सुनिश्चित करें कि कंपनी पंजीकृत और कानूनी है।
    • आपको अगर किसी भी बिल के भुगतान का दावा किया जाए, तो सीधे संबंधित कंपनी से संपर्क करें। कॉल पर दिए गए किसी भी बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने से बचें।
    • अगर कोई रिश्तेदार या परिचित आर्थिक मदद मांग रहा हो तो पहले कॉल या वीडियो कॉल से उसकी सच्चाई की जांच करें।
    • ऑनलाइन टास्क करने पर पैसा कमाने का वादा करने वाले संदेशों और चैनलों से सतर्क रहें। भुगतान प्राप्त करने से पहले किसी भी प्रकार का शुल्क न भरें।
    • अगर कोई नौकरी का आफर केवल शुल्क जमा करने पर मिलता है तो इसे पूरी तरह नजरअंदाज करें। केवल सरकारी पोर्टल और पंजीकृत कंपनियों के माध्यम से ही नौकरी के लिए आवेदन करें।
    • किसी भी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे आधार नंबर, बैंक डिटेल्स, या पासवर्ड, सोशल मीडिया पर साझा न करें।
    • किसी भी साइबर अपराध की तुरंत शिकायत 1930 पर करें या राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर दर्ज करें।

    दैनिक जागरण साइबर फ्रॉड व साइबर ठगों को लेकर अपने सुधि पाठकों को जागरूक करने के लिए 'लुटेरा ऑनलाइन: सतर्क रहें' नाम से जागरुकता अभियान चला रहा है। साइबर फ्रॉड को लेकर जागरुकता अभियान 'लुटेरा ऑनलाइन: सतर्क रहें' सीरीज का पार्ट-3 कल पढ़िए www.jagran.com पर...

    'लुटेरा ऑनलाइन: सतर्क रहें' सीरीज का पार्ट-1 यहां पढ़िए - Digital Arrest: साइबर अपराधी कैसे चुनते हैं शिकार? यहां से हो रही आपकी जासूसी; इस साल मिलीं 19 लाख से ज्यादा शिकायतें