Paragliding के लिए बेस्ट है हिमाचल प्रदेश की यह जगह, काफी सस्ते में ले सकते हैं इस एक्टिविटी का मजा
जेन जी को लुभाते हैं एडवेंचर इवेंट्स एंड गेम्स और इनमें भी नंबर एक पर है पैराग्लाइडिंग (Paragliding)। आइए हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की बीड़ बिलिंग घाटी में हाल ही में संपन्न पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप प्रतियोगिता के बहाने जेन जी की ऊंची उड़ान पर नजर डालते हैं और जानेंगे कि पैराग्लाइडिंग का लुत्फ उठाने के लिए कुछ जरूरी बातें।
मुनीष दीक्षित, जागरण। Paragliding: अपने हिस्से का आकाश तो सबको चाहिए। किंतु प्रसन्नता की सीमा नहीं रहती जब यह प्रतीत हो कि पूरा आकाश आपका है...बादल आपको गुदगुदा कर निकल रहे हैं...बहुत ऊंचे पेड़ बहुत छोटे दिख रहे हैं... नदियां जैसे नदियां न रह जाएं...पतली लकीरों में ढल जाएं। कौन नहीं चाहता कि ऐसी जगह पर जाने का मौका मिले। यह केवल कल्पना के दायरे में नहीं है, सत्य के धरातल पर हो रहा है। कहां? हिमाचल प्रदेश की बीड़ बिलिंग घाटी में। यह एशिया की सबसे ऊंचाई वाली और बेहतरीन टेक आफ साइट है। आधिकारिक रूप से सबसे सुरक्षित भी।
बीड़ से 16 किलोमीटर ठीक ऊपर पहाड़ी पर स्थित इस टेक आफ साइट से मानव परिंदे यानी पैराग्लाइडर पायलट 200 किलोमीटर से अधिक दूरी तक की उड़ान भर सकते हैं। बिलिंग में कुछ चाय की दुकानें हैं। इनमें सबसे मशहूर चाचू की दुकान है। यहां आप विदेश से आए कई पैराग्लाइडर पायलटों को चाय पीते और चावल खाते हुए देख सकते हैं। बिलिंग से ही हिमाचल प्रदेश की दो खूबसूरत घाटियों छोटा और बड़ा भंगाल घाटी का द्वार भी खुलता है।
पैराग्लाइडिंग की पसंदीदा जगह
अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक देश-विदेश से सैकड़ों पैराग्लाइडर पायलट बिलिंग के आकाश में पैराग्लाइडिंग करने आते है। इस दौरान ऐसा लगता है मानो आकाश रंग-बिरंगी तितलियों से भर गया है। अगर आप भी बीड़ बिलिंग आना चाहते हैं और पैराग्लाइडिंग नहीं भी आती है, तो निराश होने की जरूरत नहीं है। यहां आप एक अनुभवी पायलट के साथ टेंडम फ्लाइंग करते हुए खुले आसमां में उड़ने की अपनी इच्छा पूरी कर सकते हैं। इसके लिए आपको आनलाइन या बीड़ में लैडिंग साइट के आसपास ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से बुकिंग करनी होगी। इतना ध्यान अवश्य रखना होगा कि सारी प्रक्रिया पंजीकृत हो। बुकिंग से लेकर पायलट चुनने तक। यह न हो कि कोई आपको सस्ते दाम में उड़ान का लालच दे और आप फिसल जाएं। 20 से 25 मिनट की उड़ान का शुल्क 2000-2500 रुपये रखा गया है। इसमें होता यह है कि संबंधित एजेंसी से अपनी गाड़ी में आपको बिलिंग तक ले जाया जाएगा और वहां से फ्लाइंग करवाई जाएगी।
जेन जी का बड़ा जमघट
अब तक बीड़ बिलिंग में 10 बार पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप और दो बार पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप का आयोजन हो चुका है। हाल में पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप प्रतियोगिता निर्विघ्न संपन्न हुई है। बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग शर्मा बताते हैं कि यहां अब पैराग्लाइडिंग के अलावा अन्य साहसिक खेलों को भी शुरू किया जा रहा है। इनमें साइक्लिंग, बंजी जंपिंग, स्काई साइक्लिंग मुख्य हैं। आप यहां बिलिंग से राजगुंधा व बड़ा भंगाल की तरफ ट्रेकिंग भी कर सकते हैं। बीड़ बिलिंग में पर्यटन की अगर बात करें तो यहां सबसे अधिक युवा लोग पहुंचते हैं। जेन जी यहां 70 प्रतिशत से भी अधिक पहुंच रही है। पहाड़ों में ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग करना, यहां के रेस्टोरेंट और कैफे में खानपान का आनंद लेने वालों में युवा अधिक हैं। काफी सालों से यहां पर होटल व्यवसाय से जुड़े सुरेश ठाकुर कहते हैं कि बीड़ बिलिंग में रूस और इजरायल के सबसे अधिक पर्यटक पहुंचते हैं और इनमें सबसे अधिक 25 से 30 साल के बीच के होते हैं। दिल्ली से यहां पहुंचे शरद बताते हैं कि मुझे यहां पहुंचकर काफी अच्छा लगता है। जब भी दिल्ली में मन उदास होता है मैं इन्हीं पहाड़ों पर आता हूं। यहां जंगल में साइक्लिंग करना काफी अच्छा लगता है। घंटों खुली धूप के मैदान में बैठकर आसमान में उड़ते हुए मानव परिंदों को देखकर सारा तनाव भूल जाता हूं!
