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Himachal Tourist Place: खूबसूरत झील और वादियों का अद्भुद नजारा, गर्मियों में घूमने के लिए मंडी की ये जगह है बेस्ट

मंडी (Himachal Tourist Place) जिले के द्रंग विधानसभा क्षेत्र का पनारसा से ऋषि पराशर का क्षेत्र आपको राहत देगा। देवदार के जंगलों के बीच बसे छोटे-छोटे गांव आपको थकान का एहसास नहीं होने देंगे। अंत में ऋषि पराशर मंदिर पहुंचकर भक्तिमय माहौल मिलेगा। धार्मिक पर्यटन के साथ रोमांच एक साथ मिलेगा। ऋषि पराशर मंदिर से पनारसा की दूरी 37 किलोमीटर है।

By Jagran News Edited By: Gurpreet Cheema Published: Fri, 10 May 2024 07:53 PM (IST)Updated: Fri, 10 May 2024 08:03 PM (IST)
गर्मियों में घूमने के लिए मंडी की ये जगह है सबसे बेस्ट

मुकेश मेहरा, मंडी। शहर की भागदौड़ से दूर पहाड़ में समय बिताना चाहते हैं तो मंडी जिले के द्रंग विधानसभा क्षेत्र का पनारसा से ऋषि पराशर सबसे बेस्ट है। कुल्लू जिला की ओर से पनारसा से मंदिर के लिए संपर्क मार्ग शुरू होता है। पहाड़ की चोटी पर बनाया गया मार्ग आपको अलग रोमांच देगा।

पनारसा से पांच किलोमीटर आगे पहुंचने पर जोल गांव आता है। इसके बाद देवाखाना, बनूटी, शिकारी, पब, चांबधार, प्रेमनगर, पियूण और फिर पराशर।

बनूटी और प्रेमनगर गांव देवदार के जंगल के बीच है। चांबधार में खुले मैदान में लोग पिकनिक मनाने आते हैं। 2700 से 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस क्षेत्र में सेब के बगीचों से सड़क गुजरती है। शिकारी गांव पहुंचने पर सामने सराज घाटी का नजारा देखते ही बनता है। यहां आपके कदम अचानक ठहर जाएंगे। कुछ दूर आगे चलने पर प्रेमनगर गांव आएगा, यहां पर कुछ ही घर हैं।

इससे आगे देवदार के जंगल के बीच गुजरती सर्पीली सड़क आपको प्रकृति का अनूठा अनुभव करवाएगी। कितनी भी तेज धूप होगी, आपको यहां गर्मी का अहसास नहीं होगा। करीब एक से डेढ़ घंटे का यह सफर अलग ही अनुभव करवाता है।

सफर पूरा होने पर अंतिम पड़ाव ऋषि पराशर का मंदिर है। यह मंदिर दूनियाभर में मशहूर है। पियूण पंचायत के प्रधान ढाबे राम बताते हैं कि क्षेत्र में सड़क बनने के बाद पर्यटक आ रहे हैं। क्षेत्र में देवता लक्ष्मी नारायण, शेष नाग, माता तुंगाभगवती के मंदिर हैं। हिमपात के समय घाटी और सुंदर लगती है।

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आईआईटी कमांद से जाओ, पनारसा से वापस आओ

ऋषि पराशर मंदिर जाने के लिए मंडी शहर से भी आइआइटी कमांद से होकर रास्ता है। इसकी दूरी 30 किलोमीटर के आसपास है। यहां भी सड़क बागी नाला के साथ गुजरती है। आप चाहें तो इस रास्ते से ऋषि पराशर जाकर पनारसा होते हुए कुल्लू निकल सकते हैं।

भुंतर से पराशर का किराया 2 से 3 हजार तक

इस क्षेत्र में पहुंचने के लिए दिल्ली या चंडीगढ़ से आप हवाई मार्ग से भूंतर उतर सकते हैं। मनाली-कीरतपुर फोरलेन पर वापस पनारसा की ओर आना होगा। भुंतर से पराशर का टैक्सी का किराया इस मार्ग से 2000 से 3000 रुपये है। पनारसा के पास फोरलेन अलग हो जाता है। आइआइटी कमांद से जाएं तो इतना ही किराया टैक्सी में लगेगा। पनारसा से बस प्रेम नगर तक आती है।

स्थानीय राजमाह, देसी व्यंजन का स्वाद

इस क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर उगाए गए राजमाह, देसी चावल का अलग आनंद आता है। सिड्डू के साथ लिंगड़ू, बिच्छू बूटी का साग, मटर, गोभी, आलू का आनंद भी आप यहां ले सकते हैं। घर जैसे खाने का अनुभव आपको यहां मिलेगा। यहां अधिकतर दालें लोग खेतों में तैयार करते हैं।

बनोटी व प्रेमनगर में होम स्टे, पराशर में विश्रामगृह

वन विभाग के रेंज आफिसर अनु ठाकुर बताते हैं कि पराशर में वन व लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह हैं। वन विभाग के विश्राम गृह की बुकिंग आनलाइन होती है। इसका किराया 1000 रुपये तक है। यहां टेंट हाउस व मड हाउस भी हैं। लोग इसे 1000 से 5000 रुपये तक बुक कर सकते हैं।

पराशर से आगे पनारसा की ओर बनोटी, प्रेमनगर में होम स्टे हैं। इनमें भी दिन का एक कमरे का किराया 1000 रुपये से शुरू होता है। इसमें खाने की भी व्यवस्था होती है।

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