Kangra News: शाहपुर में युद्ध स्मारक का होगा निर्माण, धर्मशाला में वीर नारियां व सेना में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले सम्मानित
War memorial in Himachal शाहपुर में शहीदों की याद में युद्ध स्मारक बनेगा जिसके लिए भूमि चिन्हित हो चुकी है। धर्मशाला में आयोजित सम्मान समारोह में केवल सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल को वीरभूमि का श्रेय यहां के जवानों के बलिदान से मिला है। सरकार वीर नारियों और पूर्व सैनिकों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है।

संवाद सहयोगी, धर्मशाल। शाहपुर में बलिदानियों की यादों को तरोताजा रखने के लिए युद्ध स्मारक का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए भूमि चिंह्नित कर ली गई है। धर्मशाला में रविवार को शाहपुर ब्लाक पूर्व सैनिक सैल के सौजन्य से आयोजित सम्मान समारोह को उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हिमाचल को वीरभूमि होने का श्रेय प्राप्त करने में प्रदेश के वीर सपूतों का अभूतपूर्व योगदान रहा है। जब भी देश को आवश्यकता हुई है, यहां के वीर जवानों ने अभूतपूर्व सैन्य परंपराओं का निर्वहन करते हुए अपने साहस और पराक्रम का परिचय दिया है, यहां तक कि अपने प्राणों की आहुति देने से पीछे नहीं रहे हैं।
कारगिल युद्ध में हिमाचल के 52 वीरों ने अपने प्राण देश के लिए न्योछावर किए। जिनमें से 15 वीर सैनिक कांगड़ा जिले से थे। स्वतंत्रता प्राप्ति से आज तक हिमाचल के लगभग 1728 वीरों ने अपने प्राण देश के लिए न्योछावर किए हैं।
उन्होंने कहा कि इस छोटे से पहाड़ी प्रदेश के चार जाबांज सैनिकों को परमवीर चक्र, 02 को अशोक चक्र, 10 को महावीर चक्र तथा 25 को कीर्ति चक्र जैसे शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अतिरिक्त 1162 सैनिक विभिन्न पदकों से सम्मानित हैं। इनमें से जिला कांगड़ा के 02 परम वीर चक्र (मेजर सोमनाथ शर्मा व कैप्टन विक्रम बतरा), 01 अशोक चक्र, 04 महावीर चक्र, 12 कीर्ति चक्र, 18 वीर चक्र, 30 शौर्य चक्र व 374 सैनिक विभिन्न पदकों द्वारा सम्मानित हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री के नेतृत्व में वीर नारियों, पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के कल्याण के लिए विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं।
अनुग्रह अनुदान राशि की दरों में डेढ़ गुणा बढ़ोतरी
उन्होंने कहा कि सितंबर, 2023 से युद्ध आपरेशन के समय बलिदानी, दिव्यांग हुए सैनिकों के आश्रितों को प्रदान की जा रही अनुग्रह अनुदान राशि की दरों में डेढ़ गुणा बढ़ोतरी की गई। बलिदानी सैनिकों के परिवारों को मिलने वाली 20 लाख की राशि को बढ़ाकर 30 लाख, अन्य कारणों से सैनिकों की मृत्यु पर राशि को 5 लाख से 7.50 लाख तथा युद्ध में दिव्यांग सैनिकों की राशि को 2.50 लाख से 3.75 लाख व 1.00 लाख से 1.50 लाख किया गया।
सितंबर, 2023 से नान पेंशनर पूर्व सैनिकों व उनकी विधवाओं को मिलने वाली बुढ़ापा आर्थिक सहायता की पात्रता के लिए 35,000 रुपये की वार्षिक आय सीमा की शर्त को हटाया गया। इसके साथ ही बुढ़ापा आर्थिक सहायता की मासिक सहायता राशि को पहली अप्रैल, 2025 से 3,000 से बढ़ाकर पांच हजार रुपये कर दिया गया है।
इन्हें किया सम्मानित
उत्कृष्ट सैन्य सेवाओं एवं वीर नारियों को सम्मानित भी किया। जिसमें विशिष्ट सेवा मैडल विजेता कर्नल जय सिंह, वीर नारियों पिंकी देवी, सावित्री देवी, सोमा देवी तथा सिंदूर आपरेशन के बलिदानी सूबेदार मेजर पवन कुमार की पत्नी सुषमा देवी, साधना देवी व बलिदानी राकेश के भाई को सम्मानित किया गया।
सैन्य अनुभवों को किया साझा
इस अवसर पर सुनिता बोहरा ने बलिदानी की मां कविता सुनाकर सबको भाव विभोर किया। विशिष्ट सेवा मेडल से अलंकृत जय सिंह ने अपने सैन्य अनुभवों को सबके साथ सांझा किया। सावित्री देवी ने देशभक्ति से ओतप्रोत प्रस्तुति भी दी। चंगर पूर्व सैनिक सैल ने आपदा राहत कोष के लिए 50 हजार की राशि भी भेंट की।
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ये भी रहे उपस्थित
इस अवसर पर शाहपुर सैनिक सैल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एसएस राणा, उपाध्यक्ष मेजर कुलदीप सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी सुनंदा पठानिया सहित पूर्व सैनिक उपस्थित रहे।
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