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कैसे पहुंचें बीड़ बिलिंग?
बीड़ बिलिंग हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा और मंडी की सीमा पर स्थित है। यह कांगड़ा जिला में आता है। यहां तक आने के लिए दिल्ली से रोजाना करीब 20 सामान्य व पर्यटक बसें आती हैं। पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा से भी यहां बैजनाथ तक सीधी बस सेवा उपलब्ध है। बैजनाथ से बीड़ का सफर 15 किलोमीटर है। यहां का नजदीकी कांगड़ा हवाई अड्डा गगल में है। इसकी दूरी 70 किलोमीटर है। नजदीकी ब्राडगेज रेलवे स्टेशन अंब ऊना और पठानकोट हैं। वंदे भारत दिल्ली से अंब अंदौरा तक अधिकतम छह घंटे लेती है। आगे बैजनाथ तक बस या टैक्सी से अधिकतम तीन घंटे में पहुंचा जा सकता है। बीड़ बिलिंग के नजदीकी नैरोगेज रेलवे स्टेशन बैजनाथ पपरोला और जोगेंद्रनगर हैं। हालांकि पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेल सेवा आपदाओं के कारण कुछ वर्षों से नियमित नहीं चल रही है।
हैंगग्लाइडिंग बनाम पैराग्लाइडिंग
बीड़ बिलिंग घाटी बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में सबसे पहले हैंगग्लाइडिंग के कारण सुर्खियों में आई थी। 1984 में यहां हैंगग्लाइडिंग की अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसके बाद 1992 से यहां पैराग्लाइडिंग होती है। हैंग ग्लाइडर एल्यूमीनियम मिश्रित धातु के फ्रेम से बने और सिंथेटिक सेलक्लोथ से ढके होते थे, जो एक पंख का काम करता था। पायलट एयरफ्रेम से लटके हुए हार्नेस में होता था और नियंत्रण फ्रेम के विपरीत शरीर के वजन को स्थानांतरित करके ग्लाइडर को नियंत्रित करता था। इसमें अधिक लंबी उड़ान नहीं भरी जाती थी। उड़ान भरने के बाद धीरे-धीरे पायलट टेक आफ साइट पर लैंड कर जाता था। पैराग्लाइडिंग हैंग ग्लाइडिंग के मुकाबले काफी सुरक्षित है। इसमें नायलान का एक बड़ा पंख होता है जो कई डोरियों की मदद से नीचे एक हार्नेस से जुड़ा होता है। हार्नेस एक बैग होता है जिसमें पायलट बैठता है। पायलट के दोनों तरफ डोरियों का कंट्रोल होता है। इससे वह ग्लाइडर को नियंत्रित करता है।
रहने की व्यवस्था
बीड़ में लैडिंग साइट और चौगान में काफी होटल, गेस्ट हाउस व होम स्टे हैं। यहां कैपिंग साइट भी काफी हैं। आप को यहां 800 रुपये से लेकर 4000 तक अच्छा कमरा मिल सकता है।
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