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    Himachal Disaster: ...तो देवस्थलों से छेड़छाड़ से नाराज देवता, माता हिडिंबा के आदेश पर हुई जगती में क्या हुआ देव निर्देश

    Himachal Pradesh Disaster कुल्लू में माता हिडिंबा के आदेश पर रघुनाथपुर में छोटी जगती हुई। देवताओं ने देवस्थानों से छेड़छाड़ पर नाराजगी जताई और ढालपुर मैदान में किए जा रहे बदलाव को तुरंत रोकने को कहा। बिजली महादेव रोपवे के काम को भी बंद करने का आदेश दिया गया। देवताओं ने कारदार संघ को राजनीति से दूर रहने की हिदायत दी।

    By Jagran News Edited By: Rajesh Kumar Sharma Updated: Thu, 28 Aug 2025 01:18 PM (IST)
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    कुल्लू के रघुनाथपुर में छोटी जगती में भगवान रघुनाथ जी के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह व अन्य। जागरण

    संवाद सहयोगी, कुल्लू। Himachal Pradesh Disaster, आपदा से बचना है तो देवस्थलों से छेड़छाड़ न की जाए। देवस्थलों से छेड़छाड़ से देवी-देवता नाराज हैं। आपदाओं से बचाव के लिए भगवान शिव को मनाया जाए। जिला कुल्लू की आराध्य देवी माता हिडिंबा के आदेश पर कुल्लू के रघुनाथपुर में बुधवार को छोटी जगती हुई।

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    भगवान रघुनाथ जी के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि माता हिडिंबा के आदेश पर हुई छोटी जगती में देवी-देवताओं ने साफ कहा कि देवस्थानों से छेड़छाड़ न की जाए। ढालपुर मैदान में जो छेड़छाड़ की गई है उसे भी तुरंत बंद किया जाए वरना आगामी समय में इसके गंभीर परिणाम लोगों को भुगतने होंगे।

    बिजली महादेव रोपवे को लेकर जताई नाराजगी

    बिजली महादेव रोपवे को लेकर भी देवी-देवताओं ने नाराजगी जताई है और रोपवे का काम बंद करने को कहा गया। महेश्वर सिंह ने बताया कि सरकार के ध्यान में भी यह मामला है और सरकार भी देवताओं के आदेश को मानने के लिए तैयार है। कारदार संघ को भी देवी-देवताओं ने राजनीति से दूर रहने की हिदायत दी है।

    क्या होती है जगती

    दो तरह की जगती होती है। बड़ी जगती जो नग्गर कैसल में जहां 18 करड़ू देवताओं का स्थान है। इसमें देवताओं का आह्वान किया जाता है। पूछ डाली जाती है। मान्यता के अनुसार गोबर के लड्डू पानी में डाले जाते हैं। अगर ये लड्डू ऊपर आ गए तो मान लिया जाता है कि देवता मान गए।

    देवताओं के मना करने पर रद हो गया 1800 करोड़ का प्रोजेक्ट 

    स्की विलेज को लेकर बड़ी जगती हुई थी। देवताओं के मना करने पर 1800 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट रद हो गया था। छोटी जगती दशहरा के संबंध में भी आयोजित की गई थी। यह माता हिडिंबा की अगुआई पर होती है।

    संकट आने पर देव शरण में जाते हैं लोग

    जब भी कुल्लू व आसपास के क्षेत्र में संकट आए तो लोग देवता की शरण में जाते हैं। संकट का समाधान कैसे होगा देवता से पूछा जाता है। देवता का निर्णय अंतिम होता है। इस बार प्राकृतिक आपदा के समाधान व बिजली महादेव रोपवे के संबंध में छोटी जगती हुई।

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