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    'हिमाचल सरकार गिराने की साजिश में प्रतिभा-विक्रमादित्‍य का हाथ', आश्रय शर्मा ने वीरभद्र परिवार के खिलाफ खोला मोर्चा

    Updated: Fri, 10 May 2024 08:26 PM (IST)

    Himachal News पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व.पंडित सुखराम के पोते आश्रय शर्मा ने वीरभद्र परिवार के खिलाफ मोर्चा खोला है। उन्‍होंने कहा कि सरकार गिराने की स ...और पढ़ें

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    आश्रय शर्मा ने वीरभद्र परिवार के खिलाफ खोला मोर्चा

    जागरण संवाददाता, मंडी। चुनावी मौसम में वीरभद्र सिंह और सुखराम परिवार की राजनीतिक रंजिश एक बार फिर सामने आ गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व.पंडित सुखराम के पोते आश्रय शर्मा ने वीरभद्र परिवार के विरुद्ध मोर्चा खोलते हुए प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और उनके बेटे मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह पर प्रदेश सरकार गिराने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगा हिमाचल की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है।

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    ब्लैकमेलिंग करना वीरभद्र परिवार की पुरानी आदत: आश्रय शर्मा

    शुक्रवार को मंडी में पत्रकारों से बात करते हुए आश्रय शर्मा ने कहा कि प्रदेश का बच्चा-बच्चा इस बात को जान चुका है कि सरकार गिराने की साजिश किसने रची और हरियाणा के एक होटल में किसके नाम पर कमरे बुक हुए हैं।

    उन्होंने कहा कि सत्ता के लिए ब्लैकमेलिंग करना वीरभद्र परिवार की पुरानी आदत रही है। कभी एनसीपी में जाने की तो कभी पार्टी तोड़ने की धमकी दी थी। वीरभद्र परिवार के लिए मंडी राजनीतिक पर्यटन स्थल बन गया है।

    मंडी की जनता ने एक परिवार का नहीं लिया ठेका: आश्रय

    मंडी की जनता ने एक भी परिवार का ठेका नहीं लिया है। खुद को बड़ा विजनरी बताने वाले विक्रमादित्य सिंह बताएं कि 1971 से अब तक उनके परिवार ने छह बार मंडी का प्रतिनिधित्व किया है। क्यों जलोड़ी जोत, भुभु जोत,चैहणी सुरंग नहीं बनी। ब्यास नदी का तटीकरण क्यों नहीं हुआ। मंडी को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिलाने में क्यों टांग अड़ाई थी।

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    आश्रय बोले- काम करने में दम रखती हैं कंगना

    चुनाव आए तो अब भगवा रंग की याद आ रही है और सनातन धर्म का ठेकेदार बनने की कोशिश की जा रही है। पुराने वादे और हसीन सपने इस बार चलने वाले नहीं है। भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत को अनिल शर्मा ने अपनी बेटी माना है। वह काम करने में दम रखती हैं। उसे हराना पहाड़ जैसी चुनौती है। कल तक पंडित सुखराम के पोस्टर फाड़ने वालों को अब उनकी याद आ रही है।

    जयराम ठाकुर के पक्ष में भी बोले आश्रय

    नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को भक्षक कहने वालों को मंडी की जनता करारा जवाब देगी। उनके पिता अनिल शर्मा ने जयराम ठाकुर के खातिर उपमुख्यमंत्री की कुर्सी ठुकराई है। वह कंगना के पक्ष में सभी 17 हलकों में प्रचार करेंगे। विक्रमादित्य को अब कांग्रेस का पटका पहनने में शर्म आ रही हैं। 52 वर्ष में मंडी में घर क्यों नहीं बना।

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    ईडी व आयकर विभाग क्यों पीछे पड़ा है। विक्रमादित्य सिंह इस बात का जवाब दें। आश्रय शर्मा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। लेकिन उन्होंने चुप्पी साध रखी थी। तीन दिन पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से नाचन में मिलने के बाद वह सक्रिय हो गए हैं। उन्हें संगठन में दायित्व मिल सकता है।