Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    कुल्लू में पैराग्लाइडिंग के दौरान क्यों होते हैं हादसे? जांच में हुआ बड़ा खुलासा

    Updated: Thu, 23 Jan 2025 11:14 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में पैराग्लाइडिंग के दौरान लगातार हो रही दुर्घटनाओं ने सुरक्षा चिंताओं को जन्म दे दिया है। पिछले दो हफ्तों में दो पर्यटकों की मौत हो गई है। जांच में पायलट की लापरवाही सामने आई है। नियमों का पालन न होना हादसों का मुख्य कारण है। पैराग्लाइडर पायलट एयरो स्पोर्ट्स नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।

    Hero Image
    कुल्लू जिले में पैराग्लाइडिंग के दौरान लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं। फाइल फोटो

    दविंद्र ठाकुर, कुल्लू। साहसिक खेलों का रोमांच पर्यटकों की जान पर भारी पड़ रहा है। कुल्लू जिले में पैराग्लाइडिंग के दौरान लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं। दो सप्ताह में दो दुर्घटनाओं में दो पर्यटकों की जान चली गई। दुर्घटनाओं का कारण नियमों की अनदेखी माना जा रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एयरो स्पोर्ट्स नियमों का नहीं हो रहा पालन

    प्रारंभिक जांच में पैराग्लाइडर पायलट की लापरवाही पाई गई है। हादसों के बाद नियमों के पालन के लिए सख्ती करने की बातें होती हैं, लेकिन धरातल पर नतीजा शून्य ही दिखता है। पैराग्लाइडर पायलट लगातार हो रहे हादसों के बावजूद एयरो स्पोर्ट्स नियमों का पालन नहीं करते हैं।

    यह भी पढ़ें- पैराग्लाइडिंग के दौरान दो पर्यटकों की मौत, आखिर क्यों होती हैं दर्दनाक घटनाएं? बचाव के लिए किन नियमों का करें पालन

    पैराग्लाइडिंग साइट पर एंबुलेंस तक नहीं होती है। अधिकतर पैराग्लाइडर पायलटों को सेफ्टी पैराशूट का ज्ञान तक नहीं है। सात जनवरी को रायसन में पैराग्लाइडिंग के दौरान आंध्र प्रदेश के पर्यटक की मौत हो गई, जबकि 16 जनवरी को गड़सा साइट में तमिलनाडु का पर्यटक हादसे का शिकार हो गया।

    दोनों मामलों की प्रारंभिक जांच में पायलट की लापरवाही पाई गई है। अभी मजिस्ट्रेटी जांच जारी है। प्रत्येक साइट में नियमों का पालन नहीं हो रहा है।

    ऐसे लोग नहीं भर सकते उड़ान

    12 वर्ष से कम या 30 किलोग्राम से कम वजन वाले बच्चों को पैराग्लाइडिंग करवाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। पैराग्लाइडर पायलट प्रतिभागियों के साथ कोई हवाई कलाबाजी नहीं कर सकता है।

    उपकरणों पर अधिक भार या कम भार नहीं डाला जाएगा। प्रत्येक उड़ान से पहले सभी प्रतिभागियों को पूर्ण सुरक्षा जानकारी देना अनिवार्य होती है। हृदय रोग, मिर्गी, फेफड़े के रोग, अस्थमा से पीड़ित व्यक्तियों और गर्भवती महिलाओं को पैराग्लाइडिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी।

    ये है नियम

    एयरो स्पोर्ट्स नियम 2022 में पैराग्लाइडर में सेफ्टी पैराशूट और प्रत्येक टेक ऑफ व लैंडिंग साइट पर एंबुलेंस का होना अनिवार्य होता है। दस्ताने, टखने के जूते, प्राथमिक चिकित्सा बाक्स और मरम्मत किट, हेलमेट, सीढ़ी, आठ मिलीमीटर व्यास की 50 मीटर रस्सी, मास्क के साथ कैरबिनर सिलेंडर, प्रत्येक पैराग्लाइडर के लिए दो पुली और आक्सीजन, दोतरफा रेडियो संचार उपकरण, उपकरण पैनल (अल्टीमीटर, कंपास, वायु गति सूचक), ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (सोलो पायलट के लिए) और पायलट की ओर से प्रस्तुत रिकॉर्ड नाम समेत डिजिटल लाग बुक में दर्ज होना चाहिए।

    पायलट चिकित्सकीय रूप से स्वस्थ, पैराग्लाइडिंग करवाने के लिए पायलट, यात्री समेत अन्य व्यक्तियों के लिए 10 लाख रुपये तक का बीमा होना चाहिए। पायलट को टेंडम लाइसेंस के लिए आवेदन करने से पहले एसआईवी (एडवांस कोर्स) पूरा करना अनिवार्य है।

    हादसे के बाद गायब हो जाते हैं साक्ष्य

    बता दें कि पैराग्लाइडिंग के दौरान पायलट पर्यटकों को गो प्रो कैमरे का इस्तेमाल करता है। इस दौरान पूरी उड़ान की रिकार्डिंग की जाती है। हादसे के बाद हर बार यह वीडियो रिकार्डिंग गायब हो जाती है।

    तिथि स्थान घायल मृत्यु
    26 फरवरी 2018 सोलंगनाला 1 0
    14 जून 2018 सोलंगनाला 1 1
    15 नवंबर 2018 डोभी 0 1
    7 अप्रैल 2019 डोभी 0 2
    8 मई 2019 सोलंगनाला 1 1
    10 अगस्त 2019 मझाच 1 1
    18 नवंबर 2019 डोभी 1 1
    15 जून 2022 डोभी 0 2
    24 दिसंबर 2022 डोभी 1 1
    6 मई 2023 पीज 2 0

    11 जनवरी 2023

    रायसन 0 1

    29 मई 2023

    डोभी 1 1
    11 फरवरी 2024

    डोभी

    0 1
    29 मई 2024

    रायसन

    0 1

    07 जनवरी 2025

    रायसन 0 1

    16 जनवरी 2025

    गड़सा 0 1

    यह भी पढ़ें- Paragliding के लिए बेस्ट है हिमाचल प्रदेश की यह जगह, काफी सस्ते में ले सकते हैं इस एक्टिविटी का मजा